Swing trading strategy in Hindi-स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे

Swing trading strategy in Hindi-स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे

यदि आप शेयर मार्किट में कुछ महीने या फिर कुछ साल से जुड़े है तो , निश्चित ही स्विंग ट्रेडिंग का नाम जरूर जानते होंगे यदि आप नए नए शेयर मार्किट में आये है तो मैं आपसे वायदा करता हूँ की एक बार इस बुक को पढ़ने के बाद आप शेयर मार्किट के साथ – साथ स्विंग ट्रडिंग के बारे में भी आसानी से समझ जायेंगे।

यदि स्विंग ट्रेडिंग के बारे में थोड़ा विस्तार से जाने तो यह एक छोटी अवधि का ट्रेडिंग होता है जिसमे इन्वेस्टर कुछ घंटे या फिर  एक हफ्ते अंदर किसी चुने हुए शेयर को खरीदकर होल्ड करते है और फिर मुनाफा होने के बाद बेच देते हैं।

लेकिन यहां कौन से शेयर को कब खरीदना है , किस प्राइस में खरीदना हैं और किस प्राइस में बेचना  हैं इसके बारे में विस्तार से जानना बेहद जरूरी है, क्योंकि यदि आप जब तक इसके बारे में नहीं जानेंगे तब तक आपको शेयर मार्किट में हानि होता रहेगा इसलिए ट्रेडिंग के दौरान शेयर चुनने से लेकर उन्हें खरीदने और बेचने तक के बारे में इस बुक आपको बहुत सारे आसान तरीके बताये गए हैं जो आपको शेयर मार्किट में लम्बे समय तक बने रहने और निरंतर मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान करेंगे।

लेकिन एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि यदि आप वाकई में शेयर मार्किट से कुछ पैसे कमाना चाहते है तो आपको शेयर मार्किट के कुछ बेसिक पता जरूर होने चाहिए।

जिसमे कुछ कैंडल स्टिक पैटर्न , ट्रेंडलाइन , अपट्रेंड सिग्नल , डाउनट्रेंड सिग्नल , सपोर्ट , रेजिस्टेंस आदि इसके बारे में भी आगे बताया गया ताकि आपको इसके लिए इधर – उधर भटकना ना पड़े इसलिए सब कुछ एक ही बुक में  आपको मिल जायेंगे जो आपके सिखने की चाह को और भी आसान बनाएंगे।

इसलिए आपसे निवेदन है की सभी तरह के स्विंग ट्रेडिंग बुक की तरह इसे भी एक बार जरूर पढ़े जिसमे नए तरह के ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी को बहुत सिंपल तरिके से बताया गया हैं तो चलिए स्विंग ट्रेडिंग के अब विस्तार से जानते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाले मुख्य कैंडल स्टिक पैटर्न

 

सबसे पहले हमे कैंडल को पहचान करना जरुरी हैं और शेयर मार्केट में बहुत सारे कैंडल स्टिक पैटर्न हैं जिन्हे जानना जरूरी है लेकिन मैं यहाँ आपको केवल उन्ही कैंडल पैटर्न के बारे में बताऊंगा जो swing trading in hindi में इस्तेमाल करने योग्य हैं।

इनवर्टेड हैमर

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यह हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न का ठीक उलट बनता है।यह कैंडल पैटर्न का निर्माण तब होता है जब कोई share की कीमत खुलने और बंद दोनों के सबसे नजदीक होती हैं और ऊपर की तरफ पूछ  वास्तविक शरीर के दोगुने से अधिक होना जरूरी है ।

यह कैंडल आपको किसी ट्रेड में एंटर करने या फिर बाहर निकलने का पुख्ता संकेत देते हैं इसलिए ट्रेडिंग के दौरान इस कैंडल को जरूर ध्यान रखे।

हैंगिंग मैन कैंडल स्टिक पैटर्न

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हैंगिंग मैन एक सिंगल कैंडल पैटर्न है जो अपट्रेंड के अंत में बनता है और बेयरिश मार्केट के शुरू होने का संकेत देता है।इस कैंडल का वास्तविक शरीर बहुत छोटा और नीचे  लंबी पूछ के साथ शीर्ष पर स्थित है जिसकी लम्बाई शरीर से दोगुने से अधिक होना चाहिए। इस कैंडलस्टिक पैटर्न में ऊपर कोई पूछ नहीं होती है ।

इस candle के बनाने का मुख्य वजह यह है कि कीमतें बढ़ीं और विक्रेता ने कीमतों को नीचे की तरफ धकेल दिया फिर अचानक से खरीदार भी बाजार में आ गए और कीमतों को ऊपर धकेल दिया लेकिन वे विक्रेता पर हावी ना हो सके जिसके फलस्वरूप कीमत शुरुआती कीमत से नीचे बंद हो गईं।

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एवं ठीक इसके विपरीत यदि यह कैंडल नीचे मंदी के दौरान बनता है तो यह संभावना बनने लगती अब यहाँ से मार्किट ऊपर की तरफ रुख कर सकते हैं अथार्त अब मार्केट में मंदी समाप्त हो चुकी है और तेजी शुरु होने जा रही  हैं। इसका रंग चाहे हरा हो फिर लाल कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता लेकिन खरीदने के लिए हरा अच्छा संकेत हैं।

दोजी कैंडल स्टिक पैटर्न

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दोजी पैटर्न एक तरह से अनिर्णय वाला  कैंडलस्टिक पैटर्न है जिसका निर्माण तभी होता है जब ओपन प्राइस और क्लोज मूल्य लगभग बराबर होते हैं या यु कहे की जब खरीददार और विक्रेता दोनों ही  कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लड़ रहे होते हैं ।

तभी doji कैंडल का निर्माण होता है लेकिन अंत में कोई भी कीमतों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने में सफल नहीं होता है। इस तरह के कैंडलस्टिक पैटर्न का आकार बहुत छोटे वास्तविक शरीर और लंबी पूछ के साथ एक क्रॉस की तरह दिखता है।

मदरबेबी कैंडल पैटर्न

Swing trading strategy in Hindi-स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे

अब मैं वीकली चार्ट पर बन रहे एक ऐसे तप इ बारे में बताएं चाहता हूँ जिसके बारे में मैंने पहले जिक्र किया था जिसमे दो कैंडल होते है जो कुछ haraami pattern की तिरह निर्माण करते हैं बस उसे ही हमे हर हफ्ते में वीकली चार्ट पर ढूंढ़ना होता है ।

जिसमे पहला ग्रीन कैंडल होता है और उसके बाद बनाने वाला कैंडल पहले वाले के अंदर की बंद होना चाहिए चाहे वो कोई भी कैंडल हो । फिर हमे इस तरह के कैंडल चार्ट को ढूंढ़कर एक लिस्ट बनाना हैं ।

इस तरह आपको अपने दिमाग में ऊपर बताए गए पैटर्न को याद रखना है ताकि स्विंग ट्रेड में स्टॉक खरीदते समय आपकी एक्यूरेसी अच्छी रहे।

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स्विंग ट्रेडिंग स्टॉक सिलेक्शन मेथड

चूँकि हम सभी जानते है की इंडियन शेयर मार्केट में करीब 7000 से भी अधिक शेयर कंपनियां लिस्टेड हैं लेकिन उनमें कौन से ऐसे शेयर कमपनी है जो स्विंग ट्रेड के लिए सूटेबल हैं और उन्हें कैसे फ़िल्टर करे ताकि उन शेयर में इन्वेस्ट करके हम मुनाफा अर्जित कर सके।

तो इस समस्या का हल मैं आपको बताने जा रहा हूँ जिसे आप फ्री में रजिस्टर करके उन 7000 शेयर में से सभी स्विंग ट्रेड वाले स्टॉक को बड़े आसानी से फ़िल्टर कर सकते हैं।

सबसे पहले आपको एक वेबसाइट है https://www.tickertape.in/ इस लिंक के मदद से आप विजिट करे और उसके बाद अपने जीमेल आईडी के द्वारा लॉगिन हो जाए।

अब आपको सबसे ऊपर दाईं तरफ tickertape पर क्लिक करना और वहां से आपको stock screener का चुनाव करना होगा।

स्विंग-ट्रेडिंग-स्टॉक-सिलेक्शन-मेथड

अब  आपको यहाँ पर मुख्य 5 फ़िल्टर अप्लाई करने होंगे जिसके बाद आप स्विंग स्टॉक को ट्रेड करने के लिए चुन सकते हैं।

सबसे पहले उस स्क्रीनर में पहले से दिए गए केवल close price एवं market cap को छोड़कर pe ratio को रिमूव कर दे।

अब मार्किट कैप के पास दायें  तरफ दिए गए एरो पर क्लिक करे और जहाँ जीरो प्राइस दिख रहा है उसे 1000 पर सेट करें।

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इसके बाद close price सेक्शन जाएँ और वहां बायीं तरफ के प्राइस को 100 रूपए पर सेट कर दे।

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अब हमें तीन और नए पैरामीटर सेट करना है जिसके लिए सबसे पहले नीचे की तरफ दिए गए add filter को क्लिक करे।

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अब दाएं तरफ एक सर्च बॉक्स दिखाई देगा जिसमें daily volume टाइप करना है और नीचे नजर आ रहे daily volume के बॉक्स में टिक और डन करें।

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daily volume के एरो पर क्लिक करने के बाद उसके बाएं तरफ बॉक्स में एक लाख पर सेट करें।

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अब आपको फिर से add filter पर क्लिक करने के बाद सर्च बॉक्स में away from 52w high टाइप करना होगा और नीचे आ रहे बॉक्स में टिक और डन कर दे।

इसके बाद दाएं  तरफ बने एरो पर क्लिक करने के बाद निचे दिख रहे दोनों बॉक्स में 5 और 15 को सेलेक्ट करे।

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अब हमे आखिरी में एक और इंडिकेटर चुनना है  सर्च बॉक्स में जाकर 1M Return vs Nifty टाइप करे और नीचे जो बॉक्स दिख रहा उसे क्लिक करने के बाद डन करे।

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अब इसे भी पिछले सेटिंग की तरह 5 और 15 पर सेट करें।  इस तरह अब आपका स्विंग स्टॉक सेलेशन का मेथड पूरा हो जायेगा।

यदि आप ध्यान दे तो दायीं तरफ जो शेयर कंपनियां दिखाई दे रही हैं जो करीब १ से ४० की संख्या में हैं उन सभी को अपने ट्रेडिंग चार्ट में सेव करें क्योंकि हमने अभी तक स्टॉक सिलेक्शन की प्रक्रिया पूरी की हैं और किस शेयर में कब ट्रेड लेना और कौन सा चार्ट पैटर्न इस्तेमाल करें इसके बारे में  जानने वाले हैं।

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चूँकि समय के अनुसार यह शेयर बदलते रहते है इसलिए चाहे तो हर हफ्ते इस स्कैनर का इस्तेमाल  नए – नए स्टॉक को ट्रेडिंग चुन सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग के प्रकार

अभी – अभी हमने जो स्विंग स्टॉक सिलेक्शन को सीखा है उसके बारे में थोड़ा आपको बता दू की यह सभी चुने गए शेयर कंपनी अपने 52 विक हाई के दायरे में आते हैं इसलिए हम केवल इन्हे खरीदने के अवसर को ढूढेंगे।

मेरे राय में आप चार्ट पैटर्न के लिए  https://in.tradingview.com/ का इस्तेमाल कर सकते हैं और जिसके लिए आप चाहे तो मुख्य दो तरह के चार्ट पैटर्न का इस्तेमाल कर सकते हैं जो इस प्रकार हैं –

प्राइस के द्वारा स्विंग ट्रेडिंग

टेक्निकल चार्ट के द्वारा स्विंग ट्रेडिंग

10 DAYS MOVING AVERAGE WITH RENKO 

प्राइस के द्वारा स्विंग ट्रेडिंग

इसमें मुख्यतः हम ट्रेंड लाइन और एक टेक्निकल चार्ट का इस्तेमाल करके किसी शेयर को खरीद और बेच सकते हैं।

प्राइस एक्शन में ट्रेड करने के लिए सबसे पहले आपको स्विंग स्टॉक को चार्ट पर सेट करना होगा और टाइम पीरियड 1  दिन का होना चाहिए जिसमे हम कुछ सपोर्ट और रेजिस्टेंस लीन ड्रा करेंगे।

उदाहरण के लिए मैंने titan company को चुना और उसके सपोर्ट और रेजिस्टेंस निचे इमेज में मिल जायेंगे।

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अब एक दिन के टाइम पीरियड को ऑवर में बदल दे ताकि कुछ दिनों के लिए ट्रेड  लिया जा सके और साथ ही मुनाफा कमा सकें।

ऑवर में बदलने के बाद अब हम एक इंडिकेटर का इस्तेमाल करेंगे जिसका नाम supertrend हैं उसे आप ऊपर इंडिकेटर सेक्शन में जाकर चुन सकते हैं।

supertrend indicator चुनने के बाद उसकी सेटिंग में कुछ बदलाव करेंगे।  supertrend सेटिंग में जाने के बाद input section में जाए और वहाँ atr period में 10 टाइप करे , source  में hl2 और atr multiplier में 2 सेट कर दें।

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अब आपके मन में प्रश्न यह होगा की आखिर शेयर कहाँ खरीदना है और किस प्राइस में बेचना है।  तो आप हमेशा यह ध्यान रखें की आपने जो लाइन खींचा हैं वह आपके buy और sell करने के संकेत को दर्शाते हैं।

साथ ही जो इंडिकेटर अपने सेट किया है वह ट्रेंड को दर्शाता इसलिए यदि supertrend हरा है तो buy करना हैं एवं जब यह लाल हो जाए तो sell करना है नहीं तो किसी शेयर को sell  करने के लिए परिक एक्शन यानी की सपोर्ट या रेजिस्टेंस के साथ भी जा सकते हैं।

note – यदि आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस लाइन ड्रा करने में परेशानी रही पाइवोट पॉइंट इंडिकेटर का इस्तेमाल करें।

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पाइवोट पॉइंट को इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले इस इंडिकेटर को अपने चार्ट में अप्लाई करें और टाइम पीरियड 1 दिन पर सेट कर दे।

अब पाइवोट पॉइंट में सेटिंग में जाकर केवल एक बदलाव करें जिसके लिए इनपुट सेक्शन में जाए और वहाँ टाइप में fibonacci सेट कर दे।

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ऊपर दिए गए इमेज में कुछ लाइन दिखाई देगा बस उन्हें ही होरिजेंटल लाइन के द्वारा मार्क करते जाए लेकिन ध्यान रहे की यह लाइन केवल पिछले एक से दो महीने तक के अंदर खींचा जाना चाहिए। अब इन्हे एक ऑवर के चार्ट में बदल ले।

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अब ऊपर दिए गए इमेज को विस्तार से समझते हैं ताकि आप एक बढ़िया स्विंग ट्रैड ले सके।

कब खरीदें

share  खरीदने से पहले आपको किन्हीं दो बातें हमेशा ध्यान में रखना जरूरी है। जिसमे पहला हैं किसी ग्रीन कैंडल का क्लोजिंग सपोर्ट लाइन के ऊपर हो और दूसरा supertrend इंडिकेटर ग्रीन बन चुका हो। जैसे ही दोनों इंडक्शन हमें चार्ट में दिखाई देंगे वैसे ही स्टॉक को खरीद लेंगे।

स्टॉप लोस्स प्राइस कहाँ रखें ?

शेयर मार्केट में आप बिना स्टॉप लोस्स के टिक नहीं सकते हैं क्योंकि आपको ट्रेड लेते समय अपने रिस्क को भी सेट करना बेहद जरूरी है क्योंकि कोई भी चार्ट १०० प्रतिशत सही नहीं होता है और हो सकता है आपके 10 ट्रेड में ६ सही जाए और बाकी 4 ट्रेडिंग में स्टॉप लोस्स हिट करे।

इसलिए स्टॉप लोस्स के लिए आप दो तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें पहला है supertrend के ग्रीन लाइन के नीचे अपने स्टॉप लोस्स प्राइस सेट करे या फिर आपने जिस प्राइस में खरीदा है उसके ठीक नीचे सपोर्ट लाइन के नीचे वाले प्राइस को भी चुन सकते हैं।

सेल कब करे

शेयर को खरीदने के बाद उसे बेचने के लिए आप तीन तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें पहला , ३ से ५ % प्रॉफिट दीखते ही स्टॉक के बेच दे क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग में ३ से ५ % का मुनाफा एवरेज माना जाता हैं।

दूसरा तरीका , जैसे ही शेयर ऊपर की तरफ रेजिस्टेंस लाइन में टच करे तो उस प्राइस में भी सेल कर सकते हैं और यदि थोड़ा रिस्क लेना चाहते है तो तीसरा तरीका को चुने जिसमे आपको supertrend को तक इंतजार करे। जैसे ही सुपरट्रैंड लाल हो जाए तो आप  बेच सकते है।

वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न

अब मैं वीकली चार्ट पर बन रहे एक ऐसे टॉपिक बारे में बताएं चाहता हूँ जिसके बारे में मैंने पहले जिक्र किया था जिसमे दो कैंडल होते है जो कुछ haraami pattern की तिरह निर्माण करते हैं बस उसे ही हमे हर हफ्ते में वीकली चार्ट पर ढूंढ़ना होता है ।

जिसमे पहला ग्रीन कैंडल होता है और उसके बाद बनाने वाला कैंडल पहले वाले के अंदर की बंद होना चाहिए चाहे वो कोई भी कैंडल हो । फिर हमे इस तरह के कैंडल चार्ट को ढूंढ़कर एक लिस्ट बनाना हैं ।

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ऊपर इमेज में यदि ध्यान दे तो इसी तरह का कैंडल दिखाया है जो अभी हाल का  है जिसमे मैंने इन्वेस्ट करके 5% मुनाफा कमाया है लेकिन यह करीब 10% से भी ऊपर गया हैं । इस चार्ट में जहां एरो दिख रहा वह बड़ा ग्रीन कैंडल है ।

फिर उसके बाद बनाने वाला एक रेड कैंडल है जो क्लोजिंग उसके अंदर दिया है बस जब ग्रीन कैंडल का हाई टूटे तो कोई भी इसे खरीद सकते हैं और ग्रीन कैंडल के नीचे अपना stop loss लगाकर मुनाफा कमा सकते हैं ।

दो इंडिकेटर द्वारा स्विंग ट्रेडिंग

हम  जो भी स्ट्रैटेजी के बारे में जानेंगे उन सभी में चुने गए स्विंग शेयर को ही इस्तेमाल करेंगे। अब जो हम दो इंडिकेटर इस्तेमाल करेंगे उनमे दोनचैन चैनल और rsi हैं।

सबसे पहले टेक्निकल चार्ट में जाए और वहाँ टाइम पीरियड को 1 ऑवर पर सेट करें और साथ ही  कैंडल को heikin ashi पर सेट कर दे।

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अब इंडिकेटर सेक्शन में जाए वहां donchain channel सेलेक्ट करे और इसके  सेटिंग  बदलाव करेंगे जोकी input section में 18 चुनेंगे और style section में  जाकर basic एवं background को दे।

अब बारी है rsi को सेलेक्ट करने के बाद उसे सेटिंग में बदलाव करेंगे।  rsi के सेटिंग मे style  सेक्शन में जाएं और वहां rsi-based ma , rsi uper band , rsi lower band , rsi background fill इन सभी को untick  कर  दे।

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अब निचे दिए गए इमेज की तरह चार्ट रेडी हो गया होगा।  अब हम जानेंगे की शेयर को कब खरीदना और बेचना हैं और साथ ही स्टॉप लोस्स क्या होगा।

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कब खरीदें

चुने गए शेयर कंपनी में किसी शेयर  खरीदने के लिए सबसे पहले हमे दो बातों के ध्यान रखना जरुरी हैं जिसमे पहला की rsi 40 के करीब से ऊपर की तरफ जाना चाहिए और दूसरा donchain channel के नीचे वाली लाइन को कोई कैंडल टच करे।

अब यहाँ एक बात का और ध्यान दे ये दोनों इंडिकेशन मिलने के बाद बस एक ग्रीन कैंडल का इंतजार करना हैं जैसे ही एक ग्रीन कैंडल बन जाए उसके बाद आप शेयर खरीद सकते हैं।

स्टॉप लोस्स कहाँ रखें

इस चार्ट में स्टॉप लोस्स लगान बेहद आसान है जिसके लिए आपको बस donchain channel के नीचे वाली लाइन के प्राइस से थोड़ा बफर के साथ स्टॉप लोस्स सेट कर दे।

कब बेचे

यह चार्ट में सेल करना भी आसान है जिसके लिए जब प्राइस ऊपर donchain चैनल को टच करे तो स्टॉक बेचकर ट्रेड से बाहर निकल जाए।

बोलिंगर बैंड के द्वारा स्विंग ट्रेडिंग 

जैसा की हम सभी जानते है की बोलिंगर बैंड तीन मुख्य रेखाएं होती हैं जिसमे बीच वाली लाइन २० दिन की मूविंग एवरेज पर सेट की हुई रहती हैं।

अब बची हुई दो रेखाएं में हम यह अनुमान लगाते है की जब कोई शेयर ऊपर की तरफ जाएगी तब कम  ऊपर बंद को जरूर टच करेगी और ठीक इसके विपरीत यदि कोई शेयर नीचे की तरफ जा रही है तो कम से कम निचले बैंड को टच जरूर कर सकती हैं।

अब इस नियम को ध्यान रखते हुए हम एक बढ़िया स्विंग स्टॉक को चुन कर उससे कुछ मुनाफा बड़े आसानी से कमा सकते हैं। जिसके लिए आपको कुछ बातें ध्यान रखना जरूरी हैं।

सबसे पहले पॉइंट यह हैं की हम उन्ही स्टॉक को चुनेंगे जो लगातार तेजी से गिरावट के मोड़ पर हो क्योंकि यह बहुत ही कमाल का स्ट्रैटेजी है जिसमे आप मात्र थोड़े समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

दूसरा पॉइंट यह है की हम यदि शेयर को खरीदने की तरफ जा रहे है तो मिडिल लाइन को हटा देंगे क्योंकि हमें ऊपर बैंड को छूते ही शेयर बेच देना होगा।

तीसरा पॉइंट कैंडल के विषय में हैं जिसमे आपको कोई ग्रीन हैमर कैंडल या , इनवर्टेड हैमर या , कोई बड़ा ग्रीन कैंडल के बनाने का भी वेट करना जो उस समय ट्रेंड रिवर्सल होने के संकेत देते हैं।

इस चार्ट में हम केवल एक इंडिकेटर और बढ़िया एक्यूरेसी प्राप्त करने के लिए एक दिन का टाइम पीरियड को चुनेंगे।

लेकिन एक बात यह जानना जरुरी हैं की इसका स्टॉक सिलेक्शन मेथड थोड़ा अलग हैं जिसके लिए आपको निचे एक इमेज मिल जाएगी उसे देखने के बाद ठीक उसी तरह का सेटिंग उस स्कैनर वेबसाइट में जाकर लगा सकते हैं।

यदि आप ध्यान दे तो ऊपर भी मैंने स्विंग स्टॉक सिलेक्शन के बारे में बताया है उसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं और जब उस तरह का कोई चार्ट पैटर्न बने तो आप शेयर को खरीद सकते हैं।

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कब खरीदें

आप इस मेथड द्वारा स्टॉक को दो तरीके से खरीद सकते हैं।  सबसे पहला तरीका यदि कोई स्टॉक अपने चुना है और वह अपट्रेंड में हैं तो यहाँ  ध्यान देना हैं की जब वह निचे वाले लाइन को छूकर कोई ग्रीन हैमर बनाता हैं तो उसके खरीद सकते हैं एवं यह थोड़ा रिस्की हो सकता हैं।

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दूसरा तरीका यह है की मान लीजिये आपने कोई ऐसा स्टॉक चुना जो एक दम  से करेक्शन मोड में हों और बोलिंगर बैंड के नीचे लाइन को छूते हैं इसके बाद आपको एक रेवेर्सल का वेट करना है यानी की वह स्टॉक थोड़ ऊपर जाकर फिर से नीचेवाले लाइन के करीब पहुँचता हैं तब एक हैमर ,या बुलिश कैंडल का निर्माण करे तो आप उसमे एंटर हो सकते हैं।

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स्टॉप लोस्स कहाँ रखें

इस टेक्निकल चार्ट में आपके risk reward ratio बहुत बढ़िया रहता हैं।  यदि स्टॉप लोस्स हिट भी होता हैं तो आपको बहुत कम नुक्सान होता हैं और हो सकता हैं स्टॉप लोस्स बार बार हिट भी करे लेकिन इसमें आपको बहुत जल्दी और बड़ा मुनाफा मिलता हैं।

इसलिए आप जिस ग्रीन कैंडल में शेयर खरीदेंगे ठीक उसके लौ प्राइस के जरा से नीचे स्टॉप लोस्स रख सकते हैं या फिर बोलिंगर के नीचे वाली लाइन के पास भी स्टॉप लॉस सेट कर सकते हैं।

कब सेल करे

इस टेक्निकल चार्ट द्वारा शेयर खरीदने के बाद आपको सेल करने में कोई ज्यादा सोचने की आवश्यकता नहीं होती हैं क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग के नियम के अनुसार आप ३ % का मुनाफा लेकर एग्जिट हो सकते हैं या फिर जब तक बोलिंगर बैंड के ऊपर वाली लाइन को प्राइस न छुवे तब तक उस शेयर को होल्ड कर सकते हैं।

सोन , फादर एवं ग्रांडफादर स्विंग स्ट्रैटेजी

यह स्ट्रैटेजी बहुत ही कमाल का हैं जिसमे आपको कोई ट्रेंडिंग स्टॉक ढूंढने की जरुरत नहीं पड़ती है क्योंकि इसमें हम rsi indicator के साथ तीन टाइम फ्रेम को चेकआउट करते हैं जिसका नतीजा यह होता हैं की हमे आटोमेटिक  मिल  ट्रेंडिंग  हैं।

इसमें आपको rsi के बारे में जानना जरुरी है की जब भी स्टॉक ४० पर आएगा तब वहां से एक रेवेर्सल आने की उम्मीद है लेकिन ध्यान रहे इसका टाइम फ्रेम १ ऑवर का होना जरुरी हैं जिसे हम सोन के नाम से जानते हैं।

जब rsi ६० के ऊपर हो और टाइम पीरियड एक दिन (फादर )हो तो हम यह स्टॉक को खरीदने के लिए तैयार होंगे और साथ ही जब हम टाइम पीरियड एक हफ्ते (ग्रैंडफादर )पर सेट करेंगे तब rsi ६० के ऊपर होना जरुरी हैं।

बस आपको यह तीन मेथड का पालन करना हैं जिससे आपको एक बढ़िया ट्रेंडिंग स्टॉक खरीदने में मदद करता हैं। परन्तु हम १ ऑवर वाले चार्ट के अनुसार ही स्टॉक को खरीदेंगे।

rsi इंडिकेटर सेटअप

इस स्ट्रैटेजी में ट्रेड करने के लिए rsi को सेटिंग में बदलाव करना जरुरी हैं जिसके लिए आप rsi  के सेटिंग सेक्शन में जाकर  गए इमेज के अनुसार सेट करे।

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लेकिन आपको यह ध्यान  है की तीनो टाइम पीरियड में यही rsi सेटअप इस्तेमाल करना हैं।  इसलिए rsi  के स्टाइल सेक्शन में जाकर ऊपर इमेज के अनुसार सेटअप करे।

कब खरीदें

इस टेक्निकल चार्ट के मदद से ट्रेड लेने के लिए सबसे पहले आपको उन स्टॉक को चुनना होगा जो एड दिन और एक हफ्ते के टाइम पीरियड पर उसका rsi ६० के पास या ऊपर हो।

स्टॉक का चुनाव करने के बाद टाइम पीरियड को १ ऑवर पर सेट करें और ४० तक आने का वेट करें या फिर ४० के ऊपर जैसे ही क्रॉस करे तो उस शेयर को खरीद सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि खरीदने से पहले एक बार एक दिन और एक हफ्ते का rsi लाइन जरूर चेक करे।

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स्टॉप लोस्स कहाँ रखें

स्टॉप लोस्स आप दो तरीके से रख सकते हैं जिसमें सबसे पहला तरीका , जिस ग्रीन कैंडल में आप शेयर करेंगे ठीक उसके लौ प्राइस के नीचे स्टॉप लोस्स सेट कर सकते हैं या फिर दूसरा तरीका का इस्तेमाल करते हुए पिछले स्विंग के लौ प्राइस पर भी स्टॉपलॉस रख सकते हैं।

कब बेचे

स्विंग ट्रेडिंग में हमने यह जाना है की ३ से ५ % मुनाफा काफी है यदि आपके पोर्टफोलियो में ३ से ५ % क मुनाफा दिखें तो शेयर को बेच सकते हैं।

या फिर शेयर को बेचने के लिए दूसरे इंडिकेटर ( बोलिंगर बैंड )का इस्तेमाल कर सकते जिसमे आपको सेटिंग में जाकर कुछ बदलाव करने होंगे।

बोलिंगर बैंड के सेटिंग में जाये और वहाँ केवा ऊपर लाइन को छोड़कर सभी को हटा दे और जैसे ही शेयर का प्राइस ऊपर लाइन को छूता है आप शेयर को बेच सकते हैं।

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ऊपर दिए गए इमेज की मदद से आप एक स्कैनर बना सकते है इसके मदद से आप कुछ मिंटो में उन स्टॉक को ढूंढ सकते है जो rsi के तीन पॉइंट को पूरा करते हो और आप बड़े आसानी से शेयर को चुनकर उसमे एंटर कर सकते हैं।

निष्कर्ष 

आशा करता हूँ आपको मेरा यह लेख swing trading strategies in hindi पसंद आया होगा जिसमे मैंने विस्तारपूर्वक swing trading rules in hindi के बारे में और आजकल सबसे अधिक इस्तेमाल किये जानेवाले रणनीति के बारे में बताया हैं। यदि आपके कोई सवाल या सुझाव है तो उन्हें कमेंट में जरूर पूछे धन्यवाद

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