kapalbhati kaise karte hain-kapalbhati ke fayde-कपालभाति प्राणायाम कैसे करें
दोस्तों आज हम इस लेख में कपालभाति प्राणायाम का बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करनेवाले हैं । इसके साथ ही कपालभाति से लाभ और हानि , कपालभाति साइड इफेक्ट्स , कपालभाति करने का सही तरीका आदि का विवरण भी पढ़ सकते हैं ।
कपालभाति के चमत्कार को जान कर आप हैरान हो जायेंगे क्योंकि इस आसन को करना जितना आसान हैं उससे कई गुना ज्यादा कपालभाति प्राणायाम के फायदे देखने को मिल जाते हैं जिसमे जो मुख्य हैं आज उसी के बारे में बात करेंगे ।
what is kapalbhati in hindi
कपालभाति दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमे कपाल का मतलब मस्तिष्क होता है और भाति का मतलब ज्योति होता हैं लेकिन आपको एक जरुरी बात बता दू की कपालभाति योगा को सीधे नहीं किया जाता है बल्कि पहले अनुलोम – विलोम किया जाता है तब इस आसन को किया जाता हैं ।
यह आसन तेजी से किया जानेवाला रोचक प्रक्रिया हैं और इसे हठयोग में भी शामिल किया गया है । प्रणायाम की तरह किया जानेवाला यह आसन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं ।
इस आसन को करने से बहुत कम समय में ही लाभ दिखने लगते हैं इसलिए इसे चमत्कारी आसन भी कहा जाता हैं । अपने शरीर को निरोगी और मन को शांत व तरोताज़ा बनाये रखें के लिए अपने योग की लिस्ट में इस आसन को जरूर शामिल करे ।
तो चलिए अब इस आसन को और भी बहुत सारे फायदे एवं रोचक जानकारी जानने के लिए आपसे निवेदन करता हूँ की इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े और वैसे भी इस आसन को हर उम्र के लोग बड़े आसानी से कर सकते हैं ।
kapalbhati benefits in hindi-कपालभाति के फायदे-(kapalbhati kaise karte hain-kapalbhati ke fayde-कपालभाति प्राणायाम कैसे करें)
शरीर के मस्तिष्क के साथ पेट के अंदरूनी अंगो को स्वस्थ रखने के साथ उसका देखभाल करने में सक्षम हैं इसलिए आप इस आसन को रोजाना जरूर करे । सौ बिमारी को दूर करने के साथ यह हमारे शरीर से विषैले पदार्थ को भी बाहर निकाल देता हैं
- लिवर एवं किडनी के लिए
यह आसन को निरनतर करने से लिवर और किडनी से जुडी समस्या से छुटकारा मिलती हैं तथा उसे मजबूत भी बनाता हैं । इसलिए यदि आप इन दोनों में किसी से भी पीड़ित है तो इस आसन को करना जरूर शुरू कर दे लेकिन पहले अपने विशेष्ज्ञ से अनुमति जरूर ले
- आँखों के लिए
यदि आपके आँखों के निचे काले घेरे आ गया हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो इस आसन को करना शुरू कर दे कुछ ही दिन के बाद आपको फर्क दिखना सुरु हो जायेगा इसके साथ ही शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाये रखने के लिए भी लाभकारी होता हैं
- पेट में गैस के लिए
यदि आप पेट में गैस या फिर एसिडिटी से परेशान रहते हैं तो इस आसन से आपको निश्चित ही फायदा पहुंचेगा और साथ में यह हमारे शरीर के मेटाब्लॉसिम को भी सुधारता है । शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बैलेंस करने में भी यह मदद करता हैं
- नींद की समस्या में
नींद में गुणवत्ता में सुधार के लिए इस आसन को जरूर करे । दिमाग को तेज करने के साथ याददास्त को बढ़ाने के लिए भी इस आसन को जरूर करे । क्योंकि इस आसन में सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया अहम् होती हैं जिसके वजह से फेफड़े लम्बे समय तक स्वस्थ रहते हैं ।इसके अलावा पेट की चर्बी को कम करने , कब्ज से राहत , चेहरे की झुर्रिया , बाल और दांत से जुडी समस्या से छुटकारा मिलता हैं
कपालभाति करने की विधि-kapalbhati kaise kare
इस आसन को करना बेहद साधारण हैं इसलिए सबसे पहले पद्मासन की अवस्था में या फिर पलस्ति मारकर बैठ जाए लेकिन ध्यान रखें इस आसन को खाली पेट करना हैं ना की भोजन करने के बाद ।
- इसके बाद चित मुद्रा बनाते हुए दोनों हाथ को घुटने के पास रखें ।
- अब गहरी सांस अंदर की तरफ ले और पेट को बाहर की तरफ जाने दे और ऐसा कम से कम 20 से 35 बार करे और धीरे – धीरे इसकी संख्या बढ़ाते जाए
- इसके बाद जल्दी से सांस छोड़ते हुए पेट अंदर की तरफ करे ले ।
- इस आसन से ज्यादा लाभ पाने के लिए और इस आसन को करने के बाद ताली जरूर बजाये
- अब दोनों हाथों की उंगलियों को फैला ले। तीन बार ताली बजाये और दोनों हाथों को कंधे के समान ले जाकर स्ट्रेच करें ।फिर दुबारा ताली बजाएं एवं यह प्रक्रिया कम से कम 10 बार दोहराएं और फिर स्पीड बढ़ा लें।
- अब अपने दोनों हाथ को घुटनों पर रखेंगे तब आपको शरीर में थोड़ी कम्पन महसूस होगी। जो मुख्य रूप से विषाक्त पदार्थों के बाहर निकलने का संकेत होते है और साथ ही यह कम्पन आपके दिमाग को अच्छा महसूस करने में मदद करता हैं ।
- इसके बाद कुछ देर सुखासन में बैठ जाए और अपने शरीर को ऑब्जर्व करें।
- अब धीरे -धीरे गहरी लंबी सांस लें और सांस छोड़ें।
यदि आप इतना कुछ नहीं करना चाहते है तो सिर्फ ऊपर बताये गए तीन पॉइंट को अमल करे आपका कपालभाति योगासन पूरा हो जायेगा नहीं तो यदि आपके पास पर्याप्त समय है तब पुरे पॉइंट को जरूर फॉलो करे आपको जरूर लाभ मिलेगा ।
कपालभाति के प्रकार- types of kapalbhati in hindi
कुछ साल पहले तक यह योगा केवल तपस्वी , साधू – संत , तक ही सिमित था परन्तु इसमें कोई संदेह नहीं हैं की बाब रामदेव की वजह से इस आसन की और इसके अलावा कई तरह का योगा का लोकप्रियता बढ़ चुकी हैं ।
- कपालभाति कितने तरह की होती हैं
मुख्य रूप से कपालभाति तीन तरह की होती हैं । जिसके बारे में निचे विस्तार से बताया गया है ।
वातकृपा कपालभाति – यह आसन भस्त्रिका प्रणायाम के सामान होता हैं जिसमे इस आसन को करते वक़्त सांस को लेना और छोड़ना समान्य होता हैं ।
विमुक्तकर्म कपालभाति – यह जल जाली के सामान होता है जिसमे नाक से पानी लेकर मुँह के द्वारा निकाला जाता हैं ।
शीतकर्मा कपालभाती- इस आसन को विमुक्तकर्म कपालभाति से उल्टा किया जाता हैं जिसमे पानी को मुँह से अंदर लेकर नाक से बाहर निकाला जाता हैं ।
कपालभाति करते समय सावधानियां – (kapal bhati ke nuksan)
- खान खाने के तुरंत बाद इस आसन को नहीं करे बल्कि 4 घंटे जरूर इंतजार करे
- गर्भावस्था में इस आसन को नहीं करे
- चक्कर आना,उच्च रक्त चाप,दौरे आना, हर्निया, मिर्गी, ह्रदय रोग और आमाशय की अल्सर में भी इस आसन को करने पर नुक्सान होता है
- पहले से कमर दर्द है तो चिकित्षा से सलाह लेने के बाद यह आसन करे
- सुबह के समय और खुली वातावरण में करे तभी लाभ होगा
निष्कर्ष
उम्मीद है आपको मेरा यह आर्टिकल kapalbhati ke labh या kapalbhati pranayam ke fayde या how to do kapalbhati in hindi पसंद आया होगा जिसमे मैंने इस आसन से जुडी सभी जानकारी शेयर किया हैं आप अपनी राय हमे कमेंट में जरूर बताये धन्यवाद ।