इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स-टिप्स फॉर इंट्राडे ट्रेडिंग इन हिंदी

इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स-टिप्स फॉर इंट्राडे ट्रेडिंग इन हिंदी

सबसे पहले मैं आपको inraday का हिंदी अर्थ बता दू की एवं इसे हिंदी में एक दिन के भीतर इसका मतलब होता है यानि की (what is intraday trading in hindi)एक दिन इ अंदर किया जानेवाला ट्रेडिंग जिसमे buy और sell दोनों सम्मिलित होते हैं उन्हें ही इंट्राडे कहा जाता हैं ।

यह समय के हिसाब से सुबह 9 बजकर 15 मिनट से सुरु होकर 3 बजकर 15 मिनट तक ही वैध रहता है यदि इस समय के दौरान आप सटक सेल्ल नहीं करता हैं तो आपका स्टॉक ब्रोकर कंपनी द्वारा आटोमेटिक काट जाता है ।

यहां पर एक बात ध्यान देना बहुत जरुरी है की यदि आप इंट्राडे के दौरान कोई स्टॉक खरीदते हैं तो उसे 3 बजकर 15 मिनट के आस पास जरूर सेल्ल कर दे नहीं तो ब्रोकर कमपनी द्वारा फाइन के रूप में कुछ रूपए आपसे लिए जा सकते हैं ।

यह सभी  इंट्राडे की कुछ बेसिक बाते है जो ट्रेडिंग करते वक़्त आपको ध्यान रखना जरुरी हैं इसके अलावा भी और भी कई तरह के महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे जानना आपके लिए बेहद जरुरी हैं ।

क्योंकि हो सकता हैं यह सारे टिप्स आपके लिए और शेयर मार्किट में निरंतर पैसा कमाने के लिए आपकी बहुत हेल्प करे इसलिए निचे बताये गए जरुरी टिप्स को आप जरूर अपनाये और ट्रेड कैसे लिया जाता हैं उसके बारे में भी बतया गया हैं ।

share trading tips in hindi

तो चलिए उन सभी टिप्स के बारे में भी जान लेते हैं जो आपके बहुत काम आने वाले है और विशेष कर इंट्राडे के नजरिये से यह सभी टिप्स आपको इंट्राडे में सफल बनाने के लिए काफी हैं ।

कंपनी का चुनाव 

किसी के बताये हुए स्टॉक चुनने से बेहतर यह होगा की आप खुद से शेयर को चुनकर उनका अच्छी तरह एनालिसिस करे और शेयर चुनते वक़्त कभी भी पैनी स्टॉक या कम प्राइस के शेयर अपने लिस्ट में नहीं रखे जिनका प्राइस 300 के ऊपर हो उन्ही स्टॉक को चुने ।

यदि कोई शेयर का एनालिसिस बढ़िया से किया है और उसका प्राइस 300 रूपए के निचे है तो ही उस स्टॉक को अपनी लिस्ट में जगह दे । एक चार्ट बनाये उसमे इंट्राडे के सभी स्टॉक को नोट करके रखे और आपकी जानकारी के लिए बता दू की यह सभी स्टॉक आप nse वेबसाइट से nifty50 या nifty 100 से चुन सकते हैं ।

लिक्विड स्टॉक को चुने

यदि आपको liquid stock / share के बारे में nahi पता हैं तो इसे ढूंढने के सबसे आसान तरीका है गूगल में जाकर केवल liquid share लिखकर सर्च करे आपको सभी लिक्विड शेयर की लिस्ट दिख जाएगी ।

अब बात करते है की liquid share क्या होता है जब कोई स्टॉक को लोग ज्यादा खरीदते या बेचते हैं , इस तरह के शेयर के टर्नओवर ज्यादा रहने के साथ रोजाना उसके वॉल्यूम में कोई कमी नहीं रहती ।

जाहिर है की जिस शेयर में ज्यादा लोग ट्रेड करेंगे तो उसका प्राइस भी ज्यादा उप एंड डाउन होगा जिससे हमे इंट्राडे में नुक्सान हने का खतरा कम हो जायेगा यदि हमने कभी  गलत प्राइस पर खरीद भी लिया तो लोस्स होने का कम चांस हैं ।

निरंतर सीखते रहे – (इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स-टिप्स फॉर इंट्राडे ट्रेडिंग इन हिंदी)

यदि आप इंट्राडे में सफल इन्वेस्टर बनाना चाहते है तो अपने शुरू के दिन से लेकर जब तक आप मार्किट में इन्वेस्ट करते हैं तब तक कुछ न कुछ सिखने की कोशिस करते रहे ।

क्योंकि यहां जो जितना दिमाग लगाया और सिखने की क्षमता में कोई कमी नहीं आने दिया वे ही सबसे ज्यादा पैसे इस मार्किट से कमाए लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो इन सभी बातें पर ज्यादा तवज्जो नहीं देते इसलिए उन्हें नुक्सान उठाना पड़ता हैं ।

यदि आप एक समय में इंट्राडे के लिए ज्यादा शेयर में अपना पैसा नहीं लगाते है और बहुत सारा स्टॉक का एनालिसिस किया हुआ है और उसके रिजल्ट को भी जानना चाहते है तो उन सभी शेयर के buy एवं sell प्राइस को एक कॉपी में नोट करके भी कोशिस कर सकते है यह भी आपको शेयर खरीदने जैसा महसूस कराता है जिसे paper trading कहते है ।

अफवाह से दूर रहे 

अक्सर ऐसा सभी के साथ होता है जब अच्छी तरह से एनालिसिस करने के बाद भी हमारा स्टॉप लोस्स हिट हो जाता है और इसका सबसे बड़ा वजह यह है की जब भी कोई शेयर ख़रीदे उससे जुड़ा हुआ न्यूज़

या उस कंपनी का या फिर उस सेक्टर का अपडेट को जानने की कोशिस जरूर करे और वैसे भी शार्ट टर्म ट्रेडर में यह नियम ज्यादा प्रभावी हैं फिर अफवाह से बचने के साथ सतर्क रहना भी जरुरी हैं ।

इंट्राडे का शेयर खरीदने का समय –(इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स-टिप्स फॉर इंट्राडे ट्रेडिंग इन हिंदी)

नए इन्वेस्टर के लिए इस नियम को जरूर पालन करना चाहिए क्योंकि सुबह का बजारा खुलने के एक घंटा बाद यानी की 10 बजकर 15 मिनट पर और बाजार बंद होने के एक घंटे पहले मार्किट में बहुत बड़े उतार चढ़ाव होते है जिसमे अक्सर नए इन्वेस्टर फ़स जाते हैं ।

इसलिए बाजार खुलने के एक घंटा बाद ही किसी शेयर को खरदने के बारे में सोचे तो बेहतर होगा क्योंकि बाजार खुलते ही बड़े इन्वेस्टर जो बहुत सारे शेयर लेना चाहते है या फिर बेचना चाहते है जिसके परिणामस्वरूप भाव बहुत ज्यादा ऊपर निचे होता है जो एक लहर के सामान है जसमे हमारे पैसे डूब सकते हैं ।

सही फैसला ले 

अक्सर यह नए इन्वेस्टर में देखा जाता है की वे शेयर खरीदने के बाद उसके बेचने के बारे में सोचते है या फिर अपने टारगेट पर पहुंचने के बाद भी शेयर नहीं सेल्ल करते हैं जबकि दोनों ही गलत है क्योकि शेयर एक समुन्दर के सामान है इसमें आपको मौके हज़ार मिलेंगे

जिस समय आप अनलईसी करते हैं उसी समय आपको कितना प्रॉफिट उस शेयर से कमाना है उसे भी चिन्हित करे और टारगेट आने पर उसे सेल्ल कर दे ज्यादा लालच के चक्कर में ना पड़े

इंट्राडे को इंट्राडे समझे  

नए इन्वेस्टर इंट्राडे में शेयर खरीदने के बाद उन्हें उसी दिन नहीं बेचते हैं क्योंकि उन्हें लोस्स हो रहा होआ हैं और उस स्टॉक को वे डिलीवरी में कन्वर्ट करा लेते हैं जबकि यह गलत है

क्योकि अपने जो एनालिसिस किया है वह इंट्राडे के लिए होता है इसलिए चाहे जितना लोस्स हो रहा हो सभी स्टॉक को सेल्ल करे क्योंकि जरुरी नहीं हैं की आप हर बार प्रॉफिट में ही रहे लोस्स भी होना निश्चि है क्योंकि लाइव ट्रेडिंग में हम अपना पैसा इन्वेस्ट करते है

intraday trading techniques in hindi

इस टेक्निक को आप चाहे तो इंट्राडे में इस्तेमाल करे या फिर स्विंग ट्रैड एवं लॉन्ग ट्रेड के लिए भी चुन सकते है लेकिन यह सबसे ज्यादा और बढ़िया रिजल्ट लॉन्ग ट्रेड और स्विंग ट्रेड में दे सकता हैं ।

HIGHER HIGH:-

जब कोई शेयर OVERSOLED जोन में आ जाता है यहाँ पर ओवरसोल्ड का मतलब हैकी कोई शेयर जब पूरी तरह से इन्वेस्टर दवारा बेच दिया जाता है तब कुछ समय के के बाद उस शेयर में फिर से एक खरीदारी की अवसर पैदा होती हैं

तब वो स्टॉक जायदा डिमांड आने के वजाह से ऊपर की तरफ रुख कर अपना TREND  बदलती है और एक हाई बनती है HIGHER HIGH उसे कहते है

HIGHE LOW:-

कोई शेयर बुलिश ट्रेंड में होने के  एक दम ऊपर नहीं चली जाती रुक रुक कर सीढ़ीनुमा चाल के तरह जाती है बस यही शेयर का बर्ताव हमे खरीदने का अवसर प्रदान करती है

इसमें जब भी हल्का सा नीच आये तो हम स्टॉक को खरीदेंगे और जब एक नया हाई बनाये या अपने पिछले वाले हाई में जाए तब हम बेच देंगे यही हमलोगो का कमाई के सबसे सिंपल तरीका है और इसे हम HIGHER LOW कहते है।

इसमें कोई टूल्स या इंडिकेटर नहीं लगाना पड़ता सर टेक्निकल चार्ट को देख कर हम ऐसा कर सकते है जैसे नीच बताया गया है –

इंट्राडे-ट्रेडिंग-टिप्स-टिप्स-फॉर-इंट्राडे-ट्रेडिंग-इन-हिंदी-1

LOWER HIGH:- जब कोई शेयर अपने टॉप से निचे आता है और जब उसमे थोड़ी सी बाइंग आती है तो फिर ऊपर जाता है पर वो अपने टॉप को तोड़ नहो पता जिससे वह  लोअर हाई बनती है।

LOWER LOW:-जब इसी तरह ये प्रक्रिया चलती रहती है और बार बार वो अपने हाई को तोड़ नहीं पाता  और एक नया लौ बनता रहता है तो वह एक लोअर लौ कहलाती है।

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