promoter kya hota hai
यदि आप शेयर मार्किट के promoter के बारे में जानना चाहते है तो यह लेख आपके लिए है क्योंकि इस लेख प्रमोटर से जुडी सभी तरह की जनकारी जानने को मिल जाएँगी और यह महत्वपूर्ण भी हैं क्योंकि किसी भी कंपनी के प्रमोटर मुखिया से कम नहीं होते वहीँ उस कम्पनी के करता धर्ता होते हैं .
promoter in hindi – प्रमोटर क्या है ?
प्रमोटर एक ऐसे वयक्ति होते है या फिर व्यक्ति के समूह होते है जो एक नए कंपनी को सुरु करते है या फिर किसी दुसरे कंपनी का अधिग्रहण करते हैं और उसके बाद उसके सञ्चालन को नियंत्रित करते हैं . कंपनी के लिए promoter व्यवसाय के अवसर खोजना एवं संसाधन जुटाने का काम की जिम्मेवारी होती हैं जो कंपनी के व्यावसायिक मामलों का प्रबन्धन करते हैं .
प्रमोटर के रूप में कोई बाहरी वयक्ति चे वह निवेशक क्यों न हो और कंपनी के मुख्य संस्थापक शामिल हो सकते हैं जो कंपनी को नियंत्रित करने का काम को सँभालते हैं .
इसलिए शेयर बाजार के नजरिये से एक promoter कंपनी के प्रदर्शन , शेयर की कीमत , एवं उसके शेयर धारक के सम्बन्ध को प्रभावित करने में मुख्य भूमिका होती हैं . शेयर मार्किट में किसी स्टॉक में निवेश से पहले निवेशक को promotor की भूमिका का पता जरुर लगाना चाहिए .
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stock market में promoter का महत्व


promoter अपने कंपनी के लिए शेयर मार्केट में अहम् भूमिका निभाते है क्योंकि कंपनी के सुरु करने से लेकर उसे बहत आगे तक ले जाने में उसे विकसित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं जिसके फलस्वरूप उन्हें स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाता हैं .कंपनी के सुरुवात में में पूंजी लागते है ,
उस बिज़नेस को सफल बनाने के लिए रास्ते में आयर सभी परेशानी को झेलते है और यही सभी चीजे कम्पनी के सञ्चालन एवं निर्णय लेने की पद्धति में महत्वपूर्ण हितधारक बनाता हैं .
promoter का कंपनी के स्टॉक मूल्य पर भी प्रभाव पड़ता हैं , क्योंकि निवेशक एवं promoter एक सिक्के के दो पहलु की तरह होते है . अक्सर निवेशक कंपनी के विकाश , क्षमता , फ्यूचर की परफॉरमेंस एवं स्थिरता का आकलन करने के लिए promoter की तरफ ध्यान केन्द्रित करता हैं ऐसे में यदि प्रमोटर उनकी उमीद पर खरे उतरते है तो इससे निवेशक का विश्वास बढ़ जाता हैं जिससे कंपनी के स्टोक price में बढ़ोत्तरी होती हैं
इसके ठीक विपरीत यदि promoter के हालिया पर्दर्शन कुछ ठीक नहीं उसमे विस्वाश की कमी है तो इसका नतीजा यह होता है की शेयर के price में गिरावट की तरफ बढ़ जाती हैं . इसके अलावा promoter की कई सारी जिम्मेदारी होती हैं जिनमे सबसे अहम् कंपनी के सभी जनकारी को स्टॉक एक्सचेंज एवं उसके निवेशक को बताने पड़ते हैं .
जिसमे मुख्य रूप से वितीय रिपोर्ट , कंपनी के सञ्चालन या फिर स्टॉक की price को प्रभावित करने वाली कोई भी महत्वपूर्ण घटना और कम्पनी में उनकी व्यक्तिगत होल्डिंग से जुड़े सभी जानकारी सामिल हैं ताकि निवेशक इन सभी जनकारी को पढ़कर निवेश के प्रति एक सही फैसला ले सकें .
promoter कितने प्रकार के होते हैं ?
share market में अलग – अलग category के promoter हो सकते हैं जिनमे उनकी भागीदारी विभिन्न स्तर की हो सकती हैं इसलिए निचे कुछ विभिन्न प्रकार के promoter के बारे में जान सकते हैं .
1 – संस्थापक promoter
इस तरह के promoter मुख्य रूप से वह वयक्ति होता है जो कंपनी के निर्माण से लेकर उसे सफलता की श्रेणी में शामिल करे तक का खुद भागीदार होता हैं और इन सफलता के पाने के बिच में आई सारी दिक्कत को खुद सुलझाता हैं इसलिए कंपनी की सफलता में उनकी व्यक्तिगत हिस्सेद्दारी हो सकती हैं .
२ – वितीय promoter
इस तरह के promoter निवेशक होते हैं जो केवल लाभ कमाने के लिए किसी कंपनी में नियंत्रण हिस्सेदारी को हासिल करते हैं . वे कंपनी के दिन – प्रतिदिन के काम में शामिल नहीं होते है बल्कि कंपनी के रणनीति फैसले लेने की बारी आती है तब वे अपने भूमिका निभाते हैं .
३ – पेशेवर promoter
ये अमूमन ऐसे लोग होते है जिनकी संख्या एक या एक से अधिक हो सकती हैं वे कोमप्न्य के सुरु करने से लेकर उसे सफलता दिलाने तक में विशेष महारत हासिल होती हैं और यह सभी सफर को ट्रेक रिकॉर्ड भी रखते हैं . इसलिए जरुरत पड़ने पर वह कंपनी को अधिक से अधिक सफलता प्राप्त करवाने के लिए विशेषज्ञता, पूंजी या अन्य संसाधन प्रदान कर सकते हैं।
4 – स्ट्रेटेजी promoter
यह उस तरह के निवेशक होते हैं जो किसी कंपनी में Technologies एवं नयी बाजार तक पहुच जैसे रणीनीति लाभ को प्राप्त के लक्ष्य से हिस्सेदारी को खरीदते हैं . कंपनी को रणीनीति मदद की जरुरत को पूरा करने के लिए अपनी विशेषज्ञता या संसाधन की पेशकश करता हैं .
५ – परिवारिक promoter
यह उस तरह के लोग होते है जो कंपनी में अपने परिवार के लोगो से नियंत्रित हिस्सेदारी प्राप्त कर सकते हैं . कंपनी की सफलता में उनकी व्यक्तिगत हिस्सेदारी भी हो सकती हैं एवं इसके संचालन के लिए अलग – अलग डिग्री में शामिल हो सकते हैं .
promoter शेयर के price एवं निवेशक को कैसे प्रभावित करते हैं
प्रमोटर के द्वारा किये गए काम एवं उनके रेलेसन के माध्यम से कंपनी के स्टॉक price पर सीधा असर पड़ सकता हैं इसलिए निचे दिए गए कुछ टॉपिक को जरुर जाने जिनमे promoter के हस्तक्षेप से निम्न प्रभाव को बताये गए हैं .
1 – इनसाइडर trading
promoter को कंपनी के संचालन से लेकर उसके काम काज एवं प्रदर्शन तक सभी तरह की जनकारी मौजूद होती हैं जो किसी आम जनता को नहीं मालूम होती हैं इसलिए वह इन सभी जनकारी को शेयर खरीदने और बेचने के लिए करते हैं तो शेयर के कीमत को प्रभावित कर सकता हैं .
२ – शेयर बाई बेक -promoter kya hota hai
promoter अपने कंपनी के शेयर के बाकाया की संख्या को कम करने के लिए शेयर buy back सुरु कर सकते हैं जिससे शेष शेयर की मूल्य में बढ़ोतरी हो सकती हैं .
३ – लाभांश भुगतान
प्रमोटर शेयर धारक को लाभंस का भुगतान करने के फैसले को जारी करने के पश्चात उसके price में बढ़ोतरी हो सकती हैं और यह लाभांस जितना अधिक होगा उतना ही निवेशक का विस्वाश बढेगा और स्टॉक की कीमत मात्र कुछ समय में बहुत अधिक बढ़ सकती हैं .
4 – व्यावसायिक निर्णय
promoter रणनीतिक व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होते हैं जिनका कंपनी के वितीय परफॉरमेंस पर एवं स्टॉक price पर असर पड़ सकता हैं .यदि उदाहरण की बात करे तो मान ले कोई कंपनी अपने नए प्रोडक्ट या फिर अधिग्रहण की घोषणा करती है तो इसके कारण उसके शेयर के price में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती हैं .
५ – बाजार की धारणा
किसी कंपनी की प्रतिष्ठा एवं उसके व्यवहार भी उसके शेयर price का बाजार की धारणा को प्रभावित करती हैं . इसलिए मान ले की कोई प्रमोटर को सक्षम और भरोसेमंद के नजर से देखा जाता हैं तो इससे निवेशक का विश्वास बढ़ जाता हैं जिससे शेयर की कीमत बढ़ सकती हैं .
गैर प्रमोटर की तुलना में promoter के लाभ एवं हानि
अभी तक हम यह जान चुके है की किसी कंपनी के लिए promoter का होना कितना जरुरी हैं इसलिए बिना promoter की तुलना में जो लाभ एवं हानि है वह इस प्रकार हैं –
1 – प्रतिबद्धता
किसी कंपनी को सफल बनाने में promoter की व्यक्तिगत हिस्सेदारी होती हैं क्योंकि वह खुद संथापक या प्रमुख शरेधारक होते हैं . इसके कारण कंपनी के प्रति प्रतिबद्धता और विकास के वजह से दीर्घकालिक दृष्टिकोण हो सकता हैं .
२ – ज्ञान -promoter kya hota hai
promoter जो की खुद मालिक होते है इसलिए उन्हें कंपनी के सञ्चालन से लेकर , कस्टमर डील , एवं बाजार की गहरी समझ होती हैं यह ज्ञान रणनीति निर्णय लेने , निर्देशित करने , एवं बेहतर पिनाम की तरफ ले जाने में मदद करता हैं .
३ – पूंजी तक पहुँच
promoter के पास पूंजी तक पहुचने में आसान विकल्प मौजूद होते हैं क्योंकि वे कंपनी के लिए धन जुटाने के लिए अपने वक्तिगत फण्ड को यूज कर सकते है या फिर निवेशक को अपने निजी नेटवर्क के माध्यम से लाभ उठा सकते हैं .
4 – स्थिरता
promoter कंपनी को स्थिरता प्रदान करते है क्योंकि वह अक्सर दिन – प्रतिदिन के काम में शामिल होते हैं और साथ ही कंपनी के सफलता में उनका निहित स्वार्थ होता हैं .
promoter के नुकसान
1 – नियंत्रण
promoter निर्णय लेने के फैसले को अपना कब्जा अधिक कर सकते है जिसके कारण अन्य हितधारक के प्रभाव को सिमित करता हैं और निर्णय की प्रक्रिया को खराब कर सकता हैं .
२ – हितो का टकराव
promoter को इतना हक़ होता है की एनी हितधारक के सुझाव को जो की सही है उस भी ताल सकते है और अपने सुझाव को लागू कर सकते हैं जिसके कारण हितो का टकराव एवं कानूनी मुद्दे पड़ा हो सकते हैं .
३ – व्यावसायिकता की कमी-promoter kya hota hai
promoter के अंदर कंपनी को प्रभावी रूप से सञ्चालन करने के लिए उनमे पेशेवर अनुभव की कमी हो सकती हैं जिसके वजह से खाराब वितीय रिपोर्ट एवं कंपनी के प्रतिष्ठा को नुक्सान हो सकता हैं .
प्रमोटरों की कानूनी और नैतिक जिम्मेदारियां


promoter की कंपनी , उसके शेयर धारक ,एवं अन्य हितधारक के प्रति क़ानूनी एवं नैतिक जिम्मेदारी होती हैं और उन जिम्मेदारियों निचे विस्तार से बताया गया हैं .
1 – देखभाल का कर्तव्य
मुख्य रूप से promoter को यह क़ानूनी दायित्व बनता है की वह कम्पनी के लिए सर्वोत्तम हित में काम करे और निर्णय लेने में सही विकल्प को चुने . इसलिए सटीक वितीय रिकॉर्ड बनाये रखने , कानून और सभी नियम का पालन करने एवं जोखिम को प्रभावी ढंग से अप्लाई करना शामिल हैं .
२ – वफादारी का कर्तव्य -promoter kya hota hai
promoter को कंपनी के price को लेकर हीत के प्रति टकराव एवं व्यक्तिगत लाभ से बचते हुए कंपनी और अपने शेयर धारक के प्रति वफादारी के साथ काम करना चाहिए . इसमें हीत के किसी भी संभावित टकराव का खुलाशा करना और निर्णय लेने से खुद को अलग रखना सामिल हैं .
३ – क़ानूनी अनुपालन
promoter को सभी तरह के लागु किये गए क़ानूनी नियम का पालन करना चाहिए जिसमे प्रतिभूति कानून, अविश्वास कानून और श्रम कानून शामिल हैं। इन कानून को अनदेखा करने से कंपनी और उसके हितधारक के उपर बुरा असर डालता हैं .
4 – नैतिक आचरण
promoter को अपने कंपनी और शर्धारक के प्रति इमानदारी , सत्यनिष्ठा और दूसरों के प्रति सम्मान सहित अच्छे आचरण के नैतिक मानकों को ध्यान में रखते हुए पालन करना चाहिए। इस तरह किसी ऐसे आचरण का उपयोग नहीं करना चाहिए जिससे सभी का नुकसान हो जैसे – अंतरंगी लेन-देन या व्यक्तिगत लाभ के लिए गोपनीय जनकारी को खुद के इए यूज करना आदि .
FAQS-promoter kya hota hai
प्रमोटर का काम क्या होता है?
कंपनी के लिए promoter व्यवसाय के अवसर खोजना एवं संसाधन जुटाने का काम की जिम्मेवारी होती हैं
शेयर मार्केट में प्रमोटर कौन होते हैं?
promoter अपने कंपनी के लिए शेयर मार्केट में अहम् भूमिका निभाते है क्योंकि कंपनी के सुरु करने से लेकर उसे बहत आगे तक ले जाने में उसे विकसित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं
कंपनी के गठन में प्रमोटर की क्या भूमिका है?
promoter जो की खुद मालिक होते है इसलिए उन्हें कंपनी के सञ्चालन से लेकर , कस्टमर डील , एवं बाजार की गहरी समझ होती हैं यह ज्ञान रणनीति निर्णय लेने , निर्देशित करने , एवं बेहतर पिनाम की तरफ ले जाने में मदद करता हैं .
निष्कर्ष -promoter kya hota hai
आशा करता हूँ शेयर मार्किट से जुड़े promoter kya hai की जनकारी आपको पसंद जरुर आई होगी यदि आपके कोई सवाल है तो उन्हें कमेन्ट में जरुर पूछे जिसका उतर जल्द से जल्द देनेका प्रयाश किया जायेगा धन्यवाद .