leverage kya hai-लीवरेज क्या है
दुसरे कई तरह के जगह में लीवरेज का इस्तेमाल किया जाता है और उनके rule और नियम अलग – अलग होते हैं परन्तु आज हम केवल स्टॉक मार्केट से सम्बंधित leverage kya hota hai को पुरे विस्तार से समझेंगे जिससे आप इसका सही तरीके से कैसे इस्तेमाल करे इसके बारे में जान सके .
सबसे पहले leverage meaning in hindi को जान लेते है जिसका मतलब होता है फायदा उठाना यानी की शेयर मार्किट से आप leverage के मदद से कैसे फायेदा ले सकते हैं लेकिन इसा मतलब यह नहीं है की आपको इसके इस्तेमाल से stocks market से बहुत सारा पैसा कमाने का मौका मिलना सुरु हो जायेगा .
leverage का सुध hindi मतलब – “उत्तोलन” होता हैं .
इसलिए leverage kya hai को जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़े आपको इसके बारे सभी चीजे पता चल जाएँगी जिसमे मैंने leverage का उपयोग किस लिए किया जाता हैं ,
इसके प्रकार , कौन इसका इस्तेमाल कर सकते हैं , किस trading विकल्प के लिए leverage की सुविधा दी जाती हैं , इसमें आपके पूंजी के उपर कितना रिस्क होता हैं आदि सब कुछ के बारे में विस्तार से बताया गया हैं .
अंत में leverage के सही इस्तमाल करने के कुछ tips भी सुझाए गए है जो आपके लाइव trading के दौरान काफी मादा कर सकते हैं तो चलिए इन सभी टॉपिक को जो की केवल leverage kya hai के बारे में उन्हें जान लेते हैं .
Table of Contents
what is leverage in hindi – लीवरेज क्या है
stocks market में या फिर किसी अन्य प्लेटफोर्म पर leverage एक प्रकार financial strategy होता हैं जिसमे निवेश करने के लिए उधार ली गयी धन का उपयोग सामिल हैं . इसलिए निवेशक को स्टोक मार्केट में कम पूंजी के उपर भारी मात्रा में किसी stock company के शेयर खरीदने की अनुमति देता हैं .
इसलिए यह निवेशक के कम पूंजी होने के बावजूद भी लाभ को बढ़ा सकता है परन्तु यह नुकसान को भी बढाता हैं जब तक की इसका सही से इस्तेमाल नहीं किया जाए . इसलिए हम यह कह सकते है की leverage निवेशक को शेयर बाजार में अपने जोखिम को बढ़ने के लिए उधार लिए गए धन का उपयोग करने का अवसर प्रदान करता हैं .
जिसमे जाएदा मुनाफा मिलने के साथ बहुत बड़ा नुकसान भी होने की संभावना बनी रहती हैं . एल्किन इसमें शामिल जोखिम एवं फायदे की अच्छी समझ के साथ महत्वपूर्ण नुकसान से बचने के लिए सावधानी पूर्वक इन्तेजाम करने की जरुरत हैं .
stocks market में leverage कैसे काम करता हैं ?


share market में लिवरेज निवेशक को कम पूंजी के साथ बड़ी मात्रा में स्टॉक खरीदने की अनुमति देकर काम करता हैं इसलिए इस उधार ली गयी राशि का उपयोग केवल स्टॉक को खरीदने के लिए किया जाता हैं उदाहरण के लिए मान लीजिये निवेशक 1000 रूपए में कोई स्टॉक खरीदना चाहता हैं .
परन्तु वह उस स्टॉक की क्वांटिटी के हिसाब से पैसे कम पड़ रहे हैं ऐसे में वह leverage को यूज कर सकता हैं जिसके मदद से आज के समय में चल रहे मौजूदा intraday नियम के अनुसार 5 गुना तक leverage किसी चुने गए स्टॉक में दिए जाते हैं .
इस प्रकार लिवरेज का उपयोग करके शेयर की कीमत बढ़ने पर निवेशक अपने लाभ को कई गुना बढ़ा सकते हैं उदाहरण के लिए यदि किसी शेयर में intraday के दौरान 2 % की विधि होती हैं तो leverage उपयोग करने वाले निवेशक को करीब 10 % तक मुनाफा हो जाता हैं .
क्योंकि वह निवेशक ने अपने पूंजी के उपर ५ गुना जाएदा leverage का उपयोग कर रहे हैं इसलिए यदि निवेशक को नुकसान होता हैं तो उसमे भी लोस के ५ गुना अधिक रिस्क लेने पड़ेंगे .
leverage लाभ और हानि को कैसे बढ़ा सकता है ?
लिवरेज शेयर बाजार में लाभ एवं हानि को बढ़ा सकता हैं क्योंकि यह निवेशक को कम पूंजी के साथ जायदा स्टॉक खरीदने की की अनुमति देता है जिसके कारण leverage इस्तेमाल करने वाले की तुलना में leverage न इस्तेमाल करनेवालों की तुलना में जाएदा मुनाफा कमाने का अवसर देता हैं इसलिए लाभा हुआ तो जाएदा होगा नुकासन् हुआ तो जाएदा होगा
leverage कितने प्रकार के होते हैं ?
शेयर बाजार में leverage के कई प्रकार है और निवेशक उनका भरपूर इस्तेमाल भी करते हैं लेकिन इसको यूज करते समय सावधानिय बरतनी जरूरी है इसलिए उनमे जो महत्वपूर्ण leverage के प्रकार है उन्हें निचे सुझाए गए हैं .
1 – मार्जिन leverage
मार्जिन लिवरेज स्टॉक मार्किट में उपयोग किया जानेवाला सबसे सामान्य प्रकार हैं . इसमें किसी स्टॉक को खरीदने के लिए ब्रोकर से धन उधार लेना शामिल हैं जो केवल स्टॉक खरीदने के लिए इस तरह के मार्जिन leverage की सुविधा दी जाती हैं जिसके मदद से निवेशक कम पूंजी के बावजूद भी अपने मन मुताबिक स्टॉक की संख्य को बढ़ा सकते हैं .
यदि उनकी खरीदे गए शेयर की price वैल्यू गिर जाती है तो उन्हें अतिरिक्त price का बैलेंस बनाये रखने या फिर शेयर को बेचने के लिए एक मार्जिन अलर्ट call मिल जाता हैं .
२ – आप्शन leverage -leverage kya hai
आप्शन लिवरेज में अंतर्निहित शेयर के बिना वास्तव में इसका मालिक बनने का विकल्प अनुबन्ध का उपयोग किया जाता हैं.option contract मुख्य रूप से निवेशक को पूर्व निर्धारित price और तारीख पर किसी स्टोक को खरीदने और बेचने का अधिकार देते हैं . इसका उपयोग आने वाले दिनों के ध्यान में रखते हुए स्टॉक के price बढने या घटने के लिए किया जाता हैं .
३ – फ्यूचर leverage
फ्यूचर लिवरेज में trading फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट शामिल होते हैं जिसमे मुख्य रूप से भविष्य में पूर्व निर्धारित price और तारीख पर एक विशिस्ट स्टॉक को खरीदने या बेचने के लिए समझौते किये जाते हैं . फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स का उपयोग बुनियादी संपत्ति के बिना असल में इसका मालिकाना हक पाने के लिए किया जाता हैं जिसमे रिस्लाक के आधार पर भ या हानि के लिए leverage लिया जाता हैं .
4 – डेरिवेटिव्स leverage
financial instruments का उपयोग करने के लिए इस तरह के लिवरेज को लिया जाता हैं जो एक बुनियादी संपत्ति जैसे – स्टॉक , बांड , कमोडिटी , से अपना मूल्य प्राप्त करते हैं . डेरिवेटिव्स लिवरेज का उपयोग बुनियादी सम्पति के लिए वास्तव में इसके मालिक के बिना एक्सपोजर प्रपात किया जा सकता हैं और लाभ या हानि में शामिल होने के लिए लिवेरेज लिया जाता हैं .
५ – विदेशी मुद्रा leverage
विदेशी मुद्रा लिवरेज में विदशी स्टॉक मार्केट में उधार ली गयी धनराशी को उपयोग करने के लिए निवेशक किसी स्टॉक में बड़ा investment करने की सोच सकते हैं . विदेशी मुद्रा leverage मुद्रा विनिमय दरों की दिशा के आधार पर फायदे या नुकसान को बढ़ा सकते हैं .
leverage के लाभ या हानि क्या हैं ?- leverage advantage and disadvantages in hindi
अभी तक हुम्याह जान चुके है की leverage निवेशक को शेयर बाजार में लाभ या हानि दोनों दे सकता हैं लेकिन इसके लाभ और हानि क्या है उन्हें जानने के लिए निचे बताई गयी बातों को ध्यानपूर्वक पढ़े .
leverage के फायदे
1 – stocks price बढना
leverage का उपयोग करके निवेशक कम पूंजी में बड़ी संख्या में किसी स्टॉक को खरीद सकते हैं जिसके बाद यदि उस stocks का price बढ़ता है तो उनके संभावित लाभ में बढ़ोतरी होती हैं .
२ – बड़ी क्वांटिटी क्षमता
यह निवेशक को मुक्य रूप से उनकी पूंजी को कई गुना तक बढ़ा देता है जिसके कारण वह छोटी सी पूंजी में ढेर सारे स्टॉक को खरीद सकते हैं जिससे स्टॉक price थोडा बढने पर उन्हें अच्छा मुनाफा दिख सकता हैं .
३ – लचीलापन -leverage kya hai
leverage निवेशक को स्टॉक मार्किट में किसी स्टॉक को बहुत जायदा संख्या में लेने के लिए सक्षम बनाता हैं या फिर एक बार में कई स्टॉक लेने के सूटेबल बनाता हैं इसलिए नवेशक कम पैसों में अपनी सुविधा अनुसार लिवरेज की मदद से स्टॉक खरीद सकते हैं .
leverage के नुकसान
1- प्रवर्धित क्षति
यह सबसे पहला नुकसान हैं जिसे बढ़ा हुआ नुकसान के रूप में जानते हैं और इसे बिलकुल सिंपल तरीके से समझा जा सकता है की जब आप अपने खुद का पूंजी को निवेस करके किसी स्टॉक में नुकसान प्राप्त करते है तो वह आपके फैसले को जाएदा गंभीर नहीं बनाता है लेकिन जब आप leverage लेने के बाद नुकसान करते है तो वह आपको गम्भीर कर सकती हैं क्योंकि अपने इसके मदद से बड़ी क्वांटिटी में निवेश किया हैं जिसकानुकसान भी बड़ा होगा
२ – मार्जिन कॉल
निवेशक को leverage को उपयोग करते समय इन्वेस्ट के प्रति एक निश्चित स्तर बनाये रखने चाहिए क्योंकि जब price निवेश मूल्य के निचे आता हैं तो निवेशक को अतिरिक्त फण्ड जमा करने या फिर उस li गयी स्टॉक को बेचने के लिए अलर्ट मिल सकते हैं .
३ – ब्याज दर -leverage kya hai
जब किसी शेयर में निवेश के लिए leverage का इस्तेमाल किया जाता हैं तो निवेशक ब्याजदर जोखिम के जाल में फंस सकते हैं क्योंकि यह फिक्स नहीं होता है बल्कि निवेशक द्वारा उधार लेने की लागत एवं निवेश की समग्र लाभप्रदता को प्रभावित करता हैं .
4 – लिक्विडिटी
leverage को यूज करते समय उनके मार्जिन call पीरियड को पूरा करने की बात हो या फिर वित्तीय कर्त्तव्य को पूरा करना हो इन दोनों में ही निवेशक खरीदे गए स्टॉक को जल्दी बेचने के लिए तैयार होना चाहिए क्योंकि बाजार में उतार एवं चढ़ाव के कारण उसके लिक्विडिटी पर असर पड़ सकता हैं जिसके कारण स्टॉक को बेचना मुस्किल हो जाता हैं जिसके कारण बड़े नुकसान होने की संभावना अधिक रहती हैं .
leverage को सही तरीके से उपयोग करने के टिप्स


स्टॉक मार्किट में किसी शेयर को खरीदते समय जोखिम को कम करने और लाभ को अधिक से अधिक बढाने के लिए leverage को सबसे सटीक तरीके से उपयोग करना जरुरी बन जाता हैं . इसलिए leverage को प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए निचे कुछ टिप्स सुझाए गए है जो स्टॉक खरीदने या बेचने पर एके काम आ सकते हैं .
1 – leverage की सीमा सेट करे
निवेशक को अपने जोखिम के आधार पर और निवेश लक्ष्य के नजरिये से स्टॉक मार्किट में निवेश के प्रति एक निश्चित leverage को निर्धारित करने की जरुरत हैं और उन्हें अपने पूर्व निर्धारित वाले निवेश विकल्प में अधिक लिवरेज लेने से बचना चाहिए .
२ – स्टॉप लोस यूज करे
स्टॉप लोस मुख्य रूप से एक चुने गए स्टॉक को स्वचालित रूप से price के गिरने पर उसे बेचकर नुकसान को सिमित कर देता हैं और यह तभी एक्टिव होता है अब स्टोक price वैल्यू आपके खरीदे गए price के निचे आता हैं . या यूँ कहे की जब आप नुकसान में जाते है तो यह प्रक्रिया एक्टिव हो जाती हैं और आपके लोस को कम करने का काम करती हैं .
३ – विविधता
विविधता से मतलब ही आपके द्वारा खरीदे गए तरह – तरह के शेयर न की किसी एक ही स्टॉक में निवेश से हैं ऐसा करने से आपके नुकसान कम होने के साथ सभी तरह के स्टॉक में बंट जाते हैं इसलिए जब leverage को इनके साथ जोड़ दिया जाये तो कम पूंजी में आपको कई सरे स्टॉक खरीदने का मौका मिल जाता है जो अलग – अलग sector के अलग स्टॉक को चुनकर उनमे निवेश करने से नुकसान की संभावना बहुत कम हो जत्ती हैं .
4 – निगरानी करना
चूँकि स्टॉक की चाल हो या पुरे शेयर बाजार की चाल हो सभी में उतार चढ़ाव की सीमा सिमित नहीं होती है यह कभी भी पलक झपकते अचानक से काफी उपर भी जा सकते है और निचे भी आ सकते है इसलिए जब आप निवेश कर चुके होते है तो उन्हें निगरानी करना ना भूले जो आपके अच्छे से अच्छा strategy को फेल करते हुए बड़ा नुकसान दे सकता हैं .
५ – मार्जिन पर नजर
सरकार के बदलते रणनीति के अनुसार मार्जिन भी समय – समय पर बदलती रहती हैं जिसके कारण हो सकता है आपको पता ना होने पर किसी ट्रेड में फायदा होते हुए भी आप उसमे नुक्सान को स्वीकार करना पड़े इसलिए ब्रोकर द्वारा जररी किये जा रहे मार्जिन पर नजर बनाकर रखें .
BUY share market book in hindi
FAQs-leverage kya hai
लीवरेज का क्या अर्थ है?
leverage का सुध hindi मतलब – “उत्तोलन” होता हैं जिसका असल में मायेने है फयदा उठाना लेकिन इसका शेयर मार्किट किसी स्टॉक की क्वांटिटी को बढ़ाने के लिए यूज किया जाता हैं .
लीवरेज कितने प्रकार के होते हैं?
leverage विकल्प के अनुसार कई तरह के होते है लेकिन उनमे कुछ महत्वपूर्ण इस प्रकार हैं –
1 – मार्जिन leverage
२ – आप्शन leverage
३ – फ्यूचर leverage
4 – डेरिवेटिव्स leverage
५ – विदेशी मुद्रा leverage
ट्रेडिंग में 5x उत्तोलन क्या है?
trading के नए नियम के अनुसार जो समय के साथ बदल सकते है इसका मतलब यह है की intraday के दौरान किसी स्टॉक में खरीदते समय निवेश की पूंजी पर ५ गुना जायदा इन्वेस्ट करने का मौका मिलता है
लीवरेज रिटर्न क्यों बढ़ाता है?
आपके पूंजी के उपर जाएदा निवेश के उधार दिए जाते है जिससे जायदा स्टॉक खरीदने के वजह से रिटर्न जाएदा मिलता है
निष्कर्ष -leverage kya hai
आशा करता हूँ leverage kya hai in hindi लेख आपको अरूर पसंद आई होगी जिसमे मैंने लिवरेज से जुड़े हर पहलु को विस्तार से बताने का प्रयाश किया हैं यदि आपके कोई सवाल है तो उन्हें कमेन्ट में जरुर पूछे जिसका उत्तर जल्द से जल्द देने का प्रयाश किये जायेंगे धन्यवाद .