share market psychology in hindi

share market psychology in hindi

share market एक चुनौती से भरा और अप्रत्याशित जगह होता है जहां कुछ भी अनुमान लगाना मुमकिन नहीं हैं लेकिन अनुभव और अभ्याश के बल पर इसे कामयाब बनाया जा सकता हैं .

लेकिन इस लेख में हम शेयर मार्किट से जुड़े मानसिकता के उपर ध्यान केन्द्रित करने वाले हैं क्योंकि stock market psychology in hindi शेयर बजार में निर्णय लेने के लिए अहम् भूमिका निभाता हैं .

बिना किसी कारण के कोई सा भी दिन स्टॉक मार्किट का भाव बेतहासा उपर और निचे जा सकता हैं जिसके असर स्दिहे हमारे मानसिकता के उपर पड़ता हैं और इस समय लिए गए फैसले से हम अक्सर फंस जाते हैं .

क्योंकि इस क्षण हम उत्साह या घबराहट का शिकार बन जाते हैं लेकिन कोई भी अनुभवी इन्वेस्टर इस psychology को अपने उपर हावी नहीं होने देता हैं क्योंकि उसे पता है की स्टॉक market में psychology को कैसे यूज किया जाता हैं .

यह वह जगह होता है जहां आपकी स्ट्रेटेजी से जाएदा मनोविज्ञान का रोले अहम् होता हैं खासकर जब आप नए होते हैं इसलिए भावना और वयवहार को समझना शेयर मार्किट में निवेश के नजरिये से एवं नुकसान को कम करने लिए महत्वपूर्ण हैं .

तो चलिए उन बिंदु को समझते है जो शेयर मार्किट में हमारे psychology के उपर बुरा असर डालता है और उनके सलूशन क्या हैं –

1 – शेयर मार्किट में भावना की भूमिका -share market psychology in hindi

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जब निवेशा आशावादी होते है तो शेयर को उपर जाने के लिहाज से खरीदते है और जब उसका price उपर जाता है तो उसे बेचकर मुनाफा कमा लेते है वही दूसरी तरफ जब निवेशक निराशावाद होते है तो शेयर को निचे जाने के लिए खरीदते हैं और price निचे जाता है तो उन्हें फायदा होता हैं यही भूमिका सभी निवेशक के मन में होना आम बात हैं .

लेकिन इनमे जब डर की स्थित पनपती है तब सब कुछ उलट पुँलत हो जाता हैं क्योंकि डर के पैदा होते ही आपके मन भावना को काबू में रखने में विफल हो जाती हैं और आपके नुक्सान का मुख्य कारण तो बनती ही है साथ ही psychology पर भी बुरा असर डालती हैं .

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जब निवेशक इन्वेस्ट करने के बाद डरते है तो थोडा सा नुकसान होते ही उसे बेचने का फैसला कर लेते है और स्ट्रेटेजी के विपरीत चलने लगते हैं जिससे उनकी भावना आहात होती हैं लेकिन रिजल्ट कुछ और ही होते हैं उनके लोस होते ही शेयर का भाव उनके स्ट्रेटेजी को आदर करता हैं .

लालच भी stock market में psychology का मुख्य हिस्सा होता हैं जिसमे लोग अक्सर फंसते हैं क्योंकि लालच के वजह से वह अपने स्ट्रेटेजी से एक कदम आगे चले जाते हैं क्योंकि उन्हें जायदा मुनाफा चाहिए होता है लेकिन परिणाम कुछ और होता हैं अपने अच्छे अवसर को छोड़ वे उस ट्रेड को लोस में बेचते हैं .

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२ – भावना को काबू कर डिसिप्लिन निवेश रणनीति अपनाए

शेयर मार्किट में भावना , लालच , डर , psychology आदि आहम हिस्सा होती हैं इसलिए इन्हें काबू में कर शेयर मार्किट में आवेगी निर्णय लेने से बचा जा सकता हैं . इसलिए psychology का सही उपयोग करने के लिए कुछ विअक्ल्प सुझाए गए है जो इस प्रकार हैं –

अपनी रणनीति पर टिके रहे

जब आप किसी स्ट्रेटेजी के मदद से कोई शेयर खरीदें तो उसका इस्तेमाल 100 % करे ताकि आपके उपर डर और लालच की भावना पैदा ही ना हो चाहे आपको लोस ही क्यों न हो जाए अपने रणनीति पर टिके रहे . जब आप अपने फैसले के उपर कायम रहते है तो इसका फायेदा आपको जरुर होता हैं .

पोर्टफोलियो में विविधता लाएं

जोखिम को कम करने और जाएदा psychology आपके उपर हावी ना हो इसलिए अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने का प्रयाश करे क्योंकि अलग – अलग तरह के निवेश , sector , कंपनियां आदि को चयन करने से आपको नुक्सान की संभावना कम बनी रहती हैं जिससे psychology का बुरा असर दिखना बंद हो जाता हैं .

सूचित रहे -share market psychology in hindi

यदि आप खरीदें गए शेयर से जाएदा फोकस उस कंपनी के एनालिसिस पर ध्यान देंगे तो आपको काफी हद तक अच्छे रिजल्ट प्राप्त होंगे क्योंकि इस तरह से आप किसी भी तरह के न्यूज़ से अपडेट रहते है और आपका ध्यान भी पोस्तिवे की तरफ अग्रसर रहता हैं जिसका आपको फायेदा भी मित्लता हैं .

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थर्ड पार्टी से मदद

अक्सर जो लोग नए होते है वह किसी न्यूज़ , टिप्स , आदि का सहारा लेकर शेयर को खरीदते है जिनमे उनका खुद का कोई अनुभव शामिल नहीं होता है जबकि यह गलत है क्योंकि शेयर मार्किट को खुद से एनालिसिस करना , इन्वेस्ट करना , स्टॉक चयन आदि आपके psychology को मजबूत बनाने का काम करती हैं और आप अपने गलतियों से सीखते हुए आगे बढ़ते हैं इसलिए खुद पर भरोषा करे और किसी थर्ड पार्टी को शेयर खरीदने के लिए इस्तेमाल न करे .

स्टॉप लोस आर्डर

अक्सर लोग स्टॉप लोस को कुछ दिन इस्तेमाल करने के बाद उसे छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है की उनका लोस का कारण स्टॉप लोस है जबकि ठीक इसके उलट इसमें सबसे बड़ा दोस उनकी उस समय इस्तेमाल किया जानेवाला स्ट्रेटेजी या भी भावनाए हो सकती हैं . जबकि स्टॉप लोस तो आपके नुक्सान को क से कम रखने के लिए होता हैं . जब आप सही स्ट्रेटेजी और एनालिसिस के साथ कोई शेयर खरीदते है तो आपका स्टॉप लोस कभी हिट नहीं होता हैं इस्ल्ये इससे डरे नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल करने का तरीका पर ध्यान दे .

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FAQs-share market psychology in hindi

शेयर बाजार का मनोविज्ञान क्या है?

मनोविज्ञान के नियंत्रित के बिना आप शेयर मार्किट में सफल नहीं हो सकते हैं क्योंकि जब आप किसी शेयर को खरीदते है तब आपके उपर उस शेयर के फैसले लेने के प्रति मनोविज्ञान हावी हो जाता हैं जो नुकसान का कारण बन सकता हैं इसलिए डिसिप्लिन के माध्यम से इससे बचा जा सकता है

शेयर मार्केट क्या है विस्तार से समझाइए?

शेयर मार्किट एक ऐसा क्षेत्र है जाहाँ कम्पनी पूंजी की जरुरत को पूरा करने के लिए अपने हिस्से को शेयर के रूप में लोगो को बेचती हैं और निवेशक उन्हें खरीदकर उस कंपनी का हिस्सा बन जाते हैं जिसके पास किसी एक कंपनी का जितना अधिक शेयर होगा वह उतना मजबूत होगा .

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