iui full form in hindi-iui treatment in hindi-iui kaise hota hai

iui full form in hindi-iui treatment in hindi-iui kaise hota hai

आज हम इस आर्टिकल में आईयूआई के बारे में बात करनेवाले हैं जिसका फुल फॉर्म बताने से पहले आपको बता दू की यह एक ट्रीटमेंट हैं जो मेडिकल विभाग से जुड़ा हैं जो महिलाओ के लिए किया जाता हैं और इस आर्टिकल में इससे जुडी सभी जानकारी आप आसानी से पढ़ सकते हैं ।

जानकारी के रूप में आपको बता दू की iui kya hai , iui meaning in hindi , iui success symptoms in hindi , iui kaise karte hai , iui kab kiya jata hai , और iui success rate in hindi आदि मिलने वाली है तो इन सभी इनफार्मेशन को प्राप्त करने के लिए इस लेख को पूरा अवस्य पढ़े ।

iui ka full formIntrauterine insemination होता हैं जिसका हिंदी अर्थ (iui full form in medical)अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान के नाम से जाना जाता हैं जो महिला के प्रेग्नेंट में आने वाली दिक्कत को दूर करने के लिए किया जाता हैं ।

किसी महिला का माँ बनाना दुनिया का सबसे बड़ा सुख होता हैं । लेकिन कुछ महिला को इसका सुख पाने के लिए कई सारी बधाय का सामना करना पड़ता हैं परन्तु फर्टिलिटी उपचार से इन सभी दिक्कत को दूर किया जाता हैं जिनमे से आईयूआई  मुख्य विकल्प हैं ।

कई ऐसी महिलाये है जो अपनी अंदुरनी दिखात के वजह से नैचुरली गर्भादान (consive )नहीं कर पाती हैं जिसके सलूशन के रूप में उन्हें फर्टलिटी का सहारा लेना पड़ता हैं।

आज के समय में मेडिकल क्षेत्र में बहुत ज्यादा विकाश के वजह से कई ऐसे तरिके का अविष्कार हो चूका है जो महिला को माँ बनाने के लिए सक्षम हैं । इस लिस्ट में सबसे ऊपर ivf का नाम आता है और इसके अलावा और भी कई तरिके हैं जिसमे iui का भी मुख्य स्थान हैं ।

आईयूआई क्या हैं – iui in hindi

आईयूआई एक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की तरह होता है जिसमें स्‍पर्म को महिला के सीधे गर्भाशय में डाल दिया जाता है। नॉर्मल प्रोसेस में स्‍पर्म गर्भाशय ग्रीवा से होते हुए योनि में पहुंचता है एवं इसके बाद फैलोपियन ट्यूबों की मदद से गर्भाशय तक पहुँच जाता हैं ।

परन्तु जब यह नैचुरली यह प्रक्रिया विफल हो जाती है तो इस स्थिति में iui ट्रीटमेंट की मदद लेकर स्‍पर्म को एग के नजदीक गर्भाशय में डाल दिया जाता है । इस प्रक्रिया की मदद से महिला के मां बनने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

iui की जरुरत कब पड़ती हैं ?

जब दवा और ओवुलेशन के समय पर इस्तेमाल एवं सेक्‍स करने के बाद भी गर्भाधान नहीं हो पाता है तो उपचार के रूप में सबसे पहले आईयूआई द्वारा इलाज किया जाता है। आईयूआई उपचार  की सलाह तभी दी जाती हैं जब एंडोमेट्रियोसिस के हल्‍के मामलों हो ,स्‍पर्म काउंट या इनकी गतिशीलता में हल्‍की सी कमी हो ।

जो महिलाएं आमतौर परओवुलेट नहीं कर पाती उन्‍हें iui के साथ ओवुलेशन शुरू करवाया जा सकता है एवं जिन कपल्‍स में इनफर्टिलिटी का समझ बिलकुल नहीं होता है उन्‍हें भी iui प्रक्रिया करवाने को कहा जाता है ।

यदि हम इसे आसान शब्दों में समझे तो ,गर्भाशय के मुँह को cervix के नाम से जानते है | cervix में कुछ परेशानि की वजह से शुक्राणु अंदर पहुँच नहीं पाते | ऐसे में IUI विकल्प से शुक्राणुओं को सीधे नलियों के पास पहुँचा दिया जाता है ।

पुरुष निःसन्तानता ,शुक्राणुओं की संख्या में कमी , शुक्राणु की गतिशीलता (Motility) का कम होना या फिर स्खलन की दिक्कत में IUI का इलाज किया जा सकता है। IUI में मुख्य रूप से स्वस्थ (Healthy sperm) शुक्राणुओं को चुन कर सीधे बच्चेदानी में इन्सर्ट किया जाता है और इसमें निषेचन की संभावना बढ़ जाता है ।

iui process in hindi-iui kaise karte hai

मासिक धर्म के दौरान 2 या तीसरे दिन में 5 से 10 दिन के लिए महिलाओं को गोनाडोट्रोपिन दवा दिया जाता है और इसे मॉनिटर करने के लिए हर तीसरे या चौथे दिन  सोनोग्राफी का मदद लिया जाता है।

यदि फॉलिकल्‍स के सही साइज हो तब एचसीजी इंजेक्‍शन की मदद से ओवुलेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है और इसके बाद  36 घंटे के अंदर iui प्रक्रिया सुरु की जाती है।

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iui के जाँच वाले दिन मेल पार्टनर को अपने वीर्य का सैंपल देना पड़ता है जिसे लैब में प्रोसेस या फ़िल्टर किया जाता है और फिर महिला के गर्भाशय में इसे डाल दिया जाता है।इसके बाद 2 वीक (iui ke kitne din baad pregnancy hoti hai)तक उस महिला को दवा दी जाती है और  प्रेग्‍नेंसी को कंफर्म करने के लिए hcg टेस्‍ट किया जाता है।

पहली कोशिश में iui सफलता की दर

वैसे तो IUI के सफलता कई कारण हो सकते हैं जिसमे बांझपन का मुख्य कारण ,आपकी आयु और उपयोग की जाने वाली दवा IUI प्रक्रिया की सफलता में बाधा बन सकती हैं।

यदि Medical science के आधार पर इसके सफलता की दर की पुस्टि की जाए तो वह 10 से15 प्रतिशत तक होती है। यदि आप IUI के विकल्प को चुनना नहीं चाहते है , तो आपको doctor (IVF) जैसे सबसे बढ़िया रिजल्ट देनेवाले ट्रीटमेंट की सलाह दे सकते हैं ।

किसी भी महिला का प्रेग्नेंट ना होना सहनीय नहीं है इसलिए अपने डॉक्टर doctor के साथ बिना हिचकिचाए चर्चा करके और अपनी मुख्य समस्या बताकर इसका  समाधान पा सकते हैं।अभी तक IUI एक कम जोखिम वाला ,दर्द रहित, और सस्ता इलाज़ है जिसमे कई महिला को गर्भधारण में सफलता भी मिली है ।

आईयूआई विफलता 

जैसा की हम पहले भी बात कर चुके है की आई यू आई की सफलता दर बहुत कम है। iui की सफलता महिला की उम्र और  कब से युगल गर्भधारण करने की कोशिश कर रहा है उस समय पर भी निर्भर करता है ।

अध्ययनों से पता चला है कि प्रत्येक प्राकृतिक चक्र के लिए गर्भावस्था दर लगभग 4-5% है और जब चक्र प्रजनन दवाओं के साथ उत्तेजित होता है, गर्भावस्था दर 7-16% हो जाती है।

किसी महिला का गर्भधारण होना आई यू आई का मुख्य काम है लेकिन जब आई यू आई के बाद भी महिला का गर्भधारण नहीं ह पाता तो उसे आई यू आई विफलता के नाम से जाना जाता है। iui विफलता के कुछ उदाहरण नीचे बताये गए हैं –

  • अंडो की गुणवत्ता– खराब गुणवत्ता वाले अंडों में गुणसूत्र समस्या पैदा हो जाती है जिसके वजह से निषेचन के बाद विभाजित नहीं हो पायेगा ।
  • आयु– बढ़ती उम्र भी किसी भी महिला के अंडे की गुणवत्ता को कम कर देती हैं
  • शुक्राणु की गुणवत्ता– खराब गुणवत्ता वाले शुक्राणु अंडे को उर्वरक बनाने में सक्षम नहीं होंगे।
  • सही समय–  वैसे सही समय पर निषेचन होना अति आवश्यक है।अंडे को उर्वरत करने के लिए उस समय शुक्राणु का मौजूद होना बहुत जरुरी है नहीं तो यह विघटित हो जाएगा क्योंकि अंडाशय के बाद फैलोपियन ट्यूब में अंडे  12-24 घंटे तक ही रहता है।
  • ओवुलेशन– ओवुलेशन भी एक समस्या है।
  • प्रोजेस्टेरोन-शुरुआत में गर्भावस्था का समर्थन करने के लिए यह आवश्यक होता है इसलिए प्रोजेस्टेरोन में कमी के कारण iui विफल हो सकता है

iui विफलता के लक्षण  

असफल iui के कोई ख़ास लक्षण नहीं हैं। अगर अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता बढ़िया नहीं है और 85% मामलों में गर्भावस्था के नुकसान का यही मुख्य कारण है जिसके परिणामस्वरूप गर्भपात हो सकता है।

iui side effects in hindi

आप को बता दू की IUI उपचार के साइड इफेक्ट्स बहुत ही कम होते हैं इसलिए इसके इलाज के दौरान फर्टिलिटी विशेषज्ञ या डॉक्टर पहली कोशिश में iui की सक्सेस रेट बढ़ाने के लिए कुछ दवाइयों का सेवन करने के लिए दे सकते हैं ।

गर्भधारण की सफलता ज्यादा से ज्यादा हो इसके लिए फर्टिलिटी दवाइयां का प्रयोग किया जाता है, जिससे कभी-कभी  कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते है। हालाँकि, दवा बंद होते ही साइड इफेक्ट्स समाप्त हो जाते है ।

IUI उपचार के दौरान होने वाले कुछ मुख्य साइड इफेक्ट्स –

  • मूड का स्विंग होना एवं अवसाद
  • घबराहट और सरदर्द
  • एक दो दिनों तक हलकी ब्लड स्पॉटिंग
  • पेट हलकी ऐंठन या दर्द
  • अंडाशय में सूजन होना या दर्द का अनुभव
  • इंजेक्शन की जगह के आसपास सूजन

ध्यान रहे की iui ट्रीटमेंट के समय कोई भी असहज लक्षण महसूस हो तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

iui की सफल होने की स्टोरी –(iui full form in hindi-iui treatment in hindi-iui kaise hota hai)

मेरी शादी को 5 साल गुजर गए थे परन्तु  कई तरह के इलाज एवं कोशिशों बाद भी माँ बनने का सपना पूरा नहीं हो रहा था। मैं हमेशा इस दुविधा में रहती थी की सायद  अब मैं कभी माँ नहीं बन पाऊँगी ।

फिर मैंने किसी से iui के बारे में सुना और डॉक्टर से सम्पर्क किया आई यू आई ट्रीटमेंट करवाने की सलाह दी गई इसके बाद हमारा ट्रीटमेंट शुरू हुआ और पहली कोशिश में ही मेरा गर्भधारण सफल हो गया। मैं उस मेडिकल सेण्टर की बहुत आभारी हूँ जिसके वजह से मेरे माँ बनने के सपने को पूरा हुआ और मेरी सभी निराशा को आशा में बदल दिया।

after iui pregnancy symptoms in hindi

1. रक्तस्राव :

यह रक्तस्राव स्पॉटिंग की तरह होता है और यह आईयूआई प्रक्रिया के  दो हफ्ते बाद होता है। लेकिन जरुरी नहीं है की रक्तस्राव हर केस में हो । iui के दौरान गर्भधारण करने का पहला संकेत हो सकता है एवं पेट में हल्का दर्द भी महसूस होगा ।

2. मासिक धर्म में रुकावट :

सामान्य गर्भावस्था की तरह इसमें भी मासिक धर्म का रुकना स्वभाविक है जिससे शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होने लगते इस इलाज के बाद मासिक धर्म रुक जाने पर तुरंत डॉक्टर से मिले

3. स्तनों में कोमलता :

अगर पीरियड्स नहीं आने पर भी स्तनों में इस तरह का बदलाव महसूस होता है, तो प्रेग्नेंसी टेस्ट जरूर करे , क्योंकि सामान्य मासिक धर्म में  भी स्तनों में दर्द महसूस होता है ।

4. कमजोरी व थकावट :

इस टेस्ट के बाद खुद को तनावग्रस्त महसूस करेंगी और साथ में  कमजोरी व थकावट जैसा महसूस होगा, जो बिल्कुल सामान्य है।प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाने के वजह आपको हर समय नींद आने जैसा परतीत होगा ।

5. जी-मिचलाना :

बैचेनी जैसा महसूस होना या जी मिचलाना  एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल  बढ़ने के कारण होता है।आपको दिनभर में किसी भी समय जी-मिचलाने जैसी समस्या हो सकती है। आपको अजीब तरह का गंध महसूस होगा जिसके वजह से उलटी भी आ सकती हैं जो बिलकुल सामान्य हैं ।

IUI Pregnancy Success Tips In Hindi

चाहे आप कोई भी महिला  हो यदि आपको iui टेस्ट पास कर लिया है तो उसे आगे भी कामयाब बनाने के लिए सही खान – पान की जरुरत को पूरा करना होगा जिससे आप और आपके बच्चे को सही पोषण मिल सके ।

तनाव मुक्त :

उपचार के बाद तनाव मुक्त रहने के लिए ज्यादा से ज्यादा कोशिस करे इसके लिए आप अपने मन पसंद के कोई भी काम कर सकती हैं लेकिन पेट पर कोई दबाव न पड़े इसका भी ध्यान रखना बहुत जरुरी हैं ।अगर तनाव कम नहीं हो रहा तो आप डॉक्टर की सलाह पर किसी मनोवैज्ञानिक से मुलाक़ात करे ।

अच्छा खाएं :

अपने डाइट में पौष्टिक व संतुलित आहार को शामिल करें जैसे भोजन में सब्जियों, फलों व अनाज को शामिल करें। दिन में एक या दो बार डेयरी उत्पाद का उपयोग जैसे : दूध, दही व पनीर आदि

पेय पदार्थ :

दिनभर में ज्यादा से ज्यादा पानी पिने के प्रयाश करे और साथ ही ताजे फलों के रस या जूस का भी सेवन करें।

धूम्रपान व शराब को न :

शराब एवं सिगरेट को छोड़ दे ।

हार्मोनल सपोर्ट :

गर्भावस्था की उम्मीद को पुख्ता करने के लिए अपने डॉक्टर से हार्मोनल सपोर्ट के बारे में पछे या आपको PCOS/ PCOD या एंडोमेट्रिओसिस है, तो इसकी जरूरत और भी बढ़ जाती है।

व्यायाम से परहेज :

उपचार से पहले और बाद एक्सरसाइज नहीं करे या इसके लिए अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं

एक्यूपंक्चर :

अंडे की गुणवत्ता में सुधार होने के साथ  शरीर में रक्त का प्रवाह तेज होता है । इससे गर्भधारण करने की संभावना बढ़ती है लेकिन विशेषज्ञों की नजर में आईयूआई उपचार से तीन महीने पहले  शुरू कर देना बढ़िया रहता हैं ।

आईयूआई के बाद सावधानिया –(iui full form in hindi-iui treatment in hindi-iui kaise hota hai)

गर्भधारण के बारे में ज्यादा सोचने से बचे और डॉक्टर द्वारा दिए गए समय का इंतजार करें। इस चेकअप में ओव्यूलेशन का प्रोसेस तेज होने के बाद भ्रूण को बढ़ने में थोड़ा समय लगता है और साथ में हार्मोंस के साथ भी यही स्थिति हैं ।

इसके बाद ही टेस्ट करने पर गर्भावस्था के बारे में अच्छी तरह से पता चल जाता है । इस दौरान अगर पेट में दर्द महसूस हो रहा है तो बिना डॉक्टर के सलाह लिए अपनी तरफ से कोई भी दर्द निवारक दवा का सेवन मत करे ।

  • चेकअप में शुक्राणुओं को गर्भाशय में स्थापित होने के बाद करीब 20-30 मिनट तक जरूर बैठे
  • इस प्रक्रिया के बाद अपनी दिनचर्या को सामान्य तरिके से जारी रखे
  •  iui प्रक्रिया के बाद करीब 48 घंटे तक अपने पार्टनर से कोई शारीरिक संबंध न बनाएं।
  •  48 घंटे तक स्विमिंग करने से भी बचे ।

निष्कर्ष (iui full form in hindi-iui treatment in hindi-iui kaise hota hai)

आपको मेरा यह आर्टिकल iui treatment in hindi language या what is iui in hindi कैसा लगा हमे अपनी राय कमेंट के जरिये जरर बताये यदि कोई पॉइंट ऐसा है जिसे मैंने नहीं बताया है तो उसका सुझाव भी हमे दे सकते हैं जिसे जल्द – जल्द अपडेट करने के प्रयाश किये जायेंगे धन्यवाद ।

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