gripe water in hindi-gripe water uses in hindi-ग्राइप वाटर फॉर बेबी

gripe water in hindi-gripe water uses in hindi-ग्राइप वाटर फॉर बेबी

आपके बच्चे किसी भी चीज को पाने के लिए रोना शुरू कर देते हैं लेकिन माँ शिशु के रोने का कारण अच्छी तरह पहचान सकती हैं इसलिए वह किस लिए रो रहा हैं  शिशु के माँ से बेहतर कोई नहीं बता सकता हैं ।

यदि शिशु के सही ढंग से खाने और सोने के बाद भी उसका रोना जारी रहता हैं तो यह उस शिशु के साथ होने वाली कोई परेशानी हैं जिसमे दांत निकलने एवं कोलिक की दिक्कत भी शामिल हैं ।

तीन सप्ताह से लेकर 3 महीने तक के शिशु में यह समस्या का होना एक नार्मल प्रॉब्लम हैं और इस परेशानी को शिशु के माता – पिता ज्यादातर पट से जुडी दिक्कत जैस गैस , कोलिक आदि को जिम्मेदार मानते हैं ।

इस समस्या से जल्दी रहत दिलाने के लिए वे अपने शिशु को ग्राइप वाटर के सेवन कराते हैं जो एक तरह का शिशु औसधि हैं जो सालो से लोग प्रयोग करते आ रहे हैं । लेकिन उन्हें इसके बारे में पता नहीं होता हैं की

ग्राइप वाटर  क्या हैं , कैसे काम करता हैं , कब इस्तेमाल करते हैं , नुक्सान आदि इन सभी जानकारी को आज हम इस आर्टिकल में जानने की कोशिस करेंगे और हो सकता हैं की यह सारी जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी शाबित हो इसलिए यह आर्टिकल को पूरा पढ़ना आपके लिए जरुरी बन सकता हैं ।

gripe water kya hai – ग्राइप वाटर क्या है ?

यह सभी जानते हैं की शिशु के पेट फूलने , कोलिक , गैस , अपच , हिचकी , एवं दांत निकलने में आने वाली परेशानी को कम करने के लिए ग्राइप वाटर का प्रयोग किया जाता हैं । बाजार में कई तरह के ग्राइप वाटर उपलब्ध है जिनमे जड़ी – बूटी का इस्तेमाल किया जाता हैं ।

डाबर ग्राइप वाटर के फायदे-gripe water benefits in hindi

नवजात शिशु को जब पेट और पाचन से जुडी परेशानी होती है तब निजात दिलाने के लिए ग्राइप वॉटर का उपोग किया जाता है सबसे अच्छी बात यह है की शिशु को ग्राइप वॉटर का सेवन कराने के लिए डॉक्‍टर के राय मश्वरा की जरूरत नहीं पड़ती है।

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यह परेशानी इसलिए शुरू होता है क्योंकि शिशु का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं होता जिसके कारण उसे पेट दर्द या उससे जुडी आय परेशानी होती है। इससे जल्द छुटकारा दिलाने के लिए ग्राइप वॉटर सबसे पहला उपचार के तौर पर काम करता है।

ज्यादातर ब्रांड के ग्राइप वॉटर में अन्‍य जड़ी बूटियां के साथ सौंफ, अदरक ,सोडियम बाइकार्बोनेट लिक्विड के रूप में और कैमोमाइल होती हैं। अगर आपका भी कोई  नवजात शिशु है तो यह जानना आपके लिए जरुरी है कि ग्राइप वॉटर मुख्य रूप से किन परेशानियों को दूर कर सकता हैं।

  • पेट दर्द से आराम 

पेट दर्द और ऐंठन से राहत दिलाने के लिए आप अपने शिशु को ग्राइप वॉटर पीला सकते है। 3 से 4 महीने के शिशु का पाचन शक्ति मजबूत नहीं होता है इसलिए उन्‍हें  गैस, पेट दर्द जैसी परेशानियां का सामना करना पड़ता हैं इसलिए जल्दी आराम के लिए ग्राइप वॉटर बढ़िया विकल्प है ।

  • पाचन शक्ति मजबूत 

ग्राइप वॉटर (gripe water ke fayde)शिशु के पेट में बन रही गैस एवं अपच को बाहर निकालने में मदद करता  है। इसमें मुख्य रूप से पायी जानेवाली नेचुरल जड़ी बूटियां शिशु में गैस की शिकायत को ठीक करने में सक्षम होता हैं।

ये पाचन तंत्र को ठीक करने के साथ पेट दर्द से राहत दिलाता है।कई बार हम गलती से शिशु को कोई ठोस आहार खिला देते हैं जिससे उसे एसिडिटी,गैस और पेट दर्द हो जाता है इसलिए ग्राइप वॉटर इन सभी परेशानियों ठीक करने में बहुत मदद करता हैं ।

gripe water use in hindi-(gripe water in hindi-gripe water uses in hindi-ग्राइप वाटर फॉर बेबी)

सभी कम्पनिया यह कहती हैं की इसका इस्तेमाल 2 सप्ताह वाले शिशु से आरम्भ करना चाहिए लेकिन इससे सबसे बेस्ट रिजल्ट प्राप्त करने के लिए एक महीने के ऊपर के बच्चे में इस्तेमाल कर सकते हैं ।

ऐसा इसलिए हैं की इतने कम उम्र के शिशु में पाचन तंत्र सही से विकसित नहीं होती हैं साथ में सेदनशील भी होती हैं जिससे उसे पचने में दिक्कत हो सकती हैं । वैसे भी जिसका बच्चा 6 माह का होता है वो भी इस दवा को आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेने के बारे में सोचता हैं ।

इसका डोज़ तभी दे जब शिशु गैस , अपच , पेट फूलने आदि जैसे लक्षण से ग्रसित हो अन्यथा इसका बेवजह इस्तेमाल करने से बचे । जब शिशु का पेट खाली हो तब gripe water को नहीं देना चाहिए ।

क्योंकि ग्राइप वाटर (dabur gripe water uses in hindi)में मौजूद सोडियम बाई कार्बोनेट एक अल्कलाइन टाइप का होता हैं जो आपके शिशु के सेदनशील पाचन तंत्र को नुक्सान पंहुचा सकता हैं इसलिए इसके इस्तेमाल यदि आप पहली बार कर रहे है तो अपने डॉक्टर से इसके इस्तेमाल के बारे में जरूर पूछ ले ।

यदि आप पहली बार gripe water इस्तेमाल करने जा रहे है तो अपने सिसु को इसके डोज़ देने के बारे में अपने डॉक्टर से संपर्क जोर करे और उनके द्वारा बताये गए निर्देश का पालन करे और वैसे भी gripe water के साथ इसके इस्तेमाल करने के बारे में सभी दिशा – निर्देश बताय गए होते हैं । आप चाहे तो इसे भी प्रयोग कर सकते हैं ।

gripe water ke nuksan – gripe water ke side effects in hindi 

ऐसा कितनी बार देखा गया है की शिशु के माता पिता अक्सर बैठे के लिए पाउडर दूध का प्रयोग करते हैं जिसे तैयार करते समय उसी में gripe water का प्रयोग करते हैं जबकि ऐसा करना बिलकुल गलत हैं।

क्योंकि पाउडर वाले दूध के साथ ग्राइप वाटर मिक्स करना सही नहीं माना जाता हैं । इसलिए gripe water बनाने वाली सभी कंपनी इसे पाउडर वाले दुधे के साथ नहीं पिलाने की सलाह देते हैं और केमिकल रिएक्शन इसका मुख्य वजह होता है जो बहुत किसी भी बच्चे के लिए घातक हैं ।

दूसरी सबसे बड़ी नुक्सान यह है की जब आप इसे दूध के साथ मिक्स करते हैं तब इसका स्वाद बदल जाता है इसलिए आपका बच्चा भी इसी टेस्ट को पिने के लिए अपनी इच्छा जाहिर कर सकता हैं ।

gripe water सभी शिशु में एक जैसे बर्ताव करे ऐसा बिलकुल नहीं हैं इसलिए किसी – किसी शिशु में गलत शाबित भी हो सकता हैं और इसका सोलूटों केवल डॉक्टर ही बता सकते हैं इसलिए इसके प्रोग के पहले अपने डॉटर से जरूर मिले ।

  • होठ या जीभ में सूजन 
  • आँखों से पानी आना 
  • खुजली 
  • सांस लेने में परेशानी 
  • उलटी 

कभी – कभी अलग ब्रांड के वजह से भी आपके बच्चे को परेशानी हो सकती हैं इसलिए नया लेते समय वही पैक को या कंपनी के gripe water खेड़े जो आपके बच्चे को सूट करता हो जल्दबाजी में दूसरे किसी ब्रांड के gripe water लेने से बचे ।

इस प्रोडक्‍ट (gripe water hindi)को अभी तक एफडीए द्वारा प्रमाणित नहीं किया गया है इसलिए बाल या त्वचा रोग के डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इस्‍तेमाल करें तो बेहतर होगा। ग्राइप वॉटर एल्‍कोहल भी मिक्स किया जाता है इसलिए इसे खरीदने से पहले इसमें दिए गए  इंग्रेडिएंट्स जरूर पढ़े ।

  • कोलिक बेबी के लिए ग्राइप वाटर फायदेमंद 

जब बच्‍चा लगातार कुछ घंटो तक रोता रहे या रोने की आदत से परेशान हो तो उसे कोलिक बेबी कहा जाता है इसका मुख्य वजह शिशु के पेट में ज्यादा दर्द होने पर इतना रोता है। आप चाहे तो gripe water से अपने शिशु का इलाज कर सकती हैं।

आप अपने बच्चे के लिए बढ़िया ब्रांड का ग्राइप वाटर  का इस्‍तेमाल कर सकती हैं।इस ग्राइप वॉटर में  एनेथुम ग्रवेओलांस तेल, सर्जिकक्षारा ,पुदीना, सौंफ, सेवा और अजवाइन का प्रयोग किया गया है जो शिशु के दर्द से तुरंत रहत पहुंचने का काम करता  हैं।

  • क्या शिशु के लिए ग्राइप वाटर सुरक्षित है 

बाजार में कई तरह के ग्राइप वॉटर बिकते  हैं जिसमे एल्‍कोहल युक्‍त और शुगर के साथ भी  gripe water भी आता है। स्वाद में बहुत ज्‍यादा मीठा होने की वजह से दांतों में कीड़ा लग सकता है जिसके कारण शिशु के दूध पीने में बदलाव आ सकता है।

इसलिए हमेशा ऐसे gripe water को चुनें जो शिशु के लिए हानिकारक ना हों। खरीदने से पहले पैकेट पर लिखी गई सामग्रियों को अच्‍छी तरह जरूर पढ़ ले नहीं तो  आप शिशु को पुदीना और सोडियम बायोकार्बोनेट युक्‍त gripe water भी आजमा सकते हैं।

कोलिक बेबी को बिना डॉक्‍टर की सलाह के सोडियम बायोकार्बोनेट या बेकिंग सोडा नहीं देना चाहिए। इसके कारण बच्चे  के पेट में पीएच लेवल पर बुरा असर पड़ सकता है जिसके वजह से बच्चे हालत ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।

पुदीना युक्‍त ग्राइप वॉटर मुख्य रूप से शिशु में रिफलक्‍स के लक्षणों को बढ़ावा देते है एवं इसके अलावा डेयरीग्‍,लूटेन , पैराबींस और वेजिटेबल कार्बन युक्‍त ग्राइप वॉटर देने से बचे ।आमतौर पर ग्राइप वॉटर शिशु के लिए बना है और सुरक्षित भी है लेकिन एक महीने से कम उम्र के शिशु पर इसे प्रयोग नहीं करे ।

woodwards gripe water in hindi-वुडवर्ड ग्राइप वाटर 

बच्चों में गैस की वजह से होने वाले पेट की समस्याओं को दूर करने में वुडवर्ड्स ग्राइप वाटर (Woodwards Gripe Water)  बहुत मदद करता है। इसके साथ ही इस gripe water का उपयोग पेट दर्द के साथ हिचकी को शांत करने के लिए भी किया जाता है।

यह शिशुओं के पेट-दर्द में जल्दी आराम पहुंचने में सक्षम है। इसका मुख्य उद्देश्य गैस से छुटकारा पाना भी है ताकि शिशु को पेट से जुडी किसी प्रकार की असहजता महसूस ना हो ।

वुडवॉर्ड ग्राइप वाटर में पाए जानेवाले मुख्य तत्व 

  • सर्जिकक्षारा
  • एनेथुम ग्रवेओलांस तेल

woodwards gripe water uses in hindi-woodwards gripe water uses

  • लेक्टोज से होनेवाली एलर्जी ठीक करता हैं ।
  • यह अपच को रोकने में सहायक
  • गैस की समस्या से निजात दिलाता हैं
  • शिशु के दांत निकलते समय रहत प्रदान करता हैं ।
  • कब्ज में आराम देता हैं –(gripe water in hindi-gripe water uses in hindi-ग्राइप वाटर फॉर बेबी)

gripe water dosage

  • शिशु आयु 1 महीना  –  1/2 छोटा चम्मच (2.5mili) – एक दिन में 3 बार
  • 1 से 6 महीना – 1 छोटा चम्मच (5 mili) — दिन में तीन बार
  • 6 से 1 साल बच्चे – 2 छोटा चम्मच (10ml) — प्रतिदिन 3 बार
  • 1 से 3 साल – 2 से 3 चम्मच (10 – 15 ml) — दिन में 3 बार

इसके सिर्फ एक ही दुस्प्रभाव है जो एलेर्जी के रूप में होता हैं और इसके अलावा यदि इसका सही डोज और समय का ख्याल रखा गया तो बच्चे के स्वस्थ पर कोई असर नहीं पड़ता हैं ।

निष्कर्ष (gripe water in hindi-gripe water uses in hindi-ग्राइप वाटर फॉर बेबी)

दोस्तों आपको मेरा यह आर्टिकल gripe water meaning in hindi  या what is gripe water in hindi कैसा लगा हमे कमेंट में जरूर बताये और इससे जुडी कोई सवाल को भी पूछ सकते हैं जिसका जवाब शीघ्र ही देने के प्रयाश किये जायेंगे धन्यवाद ।

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