ivf kya hota hai-ivf meaning in hindi-ivf full form in hindi-आईवीएफ प्रक्रिया
दोस्तों आपने ivf के बारे जरूर सुना होगा और हो सकता हैं इसके बारे में जानते भी हो परन्तु बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिन्हे आईभीएफ की जानकारी तो हैं लेकिन इसका इस्तेमाल किस लिए होता हैं और क्यों होता हैं इसका पता नहीं हैं ।
मैं आज इस लेख के माध्यम से बहुत ही सरल भासा में आई वी एफ की जानकारी , आईवीएफ लागत , ivf का खर्च,आईवीएफ ट्रीटमेंट , आईवीएफ हिंदी में की प्रक्रिया के बारे में पुरे विस्तार से बताऊंगा जिसे समझने आपके लिए बेहद आसान हो होगा ।
ivf kya hai- आई वि ऍफ़ क्या हैं ?
दुनिया की सभी महिलाओं के लिये माँ बनने का एहसास बहुत ख़ास अनुभव होता है और ऐसा माना जाता है कि जब भी महिला माँ बनती है, तब यह अनुभव किसी नए जीवन से कम यही होता हैं किन्तु वहीं दूसरी तरफ अगर वह किसी अन्य कारण से माँ नहीं बन पाती है।
यह एक बहुत बड़ी कमी के समान हैं इसलिए आज के समय में यदि आप किसी कारणवश माँ बन पाने में अश्मर्थ हैं तो उस स्थिति में आप IVF ट्रीटमेंट (IVF in Hindi) विधि को अपना सकती हैं। बहुत से ऐसे दम्पति है जो आज IVF की सहायता से आसानी से माता-पिता बन पा रहें है।
आजकल भाग दौड़ भरी जिंदगी और गलत जीवनशैली से महिलायें एवं पुरुष दोनों ही इनफर्टिलिटी की चपेट में आ रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप निःसन्तानता उनके जीवन की सबसे बड़ी समस्या उभर कर सामने आ रही है ।
मेडिकल क्षेत्र में विज्ञान ने बहुत तरक्की के वजह से आज हम बहुत सी तकनीकों का उपयोग कर जीवन के अमूमन सभी कमी को पूरा कर रहे हैं और IVF भी उन्ही तकनीकी में मुख्य भूमिका निभाता है।
ivf ka full form-(ivf kya hota hai-ivf meaning in hindi-ivf full form in hindi-आईवीएफ प्रक्रिया)
ivf का फुल फॉर्म- In Vitro Fertilization होता हैं और IVF Meaning in Hindi का मतलब टेस्ट ट्यूब के अंदर निषेचन होता हैं जिसे आम भाषा में प्रजनन उपचार या फर्टिलटी ट्रीटमेंट भी कहते हैं ।
आई वि ऍफ़ का इतिहास
सुरुवाती दिनों में इसे “टेस्ट-ट्यूब बेबी” के नाम से जाना जाता था। इस प्रक्रिया द्वारा पहला उपचार इंग्लैंड में 1978 में किया गया था। इस ट्रीटमेंट में प्रयोगशाला की मदद से कुछ नियंत्रित परिस्थितियों में महिला के एग्स और पुरुष के स्पर्म का एक साथ मिलान किया जाता हैं ।
कुछ दिन के बाद जब संयोजन से भ्रूण तैयार होता है तब उसे पुनः महिला के गर्भाशय में वापस रख दिया जाता है। हालाँकि यह पूरा प्रोसेस जटिल और महंगी है, लेकिन पैसेवाले दम्पतियों के लिए यह प्रक्रिया बहुत सहायक है।
जो बहुत समय से परेशानी को झेलते हुए गर्भधारण की तैयारी कर रहे हैं या किसी दूसरे वजह से अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में असफल हो गए हैं उनके लिए यह बेस्ट ऑप्शन हैं ।
ivf सेण्टर का चुनाव कैसे करे
यदि आपके चेकअप के बाद यदि आपको यह महसूस हुआ की आपको ivf ट्रीटमेंट (ivf pregnancy test in hindi)की जरुरत हैं तो इस इलाज से पहले आपको सावधानी पूर्वक किसी चुनना चाहिए इसलिए कुछ ऐसे टिप्स निचे दिए गए है जो आपके लिए मददगार हो सकते हैं ।
- प्रति भ्रूण स्थानांतरण में प्रेगनेंसी अनुपात की जानकारी
- आयु वर्ग और इनफर्टिलिटी समस्या वाले जोड़ों के लिए प्रेगनेंसी दर का पता लगाए
- प्रतिवर्ष IVF करने वाले दम्पतियों की जन्म दर को पूछे
- हार्मोन उपचार की लागत सहित IVF प्रक्रिया का कुल खर्च
- भ्रूण को स्टोर करने का कुल खरच और उसे कब तक स्टोर कर सकते हैं?
- क्या आप एग डोनेशन की सर्विस भी देते हैं
test tube baby process in hindi-ivf treatment in hindi
यदि आप ivf प्रक्रिया को अपनाना चाहते हैं तो इससे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले । क्योंकि इसमें कई तरह के चरण (IVF process step by step in Hindi)शामिल होते हैं जिससे यह तय किया जाता हैं की आप ivf प्रोसेस के लिए सही कैंडिडेट है या नहीं और वे सभी चरण पुरे विस्तारपूर्वक निचे बताया गया हैं ।
ओवेरियन स्टुमिलेसन
यदि इस प्रक्रिया में आप अपने खुद के एग का उपयोग कर रहे हैं, तो शुरुआत में आपकी ओवरी को कई अंडे बनाने के लिए उत्तेजित किया जाता है, इसके लिए आपका डॉक्टर सिंथेटिक हार्मोन के साथ इलाज की सुरुवात करेगा। इसमें एक से अधिक एग की जरुरत इसलिए पड़ती है क्योंकि कुछ अंडे निषेचन (ivf kaise hota hai) के बाद भी सामान्य रूप से विकसित नहीं हो पाते
हो सकता इसमें आपको बहुत सारी दवाइयाँ का सेवन करना पड़े और इसके साथ डॉक्टर कई टेस्ट भी कर सकते है जिससे एक मानक तय किया जता है की कौन सा दवा आपके लिए बेहतर होगा।
आमतौर पर, एग की डिलीवरी से पहले आपको एक से दो सप्ताह के ओवेरियन स्टुमिलेशन की आवश्यकता पड़ती हैं । कब आपके एग्स को लिया जाए यह जानने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट इत्यादि कई तरह के चेकअप कर सकते हैं ।
ओवेरी से एग निकलना
यह प्रक्रिया सामान्य तौर पर डॉक्टर द्वारा अस्पताल या क्लिनिक में की जाती है। इस दौरान आपको बेहोश करके ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड किया जायेगा जिसकी मदद से आपकी वजाइना में एक पतली सुई डालकर एग्स को निकला जाता हैं ।
ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड के माध्यम से ओवेरी सही से दिखाई नहीं देने पर सुई का मार्गदर्शन करने के लिए पेट के अल्ट्रासाउंड भी किया जा सकता है इसके मदद एग्स को फॉलिकल्स से अलग कर दिया जाता है, और एग्स को बाहर निकाल लिया जाता है।
स्पर्म लेना
स्पर्म के लिए यदि आपके पार्टनर को चुना गया है तो इसके लिए मास्टरवेसन का सहारा लेकर डॉक्टर को IVF प्रक्रिया के लिए स्पर्म मुहैया कराया जाता है ।इसके अलावा टेस्टिक्युलर एस्पिरेशन प्रक्रिया की सहायता से भी स्पर्म दिया जा सकता है। इसके बाद डॉक्टर लैब में स्पर्म को स्पर्म फ्लूड से अलग कर देता हैं ।
फर्टिलाइज़शन
फर्टिलाइजेशन प्रक्रिया में सामान्यतः दो तरीकों का इस्तेमाल किया जाता हैं –
परम्परागत गर्भाधान: गर्भाधान के लिए इस प्रक्रिया में स्वस्थ स्पर्म और परिपक्व अंडे को आपस में मिलाया जाता है और रातोंरात ऊष्मायन कर दिया जाता हैं ।
इंट्रासाइटोप्लाज़मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI): जब स्पर्म की गुणवत्ता या संख्या के साथ कोई समस्या पैदा हो या यदि पहले ivf cycle के दौरान फर्टिलाइजेशन का प्रयास विफल हो जाए तब ICSI के द्व्रारा एक स्वस्थ स्पर्म को प्रत्येक परिपक्व अंडे में सीधे इंजेक्ट किया जाता है।
गर्भ में भूर्ण का स्थान्तरण
यह प्रक्रिया एग लेने के दो से पांच दिन बाद होता है इसमें आपको एक हल्का पैन रिलीवर दिया जाता है परन्तु यह दर्द रहित होती है। इसमें आपको थोड़ा ऐठन महसूस हो सकता हैं ।
इसके बाद डॉक्टर आपकी योनि में, सर्विक्स के माध्यम से गर्भाशय में लचीली ,लंबी, पतली, ट्यूब को डालेगा, जिसे केथेटर कहते हैं। केथेटर में मुख्य रूप से भ्रूड होते हैं जो आपके गर्भाशय में रखा जाता है।
भ्रूण स्थानांतरण अंतिम प्रक्रिया हैं इसके बाद आप सामान्य दैनिक जीवन फिर से शुरू कर सकते हैं। हालांकि, आपकी ओवरी अभी भी थोड़ी बढ़ी हुई हो सकती हैं इसलिए थोड़े सावधानी बरतना पड़ेगा और इसके अलावा कुछ अन्य परेशानिया भी आ सकती हैं –
- खूनी तरल पदार्थ निकल सकता है
- पेट फूलने जैसा अनुभव
- हल्की ऐंठन की समस्या का होना
- कब्ज़
ivf की जरुरत कब पड़ती हैं -ivf technology in hindi
पुरुष प्रजनन क्षमता
पुरुष में पायी जानेवाली यह एक समस्या हैं जिसमे शुक्राणुओं की कमी ,पुरुष फर्टिलिटी उपचार, , शुक्राणुओं की स्पीड , शुक्राणुओं के साइज , सीमेन में खराब गुणवत्ता वाले शुक्राणु इन सब के लिए मददगार होता है। आई वी एफ में केवल एक स्वस्थ शुक्राणु की जरुरत पड़ती है जो अंडे को निषेचित कर सकें।
स्त्री बांझपन
बहुत सारी महिला ऐसी है जिन्हे ओव्यूलेशन की समस्या होती है और इसके वजह से वह अनियमित पीरियड्स,पीरियड्स में अत्यंत रक्त स्राव , या फिर पीरियड्स नहीं आना, जैसी दिक्कत का सामना करती हैं।
यह सभी परेशानिया उनके प्रजनन शक्ति को प्रभावित काने के लिए काफी हैं । फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज बाँझपन के सामान्य कारणों में से एक है इसलिए आई वी एफ प्रक्रिया में अधिक अंडों के विकास के लिए इंजेक्शन का सहारा लिया जाता हैं ।
ivf से उन दम्पत्तियों को बहुत लाभ मिला है जो गर्भधारण नहीं कर पा रहे हैं उन्हें कुछ मामूली परेशानियों के साथ आई वी एफ के ज़रिये उन सभी दम्पातिओं का औलाद का सुख मिल सकता है।
ivf सफल स्टोरी
अपने भविष्य आगे धने के लिए मैंने शादी करने का फ़ैसला लिया ।32 साल की उम्र में मुझे अपनी पसंद का वर मिला जिनकी उम्र 35 साल थी। लगभग शादी के 1 साल के बाद जब माँ बनने की बारी आयी तब निरंतर प्रयास के बाद भी गर्भ नहीं ठहरा
जिसके लिए कई जाँच भी किया गया लेकिन मुझे निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला । एक दिन रेडियो सुनते समय मुझे ivf के बारे पता चला और मैंने तुरंत इस पक्रिया को जानने का फैसला लिया ।
हमारी पूरी बात को डॉक्टर नेध्यानपूर्वक सुना और आई वी एफ कराने की सलाह दी। मेरे घबराने पर डॉक्टर ने मेरे हर सवाल का धैर्य से जवाब दिया।इस प्रकार मुझे मेरी संतान का सुख मिल पाया है।
क्या वजन और ऐज ivf को प्रभावित करता हैं ?
जैसा की हम यह जान चुके हैं की आईवीएफ (IVF) अर्थात इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, एक कृत्रिम प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया के द्वारा पैदा हुए बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है।
आईवीएफ की मांग लगातार इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि यह तकनीक उन महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा फेदेमन्द है जो किसी कारण से माँ नहीं बन पा रही हैं और लोग इस तकनीक का लाभ पाने के लिए आगे आ रहे हैं।
आज के समय में भारत में लोग बड़े पैमाने पर ivf तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन कई लोगों को अभी भी ivf से जुडी कई तरह के भ्रम और संदेह हैं जिसमे शरीर का वजन और उम्र मुख्य हैं ।
क्या ivf वजन को प्रभावित करता हैं ?
चिकित्सा संस्थानों ने लंबे समय के अध्ययन (what is ivf treatment for pregnancy in hindi)के बाद यह निष्कर्ष निकाला की सामान्य वजन के प्रेग्नेंसी में मिलने वाले लाभ अधिक वजन वाले लोगों को उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियां होने की अधिक संभावना बनी रहती है।
गर्भावस्था के समय वजन बढ़ने पर महिलाओं में कई तरह की परेशानी का समाना करने का खतरा बढ़ जाता है। चाहे लोग कम वजन वाले हो या अधिक वजन वाले , जिसमे पुरुष और महिला दोनों शामिल है और बांझपन की समस्या से पीड़ित हैं। आपको बता दूँ की यह समस्या , बहुत अधिक या बहुत कम शरीर में वजन होने का मुख्य कारण हार्मोनल समस्या हो सकता हैं ।
फर्टिलिटी की समस्या के वजह भी आपआईवीएफ उपचार से गर्भधारण कर सकती है। हाल ही में हुए कुछ शोध ने आईवीएफ की सफलता एवं प्रजनन क्षमता पर वजन के प्रभाव निचे विस्तार इ बताया गया हैं ।
आई भी ऍफ़ में वजन का महत्व
एक शोध से यह मालूम चला है कि वजनी शरीर अंडाणु की गुणवत्ता को कम कर सकता है जिसके तहत अधिक वजन वाली महिलाओं के लिए खुद के अंडाणु के साथ ivf के दौरान (ivf procedure in hindi)इस प्रक्रिया को सफल बनाने में बढ़ा डाल सकता हैं । वजन बढ़ने के वजह से गर्भपात का खतरा सबसे अधिक रहता है।अत्यधिक वजन होने से बार – बार आईवीएफ चेकअप में भी परेशानी आती है।
हालांकि, एक शोध से यह भी पता चला है कि कुछ मामलो में मोटापे से जूझ रही महिलाओं को साधारण वजन वाली महिलाओं की तुलना में प्रजनन दवाओं की जरुरत पड़ सकती है ताकि उनके अंडाणु सही समय पर उत्पादित हो यह सुनिश्चित करना बहुत जरुरी हैं ।
ivf में उम्र की भूमिका
महिला की उम्र जितनी कम होगी, उसके अंडे उतने ही स्वस्थ होंगे इसलिए ivf ट्रीटमेंट में एक महिला की उम्र बहुत महत्वपूर्ण रहता है क्योंकि जैसे-जैसे महिलाओं की आयु बढ़ती है, उसके गर्भवती होने की संभावना भी कम होती चली जाती है ।
इसलिए 40 या उससे अधिक आयु की महिलाओं में 5% गर्भवती होने की संभावना से भी कम रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ, महिला के शरीर में अंडाणु की अंडाणु की गुणवत्ता एवं मात्रा में कमी आ जाती है।
इसलिए किसी भी महिलाओं गर्भवती सही समय पर होना चाहिए। यदि महिला को सब कुछ ठीक रहते हुए भी गर्भ धारण करने में किसी तरह का कोई कठिनाई होती है, तो जल्द से जल्द अन्य जाँच के साथ आईवीएफ (ivf hindi me)विशेषज्ञ से भी एक बार जरूर मिलना चाहिए ।
FAQS – ivf full form in medical
Q- इन विट्रो फर्टीलाईज़ेशन की सफलता दर क्या है?
उत्तर- पहला साइकिल के लिए सफलता दर 30 प्रतिसत है और 3 ivf साइकिल के लिए सफलता दर 70 प्रतिसत है।
Q- आई वी एफ के ज़रिए गर्भवती होने में कितना समय लगता है?
उत्तर- एक आई वी एफ साइकिल को पूरा होने में 4 से 6 सप्ताह का समय लगता हैं।
Q- अंडे की पुनःप्राप्ति में कितना समय लगता है?
उत्तर- अंडे की पुनःप्राप्ति में ज़्यादा वक़्त नहीं लगता है और इस प्रक्रिया में लगभग आधे घंटे का समय लगता हैं।
Q- क्या आई वी एफ या गर्भधारण के बाद सफर करना सुरक्षित है?
उत्तर- इसे कराने के बाद 2 से 3 दिनों तक सफर नहीं करना चाहिए ।अगर मरीज किसी दूसरे शहर का है और घर वापस जाना चाहता है तो घर पहुँचने के बाद तुरंत आराम करने की सलाह दी जाती हैं ।
Q- क्या दिन के विशिष्ट समय पर ही निर्धारित दवा लेना अनिवार्य है?
उत्तर- ivf प्रक्रिया सफल बनाने के लिए दवा और उपचार ठीक उसी समय लेना चाहिए जो चिकित्सक द्वारा निर्धारित किया जाता हैं ।
निष्कर्ष (ivf kya hota hai-ivf meaning in hindi-ivf full form in hindi-आईवीएफ प्रक्रिया)
आपको मेरा यह लेख what is ivf in hindi या आईवीएफ प्रक्रिया क्या है कैसा लगा हमे अपनी राय कमेंट में जरूयर बताये और किसी दूसरे सवाल को भी पूछ सकते हैं जिसका जवाब देने का जल्द से जल्द प्रयाश किये जायँगे धन्यवाद ।