trigger price meaning in hindi
यह शब्द शेयर मार्किट में सबसे अधिक उपयोग किया जाता हैं इसलिए trigger price के मीनिंग को जानते हुए आज इस लेख में trigger price को विस्तार से समझेंगे जिससे आप इसका इस्तेमाल करना सिख जायेंगे और अपने ट्रेड को पहले से बेहतर लाभदायक बना सकते हैं .
what is trigger price in hindi
शेयर बजार में निवेश करते समय किसी एक price को टारगेट करने के लिए जो sell या buy दोनों के लिए हो सकता है उसे ही trigger price इ नाम से जानते हैं . इसका दूसरा नाम ट्रेलिंग स्टॉप लोस भी हैं जिसमे निवेशक अपने नुकसान को सिमित करने या फिर मुनाफे को लॉक करने के लिए उपयोग करते हैं .
अमूमन सभी ट्रेडर trigger price का उपयोग करता हैं जिनमे उनकी सेट की गयी रणनीति एवं जोखिम सहिष्णुता के आधार पर सेट किया जाता हैं .
जब trigger price हिट होता है तो निवेशक या तो उस शेयर से निकल चुके होते हैं या फिर उनके द्वारा किसी शेयर को खरीद लिए जाते हैं ऐसे में वे बिना बजार को निगरानी करते हुए अपने रणनीति को अप्लाई करने में मदद मिलती हैं .
Table of Contents
स्टॉक मार्केट में trigger price का क्या मतलब हैं ?


शेयर बाजार में निवेश के लिए ट्रिगर मूल्य कई कारण से बहुत महत्वपूर्ण होता हैं . सबसे पहले यह बजार में अधिक जोखिम के खिलाफ निवेशक को सुरक्षा प्रदान करता हैं इसलिए जब किसी स्टॉक के लिए एक मूल्य trigger price के मदद से फिक्स किया जाता हैं.
तब उस समय जब price शेयर का मूल्य trigger के price से निचे जाने लगता है तब निवेशक उस शेयर को बेच दिया जाता हैं जिससे वे जायदा नुक्सान उठाने से बच जाते हैं .दूसरा trigger कीमत का उपयोग मुनाफे को लॉक करने के लिए किया जाता हैं .
जिसमे निवेशक यदि पहले से मुनाफे में होते है तो वे अपने अपने किसी निर्धारित प्रॉफिट को लॉक करते हैं जिसमे वह trigger price को यूज करते हैं और जब उस शेयर का price उनके trigger price ओ हिट करता हैं तो निवेशक शेयर से बाहर निकल जाते हैं परन्तु उन्हें नुकसान नहीं बल्कि प्रॉफिट होता हैं .
तीसरा इस्तेमाल में निवेशक अपने रणनीति को सही तरीके से प्रभावी बनाने के लिए trigger price का मदद लेते हैं . जिसमे वे पूर्व निर्धारित trigger price के आधार पर किसी शेयर की खरीद या बिक्री की प्रक्रिया को पूरा करता हैं इसलिए निवेशक व्यक्तिगत ट्रेंड में फसने के विपरीत समय निवेश की तरफ जाएदा ध्यान केन्द्रित करते हैं .trigger price meaning in hindi
स्टॉक price को नियंत्रित करने के लिए trigger price की भूमिका ?
हालाँकि trigger price किसी स्टॉक में सीधे उनकी कीमते को नियंत्रित करने का काम नहीं करता हैं बल्जियाह एक टोल है जिसके मदद लेकर निवेशक किसी शेयर को सेल या खरीदने के फैसले को पूर्व निर्धारित कर सकते हैं लेकिन कुछ स्थितियों में trigger price अप्रत्यक्ष रूप से किसी स्टोक की कीमत को प्रभावित कर सकता हैं .
उदाहरण के लिए ,
जब बड़ी संख्या में निवेशक अपने trigger price को निचले स्तर पर सेट करते है तो उस स्टॉक में बिक्री का दबाव बन सकता हैं और जैसे ही उस price के के निचे स्टॉक जाती हैं तो एक भारी विक्वाली देखने को मिल सकती हैं . इसी तरह जब बड़ी संख्या में निवेशक अपने trigger price को उपर की तरफ सेट करते हैं तो यह स्टॉक पर खरीदारी का दबाव बनाता हैं और जैसे ही वह price के पास शेयर पहुँचता है तो स्टॉक price काफी उपर चला जाता हैं .
हालाँकि यह बता का ध्यान रखना जरुरी है की किसी शेयर के मूल्य का गिरना और बढ़ना केवल trigger price के कारण नहीं होता है बल्कि इसके कई कारण हो सकते हैं इसलिए यह भी उसी कारण का हिस्सा होता हैं .
trigger price हानि और लाभ को कैसे लॉक करता हैं ?
कोई भी निवेशक किसी शेयर में trigger price को चालू कर अपने हानि और लाभ को लॉक कर सकता हैं जिन्हें अप्लाई करना बेहद आसान हैं .
मान ले कोई निवेशक ने किसी शेयर को 100 रूपए में खरीदा और उसका trigger price 95रूपए का रखा हैं तब इस स्थिति में यदि वह शेयर निचे गिरते हुए 95 को टच करती है तो उस निवेशक को नुकसान होता है और trigger price हिट होता हैं लेकिन वह जायदा नुकसान करने से बच जाता हैं
यदि कोई निवेशक किसी शेयर को 100 रूपए में खरीदता है और कुछ समय बाद जब उसका price 110 रूपए हो जाता हैं तो वह उस समय अपने प्रॉफिट को लॉक करने के लिए अपने खरीदारी price के उपर किसी एक price पर trigger लगा सकता हैं और जैसे मान ले की उसने 105 रूपए में trigger price सेट किया है तो उस price को छूती है तो उसका शेयर बिक जायेगा और उसे मुनाफा हो जाता हैं .
ट्रिग्गर मूल्य तय करने के तरीके एवं महत्व
जोखिम को कम से कम रखने के साथ अपने रणनीति को प्रभावी ढंग से लागु करने के लिए निवेशक इसका सही ढंग से इस्तेमाल करना एक महत्वपूर्ण चैलेंज हैं इसलिए इसका महत्व को जानना जरुरी है .
1- नुकसान सिमित करना
यदि बाजार मूल्य के बहुत करीब trigger सेट किया जाता हैं तो हो सकता है लाभ मिलने से बहुत पहले आपका trigger हिट हो जाए और आपको उस ट्रेड में नुक्सान झेलना पड़े वही दूसरी तरफ जब खरीददारी मूल्य के बहुत निचे trigger सेट किया जाता हैं तो आपको उस ट्रेड में बहुत जाएदा नुकसान उठाना पड़ सकता हैं .
२ – लाभ में लॉकिंग
ठीक लाभ में भी इस तरह की गलतिय हो सकती है हजब निवेशक को अपने निवेश में लाभ दिखने लगता है तो वह बहुत करीब price पर trigger को सेट करता है जिसके वजह से वह उस ट्रेड में अतिरिक्त लाभ कमाने के अवसर को खो सकता हैं वहीँ दूसरी तरफ जब निवेशक को लाभ दिखना सुरु हो जाता है तो वह trigger परीचे को बहुत उपर price में फिक्स करता है जाहाँ तक price न पहुंचकर निचे चला जाता है जिसमे ट्रेडर्स को नुकसान हो सकता हैं .
३ – बाजार की स्थति –trigger price meaning in hindi
सही trigger price बाजार के मौजूदा स्थति पर निर्भर कर सकती हैं उदाहरण के लिए बाजार के अस्थिर चलने की स्थिति में trigger price को बहुत निचे रखना सही फैसला हो सकता है और जब बाजार स्थिर रहे तब trigger price को पास में रखना उचित माना जाता हैं .
4 – निवेश रणनीति
जोखिम सहनशीलता , एवं निवेशक की समग्र निवेश रणनीति उसके trigger price पर ही निर्भर होता हैं . क्योंकि बाजार में सभी निवेशक की मानसिकता एक जैसी नहीं होती है इसलिए जो निवेशक जायदा रिस्क लेना नहीं चाहते है वह कम trigger price को चुनते है और जो निवेशक रिस्क की प्रवाह नहीं करते है और जाएदा मुनाफा कमाने के लिए बड़ा trigger price meaning in hindi चुन सकते हैं .
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trigger price का उपयोग कैसे करे ?


शेयर मार्किट के चाल हर समय एक जैसी नहीं होती हैं इसलिए इसका सीधा प्रभाव trigger price के सही इस्तेमाल न करने के उपर पड़ सकता हैं लेकिन इसके उपयोग को सही कैसे किया जाए इसे जानना जरुरी हैं .
1 – अस्थिर बाजार में
इस तरह के बाजार के चाल में हमेशा निवेशक को यह सोचना जरुरी है की बजार का भाव तेजी से निचे या उपर जा सकता हैं इसलिए इस समय समझदारी से काम लेते हुए अपने trigger price को थोडा निचे रखने का प्रयाश करे ताकि अस्थिर बाजार में आप जाएदा देर तक तक सकते हैं .
२ – अपट्रेंड बाजार में
यदि एके निवेश उन शेयर में जहां वह अपट्रेंड की तरफ लगतार बढ़ता जा रहा है तो ऐसे स्थित में उपर की तरफ trigger करते चले ताकि आप उस तरह के ट्रेंड में जाएदा मुनाफा कमा सके .
३ – downtrend बाजार में –trigger price meaning in hindi
यदि आप किसी शेयर में शोर्ट की पोजीशन बनाया है तो इस समय आप trigger price को निचे की तरफ ट्रेल करके आगे बढ़ सकते है ताकि आप डाउन ट्रेंड में बढ़िया मुनाफा निकाल सकें और इस तरह आप अपने नुक्सान को सिमित कर फायेदे की तरफ बढ़ सकते हैं .
4 – रेंज बौंड मार्किट
रेंज मार्किट में price एक ही रेंज के अंदर फंस जाता है और उसी के बीचे में उपर और निचे की तरफ ट्रेड करता है ऐसे में आप अपट्रेंड के लिए निचले रेंज के थोडा निचे trigger price सेट कर सकते है और डाउन ट्रेंड के लिए उपर रेंज के price के थोडा उपर trigger लगा सकते हैं .
trigger price सेट करते समय की जाने वाली गलती
जादातर नए निवेशक किसी शेयर को कह्रिदते समय जायदा लालच या फिर हड़बड़ी में कोई ट्रेड लेते है जिसके चलते उनको सही trigger price चुनने के बाद भी नुक्सान होता है तो चलिए उन गलतियों पर नजर डालते है जो trigger price को प्रभवित करते हैं .
1 – trigger price को बहुत नजदीक सेट करना
यदि शेयर खरीदने के बाद trigger price को बहुत नजदीक सेट किया है तो नुक्सान होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है ऐसे में बचने के लिए आप पहले से इस trigger price की सीमा की पहचान करे और आपको लगता है की trigger price बहुत नजदीक है तो उस ट्रेड को छोड़ सकते हैं .
२ – बाजार के चाल के अनुसार trigger सेट न करना
बाजार की स्थिति कभ भी तेजी से बदल सकती हैं इसलिए यह जरुरी नहीं है की अपने जो trigger price फिक्स किया है वह उस समय सही है इसलिए फिर से उसका एनालिसिस कर trigger price के वैल्यू को समय रहते बदला जा सकता हैं ताकि उस ट्रेड से होने वाले नुकसान को रोका जा सके .
३ – स्ट्रेटेजी के बजाए भावनाव के उपर trigger price सेट करा
इस तरह की गलती आप कर रहे है तो इसे जल्दी बनद करने में भलाई है क्योंकि शेयर मार्किट स्ट्रेटेजी के उपर अधिक आकर्षित होती हैं खासकर छोटे टाइम पीरियड में इसलिए आप कभी भी अपने मन मुताबिक trigger price को सेट न करे बल्कि अपने स्ट्रेटेजी के अनुसार उसे सेट करना सीखें .
4 – चार्जेज और फीस का ध्यान
यदि आपने सब कुछ सही तरीके से किया है और आपको उस ट्रेड में मुनाफा भी हुआ है तो हो सकता है एके सभी मुनाफे टैक्स या चार्जेज में कट जाए क्योंकि कोई भी ट्रेड को लेने के बाद उसे बेचने पर कुछ टैक्स देने होते है यदि इसका आंकलन आपके प्रॉफिट के बराबर है तो आपको मुनाफा का अंश नहीं मिलेगा इसलिए ट्रेड लेने से पहले इसकी भी जांच करने की जरुरत हैं .
FAQs-trigger price meaning in hindi
ट्रिगर प्राइस क्या होता है?
trigger price meaning in hindi वह price है जाहाँ आपके द्वारा खरीदा गया शेयर या फिर पहले से किसी शेयर में खरीदने के लिए तय किये गए price पर शेयर का भाव आते ही हिट हो जाता हैं .
स्टॉप लॉस ट्रिगर प्राइस क्या है?
इस तरह के trigger तब सेट किये जाते है जब आप कोई शेयर को खरीद चुके होते है और अपनी स्ट्रेटेजी के मुताबिक स्टॉप लोस trigger को यूज करना चाहते है जिससे आप अपने नुक्सान को कम कर सके .
निष्कर्ष –trigger price meaning in hindi
आशा करता हूँ आपको मेरा यह लेख पसंद जरुर आया होगा जो की trigger price means in share market in hindi के विषय में है और यदि आपके कोई सवाल है जो trigger price से जुड़े है तो उन्हें कमेन्ट में जरुर पूछे जिसका जल्द से जल्द उत्तर देने का प्रयाश किया जायेगा धन्यवाद .