mri ka full form name kya hai in hindi
दोस्तों आज हम इस लेख में mri ka pura naam के बारे में जानेंगे और साथ ही साथ एम आर आई का उपयोग कहाँ और किस लिए किया जाता हैं तथा इसकी जरुरत की वयक्ति के लिए होती आदि सभी के बारे में आगे जान सकते हैं ।
mri ka pura naam kya hai जानने से पहले यह जरूर जान ले की यह जितना सुनाने में छोटा शब्द लगता हैं उतना हैं नहीं क्योंकि यदि इसके उपयोग सावधानी पूर्वक नहीं किया गया तो वयक्ति की जान भी जा सकती हैं जिसके बारे में आगे चर्चा करेंगे ।
mri ka full name – एम आर आई फुल फॉर्म
एम आर आई का पूरा नाम – Magnetic resonance imaging होता हैं जिसे हिंदी में यानी की mri ka full form in hindi – चुम्बकीय अनुनाद इमेजिंग होता हैं ।
आशा करता हूँ आपको mri scan ka full form पता चल गया होगा लेकिन यह हमारे शरीर के अंदुरनी इलाज के लिए उपयोगी यंत्र हैं परन्तु यदि इसका उपयोग सही से नहीं किया गया तो खतरनाक भी हो सकता है ।
इसलिए हमे कभी न कभी इसका सामना जरूर करना होगा इसलिए इसके उपयोग से पहले क्या स्वधानिया बरतनी चाहिए इसे जानना बहुत जरुरी हैं जिसका पूरा जवाब इस लेख में विस्तार से बताया गया हैं ।
एम आर आई स्कैन क्या है ??
अभी तक हम यह जान चुके है की MRI का मतलब मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन होता हैं जिसमे जांच करते वक़्त किसी वयक्ति को आमतौर पर 15 से 20 मिनट का समय लग जाता हैं लेकिन इसके अलावा समय तब बढ़ जाती है जब शरीर का हिस्सा को चुना जाता है ।
यानी जितना ज्यादा बड़ा हिस्सा होगा समय भी बढ़ती चली जाती हैं और तो और तस्वीर की संख्या के अनुसार समय भी ज्यादा लगते हैं । यह दूसरी तरह की स्कैन प्रणाली जैसे एक्सरे और सिटी स्कैन से बिलकुल अलग होता है क्योंकि यह मैगनेट फील्ड प्रक्रिया द्वारा काम करता हैं ।
असल में mri जांच के दौरान शरीर में कैसे चेक किया जाता है इसके सन्दर्भ के एक जानकार बताते है की , किसी वयक्ति को जब mri जाँच के लिए भेजा जाता है तब यह मशीन शरीर में जहाँ – जहां हाइड्रोजन होता है उसके घूमने के दौरान एक इमेज बनती हैं और इन्ही image को आगे इलाज के लिए या फिर बिमारी का पता लगाने के लिए इकठ्ठा किया जाता हैं ।
ऐसा संभव इसलिए हो पाता है क्योंकि शरीर के अंदर 70 प्रतिसत पानी होता हैं जिससे हाइड्रोजन के स्पिन के दौरान बने इमेज की मदद से शरीर के सभी दिक्कत का पता आसानी से लगाया लिया जाता हैं ।
शरीर के अलग अलग हिस्सों में जैसे , रीढ़ की हड्डी ,दिमाग, घुटने, आदि जहां कहीं भी सॉफ्ट टिशू की मौजूदगी होती है जब उनका mri test होता है तो हाइड्रोजन स्पिन के दौरान बनाने वाले इमेज से यह पता लगाया जाता है कि शरीर के उन हिस्सों में कोई दिक्कत तो नहीं है।
mri मशीन कितना खतरनाक हैं ?
mri स्कैन मशीन कितना खतरनाक है इसका अंदाजा साधारण तरिके से नहीं लगाया जा सकता हैं लेकिन ठीक इसके विपरीत जो वस्तु मशीन के लिए उपयोगी नहीं यदि उसका इस्तेमाल किया गया तो इसमें जान का खतरा बढ़ जाता हैं तो चलिए इसके एक उदाहरण के मदद से समझते हैं ।
कुछ साल पहले की बात है एक 32 साल का वयक्ति जो mri scan कराने के लिए हॉस्पिटल पहुंचा लेकिन जाँच के दौरान mri रूम में ही उसकी मौत हो गयी जिसका मुख्य वजह शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन जाना बताया गया ।
हालाँकि डॉक्टर द्वारा यह जानकारी दी गयी की mri scan रूम में ज्यादा लिक्विड ऑक्सीजन की मात्रा होने के वजह से मौत हुआ क्योंकि जब ऑक्सीजन लिक्विड के रूप में होती है तब वह हानिकारक हो जाती हैं ।
जब मरीज को दाखिल किया गया तब वह ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ अंदर दाखिल हुए थे ऐसे में सिलेंडर धातु का बना होता है और mri मशीन मैगनेट फिल्ड पर काम करता हैं जिसके कारण mri मशीन में रिएक्शन पैदा हो गया ।
हुआ यह था की जब mri में मरीज को भेजा गया तब सिलेंडर के वजह से mri मशीन ने मरीज को पूरी ताकत के साथ अपनी तरफ खींचा जिसमे स्टाफ ने बचाने की पूरी कोशिश की परन्तु मरीज का हाथ और सिलेंडर mri स्कैन मशीन के अंदर ही फंस गया था जिससे ऑक्सीजन भारी मात्रा में लिक हो गयी जिसमे मरीज की मौत हो गयी ।
mri scan machine में क्या होता है ?-( mri ka full form name kya hai in hindi )
एम् आर आई स्कैनर एक सिलेंडर के अकार की होती है जो दोनों तरफ़ से खुली होती है और मरीज को मोटराइज़्ड बेड पर लेटा दिया जाता है जो मशीन के अंदर जाता है ।
कुछ मरीज के शरीर में किसी ख़ास हिस्से जैसे , सिर या छाती पर फ़्रेम रखा जाता है जो रिसीवर होते हैं जो स्कैन के दौरान शरीर के तरफ आनेवाले सिग्नल की गुणवत्ता को बढ़ा देते हैं जिससे इमेज की बढ़िया क्वालिटी प्राप्त होती हैं ।
कभी कभी स्कैन के दौरान मरीज को कई बार तेज़ आवाज़ें सुनाई देती हैं जो उसमे प्रवाहित किये गए इलक्ट्रिक करंट की होती है और इस शोर से बचने के लिए हेडफ़ोन भी दिए जाते हैं ।
mri scan के दौरान किन बातों का ध्यान रखें ?-( mri ka full form name kya hai in hindi )
वैसे जांच से पहले मरीज को कुछ भी खाने पिने की अनुमति होती हैं जिसमे दवाएं भी शामिल हैं लेकिन कुछ मामलो में इलाज के चार घंटे पहले तक ही खाने के की अनुमति दी जाती हैं जिससे की इलाज के दौरान 4 घंटे की फास्टिंग हो सके और mri स्कैन प्रक्रिया को सफल बनाया जा सके ।
अस्पताल में mri जांच के दौरान मरीज की बिमारी की पूरी डिटेल मांगी जाती है जिससे यह पता चले की वह मरीज mri test के लिए कितना सुरक्षित हैं और इसके बाद आपसे मरीज के mri test के लिए कन्फोर्मशन माँगा जाता हैं ।
इस इसलिए किया जाता हैं क्योंकि mri scan बहुत चुम्बकीय ताकतवर मशीन हैं जिससे वह किसी भी मेटल को अपनी तरफ खिंच सकता हैं इसलिए जांच के दौरान मरीज के शरीर में निचे दिए गए कोई भी वस्तु शरीर में नहीं होनी चाहिए ।
- नकली दांत जिनमें धातु का इस्तेमाल होता है
- सुनने की मशीन
- विग, क्योंकि कुछ में धातु के टुकड़े होते हैं
- घड़ी
- झुमके या ज्वेलरी जैसी नेकलेस
- पियर्सिंग
यदि छे के दौरान सावधानी नहीं बरती गयी तो शरीर की जांच के लिए बनी यह mri मशीन ख़तरनाक और जानलेवा बन सकती है वैसे स्टाफ द्वारा mri रूम में जाने से पहले ये सुनिश्चित किया जाता है कि मरीज़ के पास कोई धातु की चीज़ ना हो ।
यदि जाने – अनजाने में शरीर के भीतर कोई कारतूस , शार्पनेल या स्क्रू, के हिस्से हैं तो ख़तरनाक साबित हो सकते हैं जिससे इस तरह के धातु के टुकड़े mri मशीन में बन रहे मैग्नेट के द्वारा बेहद तेज़ गति से खींचेंगे जिससे शरीर चोटिल हो जाता है ।
इसके अलावा मेडिकेशन पैच लगाकर स्कैन रूम में जाना सही नहीं है क्योंकि उसमें एल्यूमीनियम के कुछ अंश होते हैं जिसके गर्म होने पर मरीज़ जल सकता है।
types of mri machine in hindi – mri मशीन के प्रकार
वैसे जानकारी के मुताबिक mri मशीन तीन तरह की होती हैं –
1 ) tesla 1
2 ) tesla 1.5
3 ) tesla 3
इन सभी मशीन को tesla o के द्वारा इनकी क्षमता को मापा जाता हैं । tesla 3 टाइप की mri मशीन की ताकत इतनी ज्यादा होती हैं की लोहे के पुरे अलमारी को अपने तरफ खींचने की ताकत रखता हैं ।
इस बात से आप अंदाजा लगा सकते है की मशीन जितना ज्यादा टेस्ला का होगा वह उतना ज्यादा ताकतवर होने के का प्रभाव पैदा करता हैं और इसके साथ ही उसका मैग्नेटिक फिल्ड भी ताकतवर होगा ।
एक जानकार के मुताबिक , आपको mri रूम के बाहर अमूमन यह लिख हुआ मिलेगा की , शरीर में कहीं भी न्यूरो स्टिमुलेटर लगा हो या दिल में पेस मेकर लगा हो तो स्कैन न कराएं। वैसे सोना चांदी पहकर स्कैन कराया जा सकता है ।
क्योंकि उसमे किसी तरह के लोहा का अंश नहीं होता परन्तु चांदी के मामले में लोहा मिक्स हो सकता हैं इसलिए mri scan से पहले इन सभी बातों का ध्यान जरूर रखें ।
निष्कर्ष ( mri ka full form name kya hai in hindi )
आशा करता हम आपको मेरा या लेख mri ka full form kya hai पसंद आया होगा जिसमे मैंने MRI से जुड़े सभी जानकारी शेयर की है इसके अलावा आपके कोई प्रश्न या सुझाव है तो कमेंट में जरूर बताये जिसका उत्तर जल्द देने का प्रयाश किया जायेगा धन्यवाद ।