dark cloud cover pattern in hindi
डार्क क्लाउड कवर पैटर्न मुख्य रूप से एक रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न होता हैं जो अपट्रेंड के बाद बनता हैं . dark cloud cover pattern in hindi के अंदर कैंडल की 2 संख्या होती हैं जिसमे पहली कैंडल एक मजबूत बुलिश कैंडल होती हैं और दूसरी कैंडल पहली कैंडल के उपर खुलती जरुर हैं परन्तु वह पहले candlestick के मध्य बिंदु के निचे बंद होती हैं .इस तरह dark cloud cover candlestick pattern in hindi का निर्माण होता हैं .
यह पैटर्न बाजार बाजार के भावना में तेजी से मंदी की तरफ रुख करने का संकेत प्रदान करता हैं और यह भी सुझाव देता हैं की बाजार में खरीददार अपना नियंत्रण खो रहे हैं और विक्रेता अपनी पकड़ को मजबूत कर रहे हैं .इसलिए निवेशक उस ट्रेड में संभावित शोर्ट selling के अवसर को पहचान करने या अपने स्टॉप लोस को ट्रेल करने के लिए उपयोग करते हैं .
लेकिन निवेशक को यह भी ध्यान रखने की जरुरत हैकि हमेशा dark cloud cover pattern कामयाब नहीं होता हैं तथा इसकी पुष्टि के लिए की दुसरे टेक्निकल टूल का मदद लेनी चाहिए ताकि एक्यूरेसी को बढया जा सके .
इस तरह के पैटर्न के द्वारा कम समय में पैसे होल्ड करते हुए जाएदा से जाएदा मुनाफा कमाया जा सकता हैं क्योंकि इस पैटर्न के बनाने के बाद मार्किट अपना ट्रेंड बदलते हुए बहुत तेजी से निचे गिरना सुरु कर देता हैं .
Table of Contents
types of dark cloud cover candlestick pattern in hindi


stocks market में अभी तक रिसर्च के दौरान dark cloud cover candlestick pattern मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं dark cloud cover pattern example –
1 – standard dark cloud cover pattern
यह एक क्लासिक बियरिश रिवर्सल पैटर्न है जो बाजार में चले रहे लम्बे अपट्रेंड के अंत में बनता हैं इस तरह के पैटर्न में दो कैंडल होते हैं जिसमे पहला मजबूत बुलिश कैंडल होता हैं और दूसरा एक bearish कैंडल होता हैं जो पहले कैंडल के हाई के उपर खुलता है और पहली कैंडल के मध्य बॉडी के निचे बंद होता हैं . इस पैटर्न को तेजी की प्रविती में उलटफेर एवं एक नयी मंदी के सुरुवात होने के मजबूत संकेत को दर्शाता हैं .
२ – Modified Dark Cloud Cover Pattern
यह स्टैण्डर्ड पैटर्न का रूपांतरण होता हैं जो intraday trading में सबसे अधिक देखने को मिल जाता हैं . या दो पैटर्न के बिच का अंतर दूसरे कैंडलस्टिक के पैरामीटर में निहित है. Modified Dark Cloud Cover Pattern में दूसरी कैंडल पहली कैंडलस्टिक के हाई price से उपर खुल सकती हैं लेकिन अंत में यह मिड पॉइंट के बजाए पहले कैंडल के लो को तोड़ते हुए बंद होती हैं .
इसे लाइव trading के दौरान चार्ट में खोजना आसान है इसलिए intraday में इस तरह के पैटर्न बहुत सारे देखने को मिलते हैं . स्टैण्डर्ड डार्क क्लाउड कवर पैटर्न की तुलना में Modified Dark Cloud Cover Pattern को कमजोर माना जाता हैं इसलिए निवेशक को सावधानी के साथ इस पैटर्न में ट्रेड लेते वक्त किसी दुसरे टेक्निकल टूल को यूज करने की प्रयाश जरुर करना चाहिए .
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dark cloud cover pattern को पहचान करते समय की जाने वाली गलती


Dark Cloud Cover Pattern को समझना जितना आसान है उतना इसे कभी – कभी खोजना आसान नहीं होता हैं इसलिए इसके कई सामान्य गलती जो निवेशक कर सकते हैं उन्हें जानने की जरुरत हैं .
1 – पैटर्न की पुष्टि
निवेशक द्वारा कभी भी मात्र पैटर्न Dark Cloud Cover Pattern के उपर भरोषा नहीं करना चाहिए बल्कि किसी ट्रेड का हिस्सा बनने से पहले इस पैटर्न के साथ किसी दुसरे इंडिकेटर या टूल को यूज करना चाहिए .
२ – संदर्भ की उपेक्षा
Dark Cloud Cover Pattern इस बड़े स्टॉक मार्किट में प्रवृत्ति के संदर्भ में ही सार्थक है . निवेशक को पैटर्न की पहचान करने से पहले समय का चुनाव , सपोर्ट एवं रेजिस्टेंस लेवल का भी जरुर ध्यान देने की जरुरत हैं .
३ – ओवर कांफिडेंस में न फंसे
निवेशक को कभी भी Dark Cloud Cover candlestick Pattern की पहचान करते वक्त अलग से व्याख्या नहीं करनी चाहिए. इसके उलट उन्हें कोई अंतिम फैसला लेने से पहले price action, volume and other technical indicators आदि की मदद लेने की जरुरत हैं.
4 – टाइम (dark cloud cover pattern in hindi)
डार्क क्लाउड कवर पैटर्न की सही पहचान करते वक्त समय सीमा के आधार पर अलग – अलग हो सकते हैं इसलिए वह जिस टाइम पीरियड में क्लाउड पैटर्न को देख रहे है वह किसी दुसरे टाइम पीरियड में नहीं मिल सकती हैं इसलिए निवेशक को टाइम और डाटा की गुणवता का ख्याल रखना चाहिए .
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५- पैटर्न पर निर्भरता
यह केवल एक पैटर्न है जो trading के दौरान बनता है इस्ल्लिये केवल इसके बल पर कोई ट्रेड लेने से निवेशक को बचना की जरुरत हैं और इसकी पुष्टि के लिए इसके साथ किसी दुसरे भरोसेमंद टूल को इसके साथ जोडकर इस्तेमाल करना चाहिए .
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निवेशक इस पैटर्न द्वारा शोर्ट सेलिंग के अवसर को पहचान करने एवं अपने जोखिम को सेट करने के लिए उपयोग करते हैं इसलिए निचे कुछ स्ट्रेटेजी दी गयी है जो Dark Cloud Cover candlestick Pattern के मदद से li जा सकती हैं .


1 – शोर्ट selling
जब डार्क क्लाउड पैटर्न एक निरंतर अपट्रेंड के बाद दिखाई देता हैं तो यह बजार की प्रविती में संभावित उलट फेर कर सकता हैं .इस प्रकार निवेशक छोटे स्टॉप लोस के साथ लम्बे मुनाफा कमाने के लिए उस ट्रेड का हिस्सा बन सकते हैं . इसलिए इस पैटर्न के साथ ट्रेड करने के लिए सबसे पहले एक अपट्रेंड वाले स्टॉक की लिस बनाये और उनकी निगरानी करे ताकि इस तरह के पैटर्न को सही समय पर पकड़ा जा सके .
२ – स्टॉप लोस
इस पैटर्न द्वारा ट्रेड लेने के बाद निवेशक पहले कैंडलस्टिक के हाई के उपर अपना स्टॉप लोस सेट कर सकते हैं जो रिस्क रिवॉर्ड के हिसाब से बहुत कम भी होता हैं और साथ ही अगर ट्रेड निवेशक के विरध जाता है तो उन्हें किसी बड़े नुकसान से बचा देता हैं .
३ – दुसरे टेक्निकल टूल को यूज करे
Dark Cloud Cover Pattern को कभी भी एकलौता यूज करके कोई फैसला नहीं लेना चाहिए बल्कि किसी अन्य टेक्निकल टूल्स जैसे – मूविंग एवरेज, वॉल्यूम और ट्रेंडलाइन के साथ इसे जोडकर ट्रेड लेने का प्रयाश करे ऐसा करने से फाल्स सिग्नल कम होने के साथ – साथ लाभ कमाने का सबसे अधिक सम्भावना होती हैं
4 – अन्य कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ संयोजन
फाल्स सिग्नल को कम करने और ट्रदिंग निर्णय की सटीकता में सुधार करने के लिए निवेशक डार्क क्लाउड कवर पैटर्न को अन्य कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ जोड़कर इस्तेमाल कर सकते हैं उदाहरण के लिए , बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न या इवनिंग स्टार पैटर्न मुख्य हैं .
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dark cloud cover pattern advantage in hindi
share market में केवल Dark Cloud Cover Pattern को यूज करने के कई सरे फायेदा हैं जो इस प्रकार हैं –
1- सटीक संकेत
Dark Cloud Cover Pattern बाजार की ट्रेंड में संभावित उलट – फेर को स्पस्ट रूप से दिखने में सक्षम हैं इसलिए निवेशक छोटे स्टॉप लोस के साथ किसी ट्रेड में प्रवेश कर बाद फायेदा कमाने के लिए करते अं .
२ – दुसरे टेक्निकल टूल के साथ इस्तेमाल
किसी – किसी चार्ट पैटर्न में जब दुसरे इंडिकेटर या फिर टूल्स को यूज किया जाता है तो वह उमीद के अनुकूल रिजल्ट देने में सक्षम नहीं हो पाते हैं लेकिन Dark Cloud Cover Pattern के द्वारा जब दुसरे टूल्स के साथ ट्रेड लिया जाये तो हमे लाभ मिलने के बहुत जाएदा संभवना होती हैं इसलिए मूविंग एवरेज , ट्रेंड लाइन आदि के साथ इसे इस्तेमाल करना चाहिए .
३ – स्टॉप लोस लेवल प्रदान करने में
Dark Cloud Cover Pattern ऐसा पैटर्न है जो सिर्फ ट्रेड लेने के लिए ही नहीं बल्कि स्टॉप लोस को सेट करने के लिए भी किया जा सकता हैं और वह इतने छोटे एवं प्रभावी स्टॉप लोस होते है की यदि उसमे स्टॉप लोस हिट भी हो जाए तो कम नुकासन होता है लेकिन मुनाफा बड़े मिलते हैं . इसलिए इस पैटर्न के बनने के बाद पहले कैंडल के हाई के उपर स्टॉप लोस लगाना सबसे बढ़िया माना जाता हैं .
4 – टाइम पीरियड
अलग अलग समय सीमा में इसका इस्तेमाल किया जा सकता हैं क्योंकि यह सभी टाइम पीरियड में बनते दिखाई दे सकते हैं और उनक सभी की एक्यूरेसी एक जैसी ही होती हैं इसलिए आप चाहे intraday ट्रेडर हो या long टर्म के खिलाडी सबके लिए इस पैटर्न को यूज किया जा सकता हैं .
५ – पहचान आसान
Dark Cloud Cover Pattern को पहचानना आसान होता हैं जिसमे आपको सिर्फ एक लम्बे अपट्रेंड चार्ट की तलाश होती हैं और उसके हाई price में केवल दो कैंडल को खोजने की जरुरत हैं .
dark cloud cover pattern disadvantage in hindi
हम अभी तक यह जान चुके है Dark Cloud Cover Pattern स्टॉक मार्किट में कितना उपयोगी हैं परन्तु इसके भी कुछ कमियाँ है जिसे निवेशक को पता होना जरुरी हैं और यह कमी इस प्रकार हैं –
1 – फाल्स सिग्नल
डार्क क्लाउड कवर पैटर्न कभी कभी गलत संकेत दे सकता हैं और यह सबसे अधिक गलत सिग्नल तब देता है जब बजार में बहुत जाएदा उथल -पुथल हो इसलिए निवेशक को इस समस्या से बचने के लिए इंडिकेटर के साथ यूज करने की सलाह दी जाती हैं .
२ -ट्रेंड बाजार विकल्प
Dark Cloud Cover Pattern सभी बाजार स्थिति के लिए अनुकूल नहीं होता हैं इसलिए इसे केवल ट्रेंडिंग मार्किट के लिए यूज किया जाता हैं और रेंज बाउंड या चोपी मार्किट में यह पैटर्न काम नहीं करता हैं .
३ – शोर्ट selling
इसका उपयोग केवल शोर्ट selling के लिए किया जाता हैं जिसमे निवेशक किसी शेयर को शोर्ट करने के लिए करते हैं परन्तु जब बात long ट्रेड की आती है तो यह पैटर्न काम नहीं कर पाता हैं .
4 – अनुभव की आवश्यकता
यदि आप ट्रेडिंग के लिए सबसे छोटा समय का उपयोग कर रहे है तो वहाँ इसकी पहचान करने के लिए अनुभव का होना बहुत जरूरी है क्योंकि आपको ट्रेड में एंट्री बनाने के लिए बहुत कम समय मिलता है और उसी समय के अंदर सारे फैसले लेने होते हैं .
Faqs-dark cloud cover pattern in hindi
डार्क क्लाउड कवर पैटर्न क्या है?
यह किसी शेयर में अपट्रेंड के दौरान बनता हैं जिसमे दो कैंडल का संयोजन होता है . पहला कैंडल बुलिश कैंडल होता हैं और दूसरा कैंडल का हाई price अहले कैंडल से अधिक होता हैं परन्तु क्लोजिंग पहले कैंडल के आधे बॉडी के निचे होता हैं .
dark cloud cover candlestick pattern कितने प्रकार के होते हैं ?
यह दो प्रकार के होते हैं –
1 – standard dark cloud cover pattern
२ – Modified Dark Cloud Cover Pattern
निष्कर्ष -dark cloud cover pattern in hindi
आशा करता हूँ की आपको यह लेख जो किस what is Dark Cloud Cover candlestick Pattern in hindi के बारे में है पसंद जरुर आया होगा यदि आपके इससे जुड़े कोई सवाल है तो उन्हें कमेन्ट में जरुर पूछे जिसका उत्तर जल्द से जल्द देने का प्रयाश किया जायेगा धन्यवाद .