pivot point meaning in hindi

pivot point meaning in hindi

दॉतों आज हम शेयर बाजार में पाइवोट पॉइंट के महत्व के बारे में जानेंगे और इसका क्या खासियत , pivot point पर कोई ट्रेड कैसे लिए जा सकता हैं , पाइवोट पॉइंट कौन से ट्रेडर के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त हैं आदि के बारे में जानने वाले हैं ।

पाइवोट पॉइंट के बारे में हम ज्यादा डीप में नहीं जायेंगे बल्कि कुछ आसान शब्दों इसे समझने का प्रयाश करेंगे जो आपके लिए बेहतर विकल्प हैं लेकिन आपको बता दे की यह भी moving average की तरह सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला महत्वपूर्ण इंडिकेटर हैं ।

पाइवोट मीनिंग इन हिंदी 

pivot point को सबसे ज्यादा सपोर्ट एवं रेजिस्टेंस के नाम से जाना जाता है और जो नए इन्वेस्टर है उन्हें यदि चार्ट पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस ढूंढने नहीं आता हैं तब तो यह इंडिकेटर उनके लिए बड़े काम का हैं और इसके बारे में इस लेख को जरूर अंत तक पढ़े ।(pivot point meaning in hindi)

यदि साफ़ तौर पर कहा जाए तो मान लीजिये की कोई शेयर का प्राइस पिछले किस प्राइस पर बंद हुआ , उसका हाई क्या था , लौ क्या था आदि और अगले दिन यदि प्राइस पिछले हाई के ऊपर खुला पाइवोट में निरन्तर तेजी का भाव दिखेगा या फिर परिक निचे जाए तो पाइवोट भी मंडी को दर्शायेगा ।

यह चार्ट पर कैसे समझा जाता हैं आगे इसके बारे में बात करेंगे और अंत में मैं केवल पाइवोट से कैसे ट्रेड लिया जाता हैं इसके अलावा पाइवोट की खूबियां , कमिया क्या है आदि के बारे में भी बात करने वाले हैं । इसलिए इस लेख में बने रहें ।

पाइवोट पॉइंट इन हिंदी – pivot point in hindi

जैसा की मैंने कहा pivot point को समझने के लिए मैं आपको सिर्फ सबसे ज्यादा उपयोग करने के बारे में बताऊंगा इसलिए इंडिकेटर का उपयोग सबसे ज्यादा intraday के लिए किया जाता हैं इसके अलावा भी सभी तरह के time में इस इंडिकेटर का इस्तेमाल किया जा सकता हैं ।

swing trade के लिए भी आप कोई trend line या फिर कोई दूसरा इंडियकटर को जोड़कर भी ट्रेड ले सकते हैं जो आपके कन्फ़र्मेशन को पुख्ता करने का काम करता हैं लेकिन इसका केवल support और resistance को बताएं ही मुख्य काम हैं जिसका लाभ कोई भी ट्रेडर उठाते हैं ।

वैसे इस इंडिकेटर में एक पाइवोट होता हैं जो मुख्य और बिच में उपस्थित होता है एवं इसके अलाव 6 से 7 तरह के resistance एवं सपोर्ट होता हैं परन्तु सबसे ज्यादा उपयोग R1 , R2 , S1 , S2 एवं पाइवोट ही हैं यदि आप कोई intraday या फिर swing trade के लिए शेयर खरदना चाहते है ।

इसके अलावा यह इंडिकेटर से आप stop – loss भी लगा सकते हैं और साथ ही साथ आपको कोई शेयर कहाँ बेचना चाहिए या कब SHARE में एंट्री लेना हैं यह भी जान सकते हैं परन्तु सलाह यह की इसके साथ कोई दूसरा टूल जरूर उपयोग करे ।

मार्किट साइडवायस है तो उसका स्टॉक का सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को ड्रा करके आसानी से उस शेयर को शार्ट OR बाई कर सकते है लेकिन यह लेख केवल स्टडी के लिए है और शेयर खरीदने के लिए बाध्य नहीं करता इसलिए शेयर खरीदने से पहले अपने अडवाइजर से सलाह जरूर ले ।

यदि आपको trend लाइन की समझ अच्छी तरिके से है तब तो आप पाइवोट के द्वारा support और resistance को ड्रा करे और ट्रेंड लाइन के अनुसार उस सहरे में एंट्री करके भी अच्छा पैसा बना सकते हैं ।

पाइवोट पॉइंट कैसे work करता है 

अब यह जानेंगे की चार्ट पर पाइवोट पॉइंट कैसे काम करता है और यदि इसके सेटिंग्स कुछ बदलाव किया जाए तो छोटे – छोटे ट्रेड के लिए आसानी से कोई भी ट्रेड पकड़ा जा सकता हैं इसलिए सबसे पहले इसके सेटिंग में जाकर सिर्फ तीन लीन को चुने ( pivot , resistance 1 ,2 एवं support 1 , 2 ) बस बाकी सभी से टिक हटा दे ।

अब निचे दिए गए इमेज की तरह आपका चार्ट दिखेगा जिसमे मैंने ब्लैक से पाइवोट को दर्शाया है आप चाहे तो फिर सेटिंग में जाकर उसके रंग बदल सकते हैं और इसके बाद resistance और सपोर्ट का भी रंग अपने इच्छा अनुसार बदल सकते हैं ।(pivot point meaning in hindi)

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यदि आप ध्यान दे तो आपको जहां भी लीन दिख रही हैं वहा या तो प्राइस रूककर निचे आ रहा हैं या फिर लाइन को छूकर निचे आ जा रहा हैं , या शेयर के अपट्रेंड के दौरान वह बारी बारी से लाइन को सपोर्ट बनाकर ऊपर चढ़ता जा रहा हैं ।

यदि इसके साथ कोई 50 दिन का simple moving average को लगा दिया जाए तो आप आसानी से किसी भी शेयर का ट्रेंड पता कर सकते हैं और आपका सौक केवल अपट्रेंड में स्टॉक खरीदना है तो आपका काम और भी ज्यादा आसान हो जाता हैं ।

इस इसे में हम आगे बात करेंगे और कैसे ट्रेड लिया जाता है उसे भी सीखेंगे । हाल ही में हुए के शोध के अनुसार pivot point निवेशक द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर बनता जा रहा है क्योंकि यह आसानी से support level एवं resistance को आसानी से बता सकता हैं । इसलिए इसे अपने चार्ट में जरूर लगाकर किसी भी शेयर का एनालिसिस करना चाहिए ।

पाइवोट पॉइंट ट्रेडिंग – pivot point trading straitegy in hindi 

अब हम कैसे पाइवोट और मूविंग एवरेज के मदद से कोई ट्रेड में एंट्री ले सकते हैं इसके बारे में बात करेंगे और जैसा की मैं सभी लेख में swing trading का जिक्र करता हूँ तो उसके लिए छोटा टाइम पीरियड सही हैं जो एक घंटे के होगा ।

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buy

सबसे पहले हमे यह देखना है की क्या किसी शेयर का चाल ऊपर की तरफ है या नहीं इसके लिए हम 50 day moving average का मदद लेंगे इसलिए शेयर खरीदने ( NSE ) के दौरान कैंडल का क्लोजिंग भी इस लाइन के ऊपर होना जरुरी हैं ।

इमेज में आप देख सकते है मात्र कुछ दिन में हमे तीन  ट्रेड लेने का  मौका मिला वो सिर्फ एक शेयर में जो ऐसा बिलकुल किसी दूसरे स्ट्रैटेजी में नहीं होता हैं । बस जब भी किसी पाइवोट पर कोई ग्रीन कैंडल क्लोजिंग दे और मूविंग एवरेज के ऊपर हो तो उस कैंडल का हाई टूटते ही शेयर को ख़रीदा जा सकता हैं ।

stop – loss 

किसी भी शेयर को खरीदने के बाद स्टॉप लोस्स लगाना बहुत जरुरी हैं क्योंकि मार्किट का कुछ पता नहीं होता कब खराब न्यूज़ आ जाये और शेयर निचे जाने लगे इसलिए या तो आप pivot के निचे , यदि नजदीक है तो  S1 के निचे यदि नजदीक और नहीं तो मूविंग एवरेज के निचे भी सतोप्प लोस्स लगा सकते हैं ।

sell – (pivot point meaning in hindi)

चूँकि हमने बहुत छोटा टाइम पीरियड को सेलेक्ट किया है इसलिए हमारा टारगेट भी छोटा होना चाहिए इसलिए कम से कम 2 से 3 प्रतिसत का प्रॉफिट सेट करे नहीं तो रिस्क लेना चाहते है तो ऊपर R1 और R2 पर भी जब शेयर प्राइस जाए तो बेच सकते हैं ।

पाइवोट पॉइंट की खूबियां – pivot point advantage

1 ) किसी भी शेयर को खरीदने और बेचने के मामले में पाइवोट पॉइंट सबसे उपयोगी इंडिक्टर है जो ज्यादा कुछ एनालिसिस किये ही किसी शेयर का support और resistance बता सकता हैं ।

2 ) इंट्राडे में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह किसी शेयर के भाव उस दिन निचे रहेगा या फिर ऊपर जायेगा इसका पता आसानी से बता देता है जिससे ट्रेडर इंट्राडे के दौरान एंट्री और एग्जिट आसानी से कर पाते हैं ।

3 ) यदि पाइवोट के साथ ट्रेड कोई लेने की आदत डाल ले तो उसका रिस्क काफी हद तक कम हो जाता हैं । जैसा की मैंने उदाहरण कई बार बताया है की यदि पाइवोट के ऊपर है तो शेयर अपट्रेंड  में है यदि निचे है तो डाउन ट्रेंड में हैं।

4 ) पाइवोट पॉइंट को मेनुअली आसानी से निकाला जा सकता है जिसे निकलने के लिए पाइवोट पॉइंट का वैल्यू के लिए ( पिछले दिन का हाई + पिछले दिन का लौ / 3 ) , R1 के लिए ( पाइवोट पॉइंट x 2- पिछले दिन का लौ ) S1 के लिए ( पाइवोट पॉइंट x2- पिछले दिन का हाई ) इस प्रकार इसकी गड़ना करने के लिए किसी सॉफ्टवेयर की जरुरत नहीं पड़ती हैं ।

5 ) इसमें इन्वेस्टर के ट्रेड ज्यादातर कामयाब होते हैं और किसी भी प्लेटफॉर्म में यह इंडिकेटर आसानी से पाया जा सकता हैं ।

6 ) इसमें शेयर के ब्रेकआउट को पहचान करना बेहद आसान है बस इसमें कुछ ज्यादा अभ्यास की जरुरत होगी जिसे आप पिछले चार्ट के मदद से करके आसानी से सिख सकते हैं ।

पाइवोट की कमियां – pivot point disadvantage

1 ) पाइवोट पॉइंट में यदि आप इंट्राडे कर रहे हैं तो कभी – कभी ऊपर रेजिस्टेंस के लेवल और पाइवोट लाइन के बिच बहुत ज्यादा अंतर नहीं रह जाता जिसके वजह से हो सकता है आपको वह टारगेट कभी हिट ही ही न ह पाए । क्योंकि इंट्राडे कुछ घंटो का होता है इसलिए जल्दी में कोई फैसला लेना एक चुनौती भ काम हैं ।

2 ) चूँकि यह आने पिछले दिन के रिकॉर्ड के हिसाब से काम करता है इसलिए आपको आगे की तारीख के pivot पॉइंट कभी नजर नहीं आएंगे जिससे की आप पहले से कोई रणनीति तैयार कर सकें इसलिए लाइव मार्किट के दौरान ही पाइवोट का निर्माण होता चला जाता हैं । इसलिए fibonacci की तरह पहले से सपोर्ट और रेजिस्टेंस पता नहीं चल पता हैं ।

3 ) अकेले सिर्फ इसके मदद से आप स्विंग या लॉन्ग ट्रैड  नहीं ले सकते हैं क्योंकि सही कन्फ़र्मेशन ना मिलने के वजह से एक्यूरेसी कम हो जाती हैं ।

4 ) कभी कभी आगे बनाने वाला पाइवोट के साथ न जाकर पिछले वाले बन चुके पाइवोट के लेवल को भी रेस्पेक्ट देने लगता हैं जिससे हमे इसके गलत इनफार्मेशन का शिकार होना पड़ता है जबकि हम यदि इसपर भी थोड़ा अभ्यास करने की जरुरत हैं ।

निष्कर्ष (pivot point meaning in hindi)

आशा करता हूँ की pivot point kya hota hai इसके बारे में आपको जानकारी अच्छी लगी होगी यदि इससे जुड़े आपके कोई राय या फिर सवाल है तो उसे कमेंट में जरूर पूछे जिसका उत्तर जल्द से जल्द देने का प्रयाश किया जायेगा धन्यवाद ।

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