what is option trading in hindi
आज हम इस लेख में सिर्फ आप्शन ट्रेडिंग टॉपिक के उपर चर्चा करेंगे जिसके मदद से निवेशक इस तह के trading विकल्प को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और अपने trading के दौरान इसको यूज कर अधिक से अधिक मुंफा कमा सकते हैं .
इसलिए हमने इस लेख में आप्शन trading क्या हैं ? , इसके स्ट्रेटेजी , लाभ , हानि , option trading tips , विशेषताएं आदि के विषय के बारे में विस्तार से बतया हैं जो निवेशक option trading में जाएदा रूचि रखते है उनके लिया यह लेख महत्वपूर्ण बन जाता हैं .
what is option trading in hindi – option trading kya hai ?
finance and investment के क्षेत्र में option trading in hindi मुख्य रूप से दो पक्षों के बिच का अनुबंध होता हैं जो खरीददार को एक स्ट्राइक price पर निर्दिष्ट समय के अंदर किसी कंपनी के stocks को खरीदने या फिर बेचने का अधिकार देने का काम करता हैं .
यदि कोई निवेशक option trading के दौरान किसी कोमप्न्य के शेयर में इन्वेस्ट कने का फैसला करता है तो इस स्थिति में option trading के अनुबंध की सर्तों को पूरा करने के लिए बाध्य होता हैं . इस प्रकार option trading शेयर बाजार एवं अन्य financial markets में जोखिम को कम करने , प्रॉफिट बढाने और साथ ही बाजार के मोवमेंट पर अनुमान लगाने के तरीके के रूप में उपयोग किया जाता हैं .
Table of Contents
option trading की मुख्य Characteristics

stocks market के क्षेत्र में option trading के कई सारे विशेषता है जिनके बारे में निवेशक को को पता होना जरुरी हैं –
1 – अंडर लायिंग एसेट
option trading कॉन्ट्रैक्ट एक अंडरलाइंग एसेट परआधारित होता हैं जैसे , स्टॉक , index , कमोडिटी आदि मुख्य उदहारण हैं .
२ – स्ट्राइक प्राइस
strike price वह मूल्य होता है जिस पर किसी स्टॉक को खरीदा या बेचा जाता हैं बस इसमें इतना ध्यान देने की जरूरत होती हैं की निवेशक option trading के दौरान call की तरफ जा रहे है या फिर put की तरफ
३ – अंतिम तारीख
option trading में पहले से निर्धारित एक अंतिम तारीख तय की जाती हैं जिस के अंदर ही यह trading की जाती हैं और यह तारीख खत्म होने के बाद चुना गया option trading बेकार हो जाता हैं .
4 – प्रीमियम
किसी स्टॉक में मुख्य रूप से खरीदने और बेचने के दौरान प्रीमियम option trading के विक्रेता को खरीददार द्वारा भुगतान की गयी कीमत होती हैं . प्रीमियम विभिन्न प्रकार के कारक से परभावित होती हैं जिसमे किसी स्टॉक के कीमत , स्ट्राइक price , एवं अंतिम तारीख का समय शामिल होता हैं .
५ – प्रकार
option trading दो तरह के होते हैं जिन्हें call option एवं put option के नाम से जाना जाता हैं . call option निवेशक को किसी स्टॉक को स्ट्राइक मूल्य पर खरीदने के अधिकार देता हैं जबकि put option निवेशक को किसी स्टॉक को स्ट्राइक price पर बेचना का अधिकार देता हैं .
6 – तरलता
option trading में तरलता का अर्थ इस बात पर निर्भर करता हैं की बाजार में कितनी आसानी से शेयर खरीदा या बेचा जाता हैं . इसलिए अधिक तरलता वाले option trading stocks में कठिन बिड – आस्क एवं हाई volume देखने को मिलते हैं जिसके वजह से उनमे ट्रेड करना आसान हो जाता हैं .
option trading को कैसे समझे ?-(what is option trading in hindi)
option trading का price विभिन्न तरह के के कारको द्वारा निर्धारित किये जाते हैं , जिनमे किसी स्टॉक की वर्तमान price , स्ट्राइक price , अंतिम तारीख , बाजार की अस्थिरता का लेवल एवं ब्याज दर का लेवल आदि शामिल हैं .
1 -आंतरिक मूल्य
आंतरिक मूल्य मुख्य रूप से किसी stocks के वर्तमान price और स्ट्राइक price के बिच का अंतर होता हैं . उदाहरण के लिए यदि कोई स्टॉक का price 100 रूपए है और call option का स्ट्राइक price 95 रूपए है तब इस स्थिति में आंतरिक मूल्य ५ रूपए होगा .
२ – Time Value
एक option trading के लिए टाइम पीरियड के साथ किसी शेयर के price के मूवमेंट की अनिश्चितता को दर्शाता हैं . जैसे – जैसे समाप्ति तिथि नजदीक आती हैं वैसे – वैसे option का मूल्य घटता जाता हैं .
३ – अंतर्निहित अस्थिरता
फ्यूचर में किसी स्टॉक की अस्थिरता का एक मात्र उपाय निहित अस्थिरता हो सकता हैं जैसा की उस शेयर पर option trading की मौजूदा कीमत से निहित हैं . अधिक अस्थिरता वाले स्टॉक अमूमन उच्च option price की तरफ ले जाते हैं क्योंकि इस बात की अधिक संभावना रहती हैकि स्टॉक price में महत्वपूर्ण से आगे बढ़ोतरी होगी .
4 – ब्याज दर
option की कीमत को ब्याज दर रभावित कर सकती हैं क्योंकि हाई ब्याजदर किसी स्टॉक में स्थिति बनाये रखने की लागत को बढ़ा देती हैं .
५ – आपूर्ति और मांग-what is option trading in hindi
किसी विशेस option trading की आपूर्ति और मांग भी इसकी कीमत को प्रभावित करती है . यदि सेलर की तुलना में खरीददार की संख्या अधिक हैं तो option की कीमत आम तौर पर बढ़ जाएगी और इसके ठीक विपरीत जब खरीददार की संख्या सेलर से कम है तो स्टॉक का price कम हो सकती हैं .
option trading kaise kare – आप्शन ट्रेडिंग कैसे करे ?
किसी स्टॉक में option trading को सफल बनाने के लिए कई सारे प्रक्रिया एवं महत्वपूर्ण कदम अपनाए जाते हैं तब जाकर निवेशक इसके मदद से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं इन्ही कुछ महत्वपूर्ण option trading कैसे किया जाता है के प्रक्रिया के बारे में निचे विस्तार से बताया गया हैं .
1 – अंतर्निहित संपत्ति चुनें
option trading करने के लिए सबसे पहला कदम अंतर्निहित संपत्ति चुनना होता हैं जैसे – स्टॉक , index या , कमोडिटी का चयन करना हैं जिसके मदद से निवेशक option trading कर सकते हैं .
२ – स्ट्रेटेजी सेट करे
किसी भी स्टॉक में निवेश से पहले निवेशक को पहले से अपने स्ट्रेटेजी के मदद से buy price , सेल price ,एवं जोखिम सहनशीलता के आधार पर एक बेहतरीन निवेश रणनीति बनाने की जरुरत होती हैं . इसमें option trading को खरीदना ,बेचना या दोनों का सयोंजन शामिल हो सकता हैं .
३ – स्ट्राइक मूल्य और समाप्ति तिथि चुनें
जब निवेशक अपने रणनीति के अनुसार किसी स्टॉक को चुन लेते है तब option कॉन्ट्रैक्ट के लिए स्ट्राइक का मूल्य और अंतिम तारीख को चुनने की जरुरत हैं . स्ट्राइक राइस वह price होता है जिसपर किसी स्टॉक को खरीदा या बेचा जाता हैं एवं इसके साथ ही अंतिम तिथि वह होता हैं जिसपर option trading खत्म हो जाते हैं .
4 – आर्डर लगाए -what is option trading in hindi
अपने option ट्रेड को एक्टिव करने के लिए निवेशक को ब्रोकर प्लेटफ़ॉर्म के साथ आर्डर देना होगा जो विभिन्न channel के माध्यम से किया जा सकता हैं , जैसे ऑनलाइन trading , फोन द्वारा , आदि .
५ – नजर बनाये रखें
एक बार जब निवेशक का option trading चालू हो जाता हैं तो उसके बाद निवेशक को उस ट्रेड में बारीकी से नजर बनाये रखने की जरुरत हैं . उदाहरण के लिए स्टॉक की कीमत , option कॉन्ट्रैक्ट्स की कीमत , एवं अन्य प्रासंगिक बाजार कारक आदि शामिल हैं जो व्यपार को प्रभावित कर सकते हैं .
6 – रिस्क रिवॉर्ड सेट करे
option trading जोखिम से भरा होता हैं ऐसे में जोखिम को उचित रूप से सेट करना महत्वपूर्ण बन जाता हैं . इसलिए निवेशक को संभावित नुकसान को सिमित करने के लिए स्टॉप लोस आर्डर लगाने की जरुरत हैं इसके अलावा अन्य जोखिम विकल्प जैसे – स्थित अकार या हेजिंग रणनीति का उपयोग किया जा सकता हैं .
७ – क्लोस करे -what is option trading in hindi
जब निवेशक option trading से बाहर निकलना चाहते है तो ऐसे में उन्हें option कॉन्ट्रैक्ट्स को बेचकर अपनी स्थिति को बंद कर सकते हैं और साथ ही काफी हद तक यह option कॉन्ट्रैक्ट्स विशिस्ट शर्त और आपकी trading रणनीति पर निभर करता हैं .
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option trading strategies in hindi
शेयर बाजार option trading में निवेश के लिए कई सारी रणनीति को इस्तेमाल किया जाता हैं जिनमे निवेशक इसका उपयोग विभिन्न निवेश उद्देश्य को प्राप्त करने और जोखिम को सेट करने के लिए कर सकते हैं निचे कुछ रणनीति के बारे विस्तार से बतया गया हैं .
1 – call खरीदना
इस रणनीति में निवेशक call option खरीदकर मुनाफा कमा सकते है जिसमे उन्हें एक निश्चित तिथि तक के लिए एक स्ट्राइक price पर कोई स्टॉक खरीदने का अधिकार दिया जाता हैं . इस रणनीति का उपयोग निवेशक तब करते है जब उन्हें अपने एनालिसिस के द्वारा किसी स्टॉक को फ्यूचर में बढने के असार नजर आते हैं तो ऐसे में वह उस स्टॉक के call option को खरीद सकते हैं .
२ – put खरीदना
इस रणनीति के द्वारा निवेशक put option खरीदकर मुनाफा कमा सकते हैं जिसमे उन्हें एक निश्चित तिथि तक के इए स्ट्राइक price पर कोई स्टॉक को खरीदने के लिए अनुमति दी जाती हैं एवं निवेशक इस रणनीति का उपयोग तभी कर सकते हैं जब उन्हें लगता है की फ्यूचर में कोई स्टॉक का भाव निचे की तरफ जा सकता हैं .
३ – कवर्ड कॉल बेचना-what is option trading in hindi
इस option trading रणनीति में किसी स्टॉक पर call option कॉन्ट्रैक्ट्स को बेचना शामिल होता हैं जो की निवेशक के पास पहले से ही मौजूद होता हैं . यदि कोई स्टॉक की कीमत समाप्ति तिथि तक स्ट्राइक मूल्य से उपर नहीं बढती हैं तो निवेशक उस option contracts के खरीददार द्वारा भुगतान किये गए प्रीमियम को अपने पास रखता है . यदि मूल्य स्ट्राइक price से उपर उठता है तो निवेशक उस समय स्टॉक को स्ट्राइक मूल्य पर बेचने के लिए बाडी होता हैं .
4 – कैश-सिक्योर्ड पुट बेचना
इस option trading रणनीति में stocks पर put option कॉन्ट्रैक्ट बेचना शामिल है जिसे निवेशक स्ट्राइक price पर खरीदने के लिए तैयार होते हैं . यदि स्टॉक कीमत समाप्त तारीख तक स्ट्राइक मूल्य से कम नहीं होती हैं तो निवेशक option contracts के खरीददार द्वारा भुगतान किये गए प्रीमियम को अपने पास रखता हैं . यदि मूल्य स्ट्राइक मूल्य से निचे गिरता हैं तो निवेशक उस स्टॉक को स्ट्राइक मूल्य पर खरीदने के लिए बाध्य हो जाता हैं .
५ – स्प्रेड
यह option trading किसी स्टॉक को एक साथ उसके call एवं put contracts को खरीदने के लिए यूज किया जाता हैं . इसके कई प्रकार हैं जैसे – वर्टिकल स्प्रेड, हॉरिजॉन्टल स्प्रेड और डायगोनल स्प्रेड, आदि इन में अलग – अलग स्ट्राइक मूल्य एवं end date शामिल होती हैं . इस प्रकार स्प्रेड का उपयोग निवेशक जोखिम एवं संभावित लाभ को सिमित करने के लिए करते हैं .
6 – स्ट्रैडल्स और स्ट्रैंगल्स
यह option trading रणनीति मुख्य रूप से समाप्ति तिथि के साथ किसी स्टोक पर एक साथ call एवं put option contracts खरीदना शामिल होता हैं . स्ट्रैडल्स में एक ही स्ट्राइक price के साथ option कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदना शामिल हैं जबकि स्ट्रैंगल्स में अलग अलग strike price के साथ option contracts खरीदना शामिल होता हैं . इन रणनीति का उपयोग निवेशक तब करते है जब उन्हें लगता है की स्टॉक किसी भी दिशा में मूवमेंट कर सकता हैं .
७ – कॉलर-what is option trading in hindi
इस रणनीति में एक ही अंतिम तिथि पर किसी स्टॉक पर एक put option कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदना और call option कॉन्ट्रैक्ट्स बेचना शामिल होता हैं . इसमें put option कॉन्ट्रैक्ट्स निचे की तरफ सुरक्षा प्रदान करता हैं जबकि call option कॉन्ट्रैक्ट्स संभावित लाभ को सिमित करने के काम करता हैं .
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option trading ke fayde aur nukasan – ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
option trading निवेशक को कई तरह के फायदे एवं नुक्सान दे सकते हैं इसलिए निवेशक को इसके बारे में जनकारी होना जरुरी हो जाता हैं और इसके कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण निचे बताये गए हैं .
लाभ – advantage
1 – लचीलापन
हेजिंग , Investment including income generation and speculation द्वारा लक्ष्य की एक विस्तृत सिंख्ला को प्राप्त करने के लिए option trading को जाएदा यूज किया जाता हैं .
२ – सिमित जोखिम
किसी स्टॉक में सीधे निवेश के विपरीत option trading कॉन्ट्रैक्ट्स द्वारा भुगतान किये गए प्रीमियम के लिए निवेशक के संभावित नुक्सान को सिमित करते हैं .
३ – Leverage-what is option trading in hindi
option trading निवेशक को एक महत्वपूर्ण Leverage प्रदान करता हैं जिससे उन्हें कम पूंजी में जाएदा से जयदे स्टॉक की क्वांटिटी खरीदने की अनुमति मिल जाती हैं .
4 – विविधिकरण
निवशक जादातर इसका उपयोग अपने पोर्फोलियो में विविधता लाने के लिए करते हैं जिससे उन्हें अलग – अलग स्टॉक में में निवेश किये गए पूंजी को बैलेंस करने में मदद मिल जाता हैं .
हानि – disadvantage
1 – समय क्षय
जैसा की हम कुछ समय पहले यह पढ़ चुके है की option trading कॉन्ट्रैक्ट्स एक सिमित समय के लिए होता हैं और जैसे – जैसे वह अपनी अंतिम तारीख के नजदीक आता हैं उनका मूल्य कम हो जाता हैं इस अवस्था में निवेशक के लिए option trading से लाभ कमाने के अवसर को चुनौतीपूर्ण बना देता हैं .
२ – अस्थिरता जोखिम
किसी स्टॉक के अत्यधिक उतार एवं चढ़ाव के कारण option trading की कीमते परभावित हो सकती हैं इसलिए यदि निवेशक एनालिसिस के द्वारा फ्यूचर में किसी स्टॉक के price का सही अनुमान नहीं लगता है तो हो सकता है उसे नुक्सान झेलना पड़े .
३ – मार्जिन आवश्यकता-what is option trading in hindi
कुछ option trading जैसे – खुला option बेचना , निवेशक को अपने खाते में मार्जिन के एक निश्चित लेवल को बनाये रखने की जरुरत होती हैं यानी की निवेशक को संभावित नुक्सान को कवर करने के लिए अपने खाते में पर्याप्त धन उपलब्ध कराने की आवश्यकता हैं .
4 – तरलता जोखिम
कुछ option ट्रेड में trading volume कम हो सकता हैं जिसका नतीजा यह होता हैं की निवेशक अपने सेट किये गए price पर उस स्टॉक को बेचने या खरीदने में विफल हो सकते हैं . और यह स्थिति तभी बन सकती हैं जब अचानक से बदलती परिस्थिति को भापते हुए निवेशक जल्दी से उस ट्रेड से बाहर निकला चाहते हो .
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आप्शन ट्रेडिंग का मनोविज्ञान- option trading psychology in hindi
option trading में निवेशक केवल संख्या , चार्ट , एवं रणनीति के बल पर सफलता नहीं प्रपात कर सकते हैं इसमें जिसका सबसे अधिक अहम् रोल होता है वह हैं psychology of option trading . इसलिए निचे कुछ psychology कारक के बारे में बताये गये हैं जो option trading को प्रभावित करते हैं .
1 – भावनाएँ
निवेश के प्रति कोई निर्णय लेने में भावनाएँ का महत्वपूर्ण प्रभाव होता हैं . डर , लालच , ओवर कॉंफिडेंट से निवेशक आवेगी निर्णय ले सकते हैं जो एक व्यपारी रणनीति के साथ गठबंधन नहीं होता हैं इसलिए एक सही निर्णय लेने और उसमे अडिग रहने के लिए भावना को पहचान और उन्हें प्रबंधित करना बहुत जरुरी हैं .
२ – पुष्टिकरण पूर्वाग्रह
निवेशक मुख्य रूप से पुष्टिकरण पूर्वाग्रह के शिकार बन सकते हैं . जहां वह ऐसे जनकारी की तलाश करते हैं जो उनके मौजूदा विस्वाश या , पूर्वाग्रह की पुष्टि करती हो जो बाद में अति अत्म्विस्वाश एवं अत्यधिक जोखिम लेने का कारण बन सकता हैं .
३ – नुकसान से बचना
नुक्सा से बचने की प्रविती लाभ लाभ की खुसी की तुलना में नुकसान के दर्द को अधिक मजबूती से महसूस करने की प्रविती होती हैं . इससे घाटे को कम करने एवं आगे बढ़ने के बजाये टर्नअराउंड की उमीद करते हुए लम्बे अवधि तक पोजीशन खोने पर रोक लगा सकती हैं .
4- एंकरिंग बायस-what is option trading in hindi
निवेशक मुख्य रूप से एंकरिंग बायस से प्रभवित हो सकते हैं जहां वह निश्चित मूल्य लेवल या स्थिति को ठीक करते हैं एवं नयी जनकारी मिलने के बाद उनकी अपेक्षा को समायोजित करने में बहुत परेशानी होती हैं .
५ – ओवरट्रेडिंग
option trading में यह दिक्कत तब होती है जब प्रिन्नाम को अनदेखा कर निवेशक अपना ध्यान गतिविधि की तरफ अधिक केन्द्रित करने लगते हैं . इसके वजह से वह बुत अधिक ट्रेड , लेन – देन की लागत में बढ़ोतरी , एवं संभावित रूप से समय लाभप्रद कम हो सकती हैं .
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option trading tips in hindi

option trading एक जटिल एवं चुनौती से भरा trading विकल्प होता हैं लेकिन इसे सही तरीके से यूज किया जाए तो निवेशक बहुत जायदा लाभ कमा सकते हैं इसलिए निचे दिए गए कुछ सुझाव के मदद से निवेशक option trading को बेहतर तरीके इस्तेमाल कर सकते हैं .
1 – खुद को शिक्षित करें
option trading में इन्वेस्ट करने से पहले निवेशक को यह सुनिश्चित करना जरुरी है की वह इसके बारे में अच्छे तरीके से जानते हैं और इस तरह के अनुभव हासिल करने के लिए निवेशक को option trading से जुड़े पुस्तक का अध्य . कोर्से जो ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों हो सकते हैं , लेख , विडियो आदि का उपयोग करना चाहिए .
२ – ट्रेडिंग योजना
एक स्पस्ट trading योजना अप्लाई करे जो आपके लक्ष्य , जोखिम सहनशीलता एवं रणनीति को रेखांकित करे . इस योजना पर टिके रहे ताकि आपके भावना , बाजार के उतार चढ़ाव , एवं आवेगी निर्णय लेने में मदद करता हैं .
३ – जोखिम प्रबन्ध
option trading में जोखिम जाएदा मिल सकते हैं इसलिए निवेशक को उचित जोखिम पर्बंधन तकनीक को यूज करना महत्वपूर्ण बन जाता हैं . इसमें स्टॉप लोस आर्डर का उपयोग करना , अपने पोर्फोलियो में विविधता लाना एवं किसी एक ट्रेड में अपने जोखिम को सिमित करना मुख्य जोखिम प्रबन्धन हो सकते हैं .
4 – अस्थिरता को समझे
option trading की कीमत अस्थिरता से सबसे अधिक प्रभावित होती हैं इसलिए यह समझना जरुरी है की मार्किट में अस्थिरता कैसे काम करती हैं एवं यह आपके द्वारा लिए गए ट्रेड को कैसे प्रभावित करती हैं . इन्हें ध्यान में रखते हुए उन विकल्प एवं रणनीति को उपयोग करने पर विचार करे जो अस्थिरता से लाभ प्रदान करते हैं जैसे – स्ट्रैडल्स या स्ट्रैंगल्स
५ – अंतिम तिथि पर नजर रखें
option trading का टाइम पीरियड सिमित होता हैं और यह एक तय समय के बाद खत्म हो जाते हैं इसलिए उनकी समाप्त होने की तिथि के बारे में जानकारी होना जरुरी हो जाता हैं . इसलिए unexpected loss or exercise fee से बचने के लिए अंतिम तिथि के आने से पहले अपने ट्रेड को बंद कर दे .
6 – अप-टू-डेट रहें
जिस स्टॉक या index में आपने option trading के लिए पोजीशन बनाया हैं उससे जुडी हर खबर , इवेंट पर नजर बनाये रखें जो ट्रेड को सबसे पहले प्रभावित करने वाले कारक के रूप में जाने जाते हैं . इसमें आय रिपोर्ट, आर्थिक डेटा रिलीज़ एवं कोई आपातकालीन घटना शामिल है .
७ – टेक्निकल एनालिसिस इस्तेमाल करे
option traders के लिए तकनीक विश्लेषण एक मूल्यवान टूल्स हो सकता हैं क्योंकि यह किसी स्टॉक के संभावित रेजिस्टेंस एवं सपोर्ट के लेवल की पहचान करने में मददगार हो सकता हैं साथ ही यह ट्रेंड के रुझान एवं पैटर्न की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं .
8 – धैर्य बनाये रखें
आम तौर पर option trading एक धीमा और स्थिर प्रकार का trading होता हैं जिसमे निवेशक को जायदा घबराने की जगह धैर्य से काम लेने की जरुरत हैं जिससे उन्हें दो तरह के फायेदे मिलते है पहला की वह किसी ट्रेड में जाएदा मुनाफा कमा सकते है और दूसरा कम से कम लोस होता हैं .
faqs -what is option trading in hindi
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे होता है?
यह दो तरह से किया जाता है पहला जब कोई स्टॉक फ्यूचर में उपर जाने वाली होती है तो निवेशक इसके call को खरीद सकते है और दूसरा यदि कोई स्टॉक फ्यूचर में निचे जाने वाली होती है तो निवेशक इसके put को खरीद सकते हैं
ऑप्शन ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए?
इससे पैसे कमाने के लिए अनुभव का होना बहुत जरुरी हैं ताकि आप अपने पूंजी का इस्तेमाल सही जगह पर कर सकें इसे सिखने के लिए निवेशक किताब , कोर्स , विडियो आदि का मदद ले सकते हैं
क्या ऑप्शन खरीदना लाभदायक है?
हां यह लाभदायक होता हैं क्योंकि इसमें मिलने वाला लवरेज से निवेशक कम पैसो में बहुत सारी स्टोक की लोट या क्वांटिटी खरीद सकते हैं .
आपको ऑप्शन कब खरीदना या बेचना चाहिए?
जब कोई स्टॉक को एनालिसिस के दौरान यह पता लग जाए की वह फ्यूचर में उपर जा सकता है तो उसका काल खरीदे , इसके ठीक विपरीत जब कोई स्टोक का एनालिसिस के दौरान यह पता लग जाए की फ्यूचर में निचे जा सकती है तो उसका put खरीदें .
निष्कर्ष -what is option trading in hindi
आशा करता हूँ आपको मेरा यह लेख जो की option trading guide in hindi जरुर पसंद आया होगा जिसमे मैंने विस्तार से option trading के बारे में बताने का छोटा प्रयाश किया हैं यदि आपके कोई सवाल या सुझाव है तो उन्हें कमेन्ट में जरुर बताये जिसका जल्द से जल्द उत्तर देने का प्रयाश किया जायेगा धन्यवाद .