ashwagandha benefits in hindi-ashwagandha ke fayde-अश्वगंधा के फायदे

ashwagandha benefits in hindi-ashwagandha ke fayde-अश्वगंधा के फायदे

भारत के साथ पुरे दुनिया के आयुर्वेदिक औसधि विभाग में अश्वगंधा का नाम सबसे ऊपर आता हैं और आपको एक जानकारी के लिए बता दूँ की इसका उपयोग सदियों से कई तरह के बिमारी को ठीक करने के लिए किया जाता रहा हैं ।

भारत में अर्थववेद काल में ही अश्वगंधा के उपयोग के बारे में बताया गया हैं और यह उसी समय से इसे चम्तकारी एवं तनाव रहित गुण के रूप में इस्तेमाल होता आया हैं इसलिए यह तनाव को मुक्त करने और चिंता विकारो को इलाज के लिए परयो किया जाता हैं ।

अश्वगंध के नाम अस्व एवं गंध से लिए गया हैं जिसका अर्थ मुख्य रूप से घोडा से ताल्लुक रखता हैं । क्योंकि इसके पत्ते और जड़ से जो गंध आती है वो घड़े के मूत्र की तरह महकती हैं इसलिए इसका नाम अस्वगंधा रखा गया और इसके निरन्तर सेवन से घोड़े जैसी ताकत एवं यौन शक्ति मिलती हैं ।

तो चलिए आज हम इस आर्टिकल में अश्वगंधा से जुड़े कई तरह के फायदे के बारे में जानने के साथ इसके विभिन्न रूप में मिलने वाले दवा के गुण और सके उपयोग कैसे करे , एवं इसके ज्यादा उपयोग से होने वाले नुक्सान के बारे में भी जानेंगे ।

जरुरी बातें 

अश्वगंधा का उपयोग हमेशा सीमित मात्रा में करना चाहिए या नहीं समझ में आने से डोकर से भी राय ले सकते हैं । इसके ज्यादा सेवन से उलटी होने के साथ – साथ पेट में अन्य गड़बड़ी भी हो सकती हैं । लो ब्लड प्रेशर वाले लोग इसे न खाएं। नींद न आने पर अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जा सकता है परन्तु केवल नींद के लिए इसका निरंतर उपयोग हानिकारक हो सकता हैं ।

  • त्वचा रोग के लिए – (ashwagandha benefits in hindi-ashwagandha ke fayde)

सबसे पहले अश्‍वगंधा के पत्‍तों का पेस्‍ट बना लें एवं इसके पत्ते से बने पेस्ट से धोने से त्वचा में लगने वाले कीड़े से बचा जा सकता है। इस लेप के उपयोग मधुमेह से होने वाले घाव को जल्दी ठीक करने के लिए भी क्या जाता है। यह सूजन को दूर करने में भी कारगार होता है।अश्‍वगंधा की जड़े पीसकर उसे हल्का गुनगुना करके इस्तेमाल करने पर विसर्प रोग की समस्‍या में फायदा होता है।

  • चोट में आराम – अश्वगंधा और दूध का सेवन

अश्वगंधा के पाउडर (benefits of ashwagandha powder in hindi )को गुड़ या घी में मिक्स करे और उसे दूध के साथ सेवन करने पर शास्त्र से लगे चोट के दर्द में आराम मिलता हैं ।

  • अश्वगंधा का गुम गठिया के इलाज में फायदेमंद 

2 ग्राम अश्वगंधा पाउडर रोज सुबह और शाम गर्म दूध या पानी के साथ सेवन करने से गठिया रोग में लाभ होता है साथ ही कमर दर्द और नींद न आने की समसया से भी छुटकारा मिलती है ।

250 मिलीग्राम पानी में , असगंधा के 30 ग्राम ताजा पत्तों को उबालें। जब पानी आधा हो जाये तो उसे छानकर पी लें। इस तरह एक हफ्ता सीन करने से कफ से होने वाले परेशानी एवं गठिया में आराम मिलता हैं ।

  • ल्युकेरिआ में अश्व्गन्धा के फायदे 

2-4 ग्राम असगंधा की जड़ के चूर्ण (ashwagandha churna ke fayde) को मिश्री में मिक्स करे इसे सुबह शाम गाय के दूध के साथ प्रयोग करे ल्यूकोरिया में इससे लाभ होता है। इसके अलावा तिल, उड़द, गुड़ तथा घी के साथ समान मात्रा में उपयोग करने से भी ल्यूकोरिया में फायदा होता है।

  •   गर्भ अवस्था में अश्वगंधा का प्रयोग -अश्वगंधा और दूध

20 ग्राम अश्वगंधा पाउडर को 250 मिली ग्राम गाय के दूध या एक लीटर पानी में मिला लें। इसे कम आंच पर थोड़े देर पका ले इसके बाद जब इसमें केवल दूध बच जाय तब इसमें 6 ग्राम मिश्री और 6 घी मिला लें

इसे  मासिक धर्म के शुद्धिस्नान के तीन दिन बाद, लगातार तीन दिन तक सेवन करने से गर्भधारण में फायदा होता है इसके साथ गर्भधारण की समस्या को दूर करने में भी मिलते हैं।

अश्वगंधा पाउडर और घी में मिला लें और मासिक-धर्म स्‍नान के बाद लगातार एक माह तक  हर दिन गाय के दूध या ताजे पानी से 4-6 ग्राम की मात्रा मिलाकर इसका सेवन  करें।

  • कब्ज से राहत

अश्वगंधा पाउडर या फिर अश्वगंधा चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा को गुनगुने पानी के साथ कुछ दिन तक निरंतर सेवन करने से कब्‍ज की परेशानी से छुटकारा मिलता है।

  • पेट की बिमारी में अश्वगंधा का प्रयोग 

अश्वगंधा चूर्ण का उपयोग पेट के बीमारी में भी किया जाता हैं। सबसे पहले अश्‍वगंधा पाउडर में बराबर मात्रा में बहेड़ा चूर्ण मिक्स करे। अब इसके 2-4 ग्राम की मात्रा को  गुड़ के साथ सेवन करने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।

अश्‍वगंधा चूर्ण के साथ बराबर भाग में गिलोय का  पाउडर मिला लें। इसके  5-10 ग्राम मात्रा को शहद के साथ कुछ दिन तक निरंतर प्रयोग करे तथा इससे पेट के कीड़ों खत्म करने के लिए उपचार होता है।

  •   अश्वगंधा से खासी का इलाज 

400 मिलीग्राम पानी के साथ असगंधा की 10 ग्राम जड़ों को कूट लें और इसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाकर कुछ देर पका ले (अश्वगंधा खाने के फायदे )। जब पानी का आठवां हिस्सा रह जाए तो आंच बंद कर दें। इसे थोड़ा-थोड़ा पिलाने से खांसी या वात से होने वाले कफ की समस्या से छुटकारा मिलता है ।

पानी एवं असगंधा के पत्तों के साथ  40 मिलीग्राम गाढ़ा काढ़ा लें। इसमें 10 ग्राम कत्था चूर्ण,20 ग्राम बहेड़े का चूर्ण , ढाई ग्राम सैंधा नमक तथा 5 ग्राम काली मिर्च मिला मिलाकर इसके 500 मिलीग्राम की गोलि बना लें।इन गोलियों को चूसने से सभी तरह खांसी दूर होती है एवं टीबी के कारण से होने वाली खांसी में भी मदद मिलती है।

  • टीबी रोग में अश्वगंधा का उपयोग 

असगंधा के ही 20 मिलीग्राम काढ़े के साथ अश्‍वगंधा चूर्ण  के ही  2 ग्राम मात्रा को मिलाकर सेवन करें। इससे टीबी में लाभ होता है। अश्‍वगंधा की जड़ से चूर्ण बना लें और इसके दो ग्राम चूर्ण निकलकर अलग रखें  (अश्वगंधा के लाभ )।

अब  इसमें 5 ग्राम घी, 1 ग्राम बड़ी पीपल का चूर्ण, और 5 ग्राम शहद मिक्स करे । इसका निरंतर सेवन करने से टीबी (क्षय रोग) में लाभ मिलता है एवं अश्वगंधा के फायदे  टीबी के लिए उपचारस्वरुप फायदेमंद है ।

  • आँखों के लिए   

2 ग्राम आंवला , 2 ग्राम अश्‍वगंधा, और 1 ग्राम मुलेठी को आपस में मिलाकर, पीसकर एक नया चूर्ण तैयार कर लें। एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को सुबह और शाम पानी के साथ सेवन करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है।

ashwagandha uses in hindi-अश्वगंधा के बीज का उपयोग

ऐसा माना जाता हैं अस्वगंधा का प्रयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए । इसलिए इसका उपयोग कैसे करे इसके बारे में निचे विस्तार पूर्वक बताया गया हैं ।

अस्वगंधा चाय – (ashwagandha benefits in hindi-ashwagandha ke fayde)

  • सबसे पहले इसके जड़ के पाउडर को दो चम्मच की मात्रा ले
  • अब इसे 4 कप पानी में 15 से 20 मिनट उबलने के लिए छोड़े
  • अब इससे अच्छी तरह से छान लड़ ताकि किसी तरह का कोई कण पानी में नहीं रहे
  • रोज इसी तरह 1/4 कप इसका बना छाए का सेवन करे

अश्वगंधा और घी

  • दो चम्मच अश्वगंधा पाउडर को आधा चम्मच घी के साथ अच्छी तरह भून ले
  • अब एक चम्मच खाजूसर की चाय मिक्स करे
  • अब इस मिश्रण को फ्रिज में रख दे
  • रोज एक चम्मच का उपयोग दूध या पानी के साथ कर सकते हैं

अन्य पदार्थ के साथ अश्वगंधा का उपयोग – (ashwagandha benefits in hindi-ashwagandha ke fayde)

  • आधा कप अश्वगंधा को एक बड़े डब्बे में रखे
  • उसमे 100 ml  वोडका  या फिर रम डाल दे
  • अब इसे कम से कम चार महीने तक किसी अँधेरी जगह पर ढक कर रख दे और कुछ दिन के अंतराल पर इस हिलाते रहे
  • चार महीने बाद इसे निकालकर किसी साफ़ बोतल में रखें और रोजाना इसके 40 बून्द पानी के साथ सेवन करे ।

aswgandha की तासीर गर्म होती हैं इसलिए यह शरीर में गर्मी पैदा करता हैं । इसका उपयोग अन्य साम्रगी के साथ लेना चाहिए ताकि यह शरीर में ज्यादा गर्मी उत्पन्न न कर सके ।

what is ashwgandha in hindi – अश्वगंधा क्या है ?

अलग-अलग देश – विदेश  में अश्‍वगंधा कई प्रजातिया पायी जाती हैं लेकिन इसके पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब गंध आती है जिससे यह पता चलता है की यह असली अश्वगंधा हैं और यह गंध अश्वगंधा की ताजी जड़ में और भी अधिक तेज होती है।

जंगलो में मिलने वाले अस्वगंधा पौधों की तुलना में खेती के माध्‍यम से उगाए गए अश्‍वगंधा पौधे की गुणवत्‍ता अच्‍छी होती है लेकिन इसका तेल निकालने के लिए जंगल वाला अश्‍वगंधा का पौधा ही सबस बेस्ट होता  है। यह मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं –

बड़ी या देशी असगंध (अश्वगंधा)

इसकी झाड़ी बड़ी होती है, परन्तु जड़ें पतलीऔर छोटी  होती हैं। यह हर उजागह यानी पहाड़ी स्थानों, खेतों ,  बाग-बगीचों में सामान्य रूप में पाई जाती है। असगंध में कब्‍ज गुणों की उपस्थिति के कारण इसका गंध  घोड़े के पेशाब जैसी होती हैं इसलिए संस्कृत में इसकी बाजी ( घोडा )से संबंधित नाम रखा गया था ।

छोटी असगंध (अश्वगंधा)- (ashwagandha benefits in hindi-ashwagandha ke fayde)

पहले वाली की ऊलना में इसके  झाड़ी छोटी होने से यह छोटी असगंध कहलाती है, लेकिन इसका जड़ का अकार बड़ा होता है। राजस्‍थान के नागौर में यह सबसे ज्यादा  पाई जाती है और वहां के जलवायु इस पौधे को एक तरह से विशेष प्रभावशाली बनती है। इसीलिए इसको नागौरी असगंध भी कहते हैं।

किसी दूसरे पौधे के मुक़ाबले अश्वगंधा के पत्ते , फल , जड़ , तने आदि सभी का उपयोग किया जाता हैं क्योंकि ये सभी औसधि से भरपूर होते हैं लेकिन बाजार में मिलने वाले अस्वगंधा में सभी ओरिजिनल नहीं होते हैं

क्योंकि इससे ही मिलता जुलता एक पौधा हैं जिसका नाम कोकनज है इसे लोग ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में बेचते हैं जिसका गुण अश्वगंधा पौधे के मुक़ाबले बहुत कम होता हैं इसलिए इसे लेते समय इस बात का ख्याल जरूर रखें ।

अश्वगंधा के नुक्सान – side effects of ashwgandha in hindi 

जैसा की मैंने पहले भी बता दिया हैं की ज्यादा अश्वगंधा के उपयोग से यह हमारे शरीर पर गलत प्रभाव डाल सकता हैं जिसमे उलटी आना , पेटखराब होना एवं डायरिया जैसी बिमारी भी शामिल हैं ।

गर्भवती महिला को इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें गर्भ गिराने वाले गुण पाए जाते हैं और तो और किसी – किसी में इसके सेवन से एलेर्जी की समस्या भी हो सकती हैं । इसलिए जल्दी से परिणाम पाने के लिए इसका ज्यादा मात्रा का सेवन करने से बचे या फिर इसके इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर ले ।

  • नींद की दवा 

यह मुख्य रूप से नींद को लाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में कारगार है परन्तु यह इस असर को कम या ज्यादा भी कर सकता हैं इसलिए इसका उपयोग ध्यानपूर्वक या फिर डॉक्टर के सलाह के अनुसार किया जाए तो बेहतर रिजल्ट मिल सकते हैं ।

  • रोग निरोधक सकती कम करता हैं 

बाहरी तत्व की परतक्रिया को बैलेंस करने के लिए यह सबसे उपयोगो मन जाता है परन्तु यदि इसे किसी दवा के साथ लिया जाए तो यह उस दवा के असर को कम कर देता हैं जो हमारे शरीर के रोग – निरोधक सकती बढ़ाती हैं । अतः जिसे ऑटोइम्म्यून की परेशामि है उन्हें इसका सेवन करने से चना चाहिए ।

  • डयबिटीज दवा के साथ 

यह सच है की अश्वगंधा से डाइबिटीज की समस्या में आहात मिलती हैं लेकिन यदि आप इसके साथ कोई अन्य डाइबिटीज की दवा भी ले रहे हैं तो बेहतर यही होगा की आप किसी एक को चुने । क्योंकि इससे आपका ब्लड शुगर का स्टार सामान्य से निचे गिर सकता हैं ।

  •  ब्लड प्रेशर की दवा के साथ 

यदि आप हाई बीपी को कम करने के लिए कोई दवा का सेवन कर रहे है तो उसके साथ अश्वगंधा का सेवन नहीं करे क्योंकि ऐसी स्थति में हो सकता आपका बीपी बहुत लौ की तरफ भी जा सकता हैं ।

  • थाइरोड की दवा के साथ 

जैसा की हम जानते हैं की किसी भी वयक्ति को एक बार थाइरोड होने पर उसे रोज इसके दवा का सेवन करना पड़ता हैं । यदि अश्वगंधा का उपयोग तहीरोड में करते हैं तो आपको थाइरोड को संतुलित करने के साथ – साथ चपाचय का भी ख्याल रखता है लेकिन अपने कोई दवा ले रखा है और अश्वगंधा को भी इस्तेमाल करना चाहते है तो ऐसा कभी नहीं करे चाहे वो कोई सा भी केटेगरी का थाइरोड हो आपको नुक्सान होने की संभावना ज्यादा रहती हैं ।

निष्कर्ष (ashwagandha benefits in hindi-ashwagandha ke fayde)

आपको एरा यह आर्टिकल ashwagandha ke fayde in hindi , या ashwagandha hindi या ashwagandha powder ke fayde कैसा लगा हमे कमेंट के माध्यम से जरूर बताये यदि आपके कोई सवाल है जो इससे जुड़े हुए है तो उसे भी जरूर कमेंट में पूछ सकते हैं जिसका तुरंत उत्तर देने के प्रयाश किया जायेंगे

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