ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं-trading kitne prakar ke hote hain-types of trading

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं

दोस्तों आज हम शेयर मार्केट के बारे में  चर्चा करने के साथ आज के महत्वपूर्ण विषय यानी की शेयर कितने प्रकार के होते हैं  या फिर इसको आप ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं  यह भी कह सकते है ।

जो लोग नए होते है उनको शेयर मार्केट बाजार  का कुछ भी जानकारी नहीं होता है जबकि उनको सबसे पहले सिखने के तौर पे types of share market के बारे में जानना चाहिए क्योंकि यह मालून नहीं होने से हमे सही जगह पर पैसा लगाने का अंदाजा नहीं मिल पाताहै जिससे हम मार्केट शेयर बाजार  के उलझन में फस सकते है ।

यदि आप नए है तो मेरा आपसे निवेदन है की कृपया करके इस लेख को पूरा पढ़े ताकि शेयर मार्केट का इन्वेस्ट के नजरिये से लगाए जानेवाले पैसे से पहले ट्रेडिंग के प्रकार के बारे में पता चल सके ।

शेयर मार्केट ट्रेडिंग  के प्रकार जानने से पहले मैं आपको एक बात बता दू की यदि आप शेयर मार्केट में  इन्वेस्ट की सुरुवात करना चाहते है तो swing trading और paper work trading से सुरुवात करे ।

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वैसे तो मुख्या रूप से दस तरह के मार्केट के प्रकार  है पर मैंने अपनी तरफ से एक और जोड़ दिया है जिसके बारे में आपको आगे मालूम पड़ेगा क्योंकि वो भी एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर इन्वेस्टर को जरूर सीखना चाहिए ताकि जल्दी से जल्दी उनका अनुभव मार्केट शेयर  में बढ़ सके ।

types of trading in indian stock market – मार्केट के प्रकार

आज मैं आपको शेयर बाजार के अंदर कुल 12 प्रकार के शेयर ट्रेडिंग के बारे में बताऊंगा जिसमे से कुछ को सिखने में थोड़ा समय जरूर लगता है लेकिन उनमे फायदे भी बहुत होते है

टीवी न्यूज़ ट्रेडिंग 

आपने एक चीज टीवी में जरूर देखा होगा की बहुत से ऐसे शेयर मार्किट से जुड़े न्यूज़ चैनल है जो शेयर से जुडी हर तरह की जानकारी देते है यदि आपको शेयर मार्किट का कुछ भी ज्ञान नहीं है

तो शेयर के बारे में न्यूज़ देखकर भी पैसा इन्वेस्ट कर सकते है लेकिन उन्ही शेयर में इन्वेस्ट कीजियेगा जो ज्यादा प्राइस होने के साथ जाने पहचाने हो और साथ में लॉन्ग ट्रेड के लिए कोई शेयर ख़रीदे तभी फायदा होगा

स्टॉक बाजार में इन्वेस्ट कैसे करे  intraday के लिए स्टॉक सिलेक्शन 

न्यूज़ और इवेंट ट्रेडिंग 

किसी स्टॉक में कोई बढ़िया न्यूज़ आने के वजह से स्टॉक मार्किट में के उछाल आता है या फिर किसी शेयर का क्वार्टली रिजल्ट बढ़िया आने से भी उस शेयर में डिमांड काफी तेजी से बढ़ती है

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अभी पढ़े 

इसलिए इस समय का फायदा उठाकर इन्वेस्ट करने पर इन्वेस्टर को कुछ ही दिनों में बहुत ज्यादा फायदा हो जाता है इसे ही news and event trading कहते है

एल्गो ट्रेडिंग 

यह एक ख़ास तरहं का ट्रेडिंग होता है जो सब कुछ आटोमेटिक होता है मेरा कहने का मतलब यह है की यदि कोई स्टॉक खरीदना या बेचना हो तो सब कुछ आटोमेटिक होती है हमे उसमे कुछ करना नहीं पड़ता है । केवल हमे कुछ इंस्ट्रक्शन कम्प्यूटर को देने होते है फिर कम्प्यूटर खुद शेयर को खरीद या बेच सकता है

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पोसिशनल ट्रेडिंग  (ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं)

इस ट्रेडिंग के अंतर्गत किसी भी शेयर को कुछ हफ्ते या फिर महीने के अंदर अपने डीमैट अकॉउंट में इन्वेस्टर रखते है और कुछ महीने या साल भर के बाद प्रॉफिट दिखने पर सेल्ल कर देते है इस तरह के ट्रेडिंग को पोसिशनल ट्रेडिंग कहता है ।
जैसे की मान लीजिए कोई स्टॉक का दाम 1000 रूपए है और उसपर अपने बढ़िया से रिसर्च किया है और सभी मापदंडो में वह शेयर खरीदने की तरफ इसारा कर रहा जिसे आपने खरीद लिया और आने वाले 8 से दस महीने में आपको उसमे एक अच्छा प्रॉफिट दिखा जिसके बाद अपने उसे बेचकर प्रॉफिट कमा लिया ।
स्विंग ट्रेडिंग 
यह एक तरह से सबसे सुरक्षित और और एक महीने में साल भर जितना प्रॉफिट देने वाला ट्रेडिंग माना जाता है लेकिन ऐसा नहीं है की कोई भी इसमें पैसा लगा कर एक महीने में राजा बन जाए
बल्कि इसमें अच्छी तरिके से एनालिसिस की जरुरत होती है
ताकि सही समय में पैसा इन्वेस्ट कर कुछ दिनों के अंदर ही थोड़ा सा प्रॉफिट दीखते ही सेल कर देना होता है अथवा इसी स्ट्रेटेजी पर स्विंग ट्रेडिंग काम करता है ।
जैसे मान लीजिए की किसी शेयर में जिसका मूल्य 100 रूपए है उसमे अच्छे से रिसर्च करने के बाद 10 शेयर ख़रीदा गया और कुछ दिनों के बाद उस शेयर का दाम 110 रूपए तक पहुंच गया
इसी लेवल तक पहुंचने के लिए इन्वेस्टर बहुत अच्छी तरिके से एनालिसिस करते है और उनके टारगेट पर आते ही सेल कर देते है जिसमे उन्हें 5 से 10 % का मुनाफा आसानी से हो जाता है ।

मोमेंटम ट्रेडिंग (ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं)

जब किसी शेयर में कभी ब्रेकआउट आता है यानी की लम्बे समय के बाद कोई शेयर ऊपर की तरफ या फिर निचे की तरफ अपने पिछले इतिहासिक लेवल को तोड़ देता है

तब उस समय उअसके बहुत तेजी के साथ ऊपर या फिर निचे जाने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाते है इसलिए इन्वेस्टर की नजर इस मोमेंटम ट्रेडिंग पर हमेशा बानी रहती है ।

मान लीजिये की कोई शेयर जिसका प्राइस 500 सब हाई लेवल  रूपए है और वह कुछ समय से 495 से 500 के बिच हो ट्रेड कर रहा है तो इस समय इसके 500 लेवल को बार बार छूने के वजह से ऊपर जाने के चांस बढ़ जाते है और जैसे ही वह शेयर 501 या 502 रूपए तक पहुँचता है उसमे एक बहुत बड़ा उछाल देखने को मिलता है

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btst ट्रेडिंग ( बाई टुडे सेल टुमारो )

आज ख़रीदे हुये शेयर को कल बेच देने को BTST (Buy Today Sell Tomorrow) ट्रेडिंग कहते है कई बार कोई स्टॉक आज जिस Price पर Close हुआ है अगले दिन उससे ज्यादा या कम में Open होता है इसका फायदा उठाने को BTST ट्रेडिंग कहते है ।

जैसे की कोई शेयर का भाव आज के दिन अचानक से 15 % निचे गिर गया और वह शेयर एक स्ट्रांग फंडामेंटल वाला है तो अगले ही दिन उसके काफी ज्यादा चांस हो जाते है की वो कुछ पर्सेंट तक रिकवर करे और इसको को ध्यान में रखा कर इन्वेस्टर अपना पैसे btst के लिए लगाते है ।

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आर्बिट्राज ट्रेडिंग (ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं)

शेयर मार्किट में बहुत से ऐसे शेयर मौजूद है जो एक से ज्यादा एक्सचेंज में लिस्टेड होते है ऐसे में कई बार उनके प्राइस में एक ही समय में अंतर आ जाता है इसलिए इसका फायदा निवेशक उठाकर लाभ कमा लेते है इसे ही आर्बिट्राज ट्रेडिंग कहते है ।

मान लजिए की कोई शेयर को आपने nse के द्वारा खरीद रखा है लेकिन उसका प्राइस वैल्यू bse में जड़ा चल रहा है nse के मुक़ाबले तो ऐसे में आप उस शेयर को bse में सेल करके फायदा कमा सकते है ।

इंट्राडे टार्डिंग 

यह ट्रेडिंग सबसे ज्यादा use किया जाता है और नए निवेशक इस ट्रेडिंग के जाल में ज्यादा फशते है जबकि नाये होने के कारण उन्हें स्विंग ट्रेडिंग या फिर लॉन्ग ट्रेड पर ध्यान देना चाहिए ताकि कुछ सिखने को मिल सके ।

यह ट्रेडिंग एक प्रकार से कुछ घण्टे का होता है और इन्ही घंटो के दौरान खरीदा हुआ शेयर सेल्ल करना होता है यदि अपने कोई शेयर मरीगंज में लिए है तब आपको निश्चित ही थोड़ा प्रॉफिट मिलते ही सेल्ल कर देना चाहिए ।

मान लीजिए की intraday trading के समय अपने कोई शेयर मर्जिंग में ले रखा है और शेयर मार्किट के क्लोजिंग के ठीक 30 मिनट पहले आपको अपने सौदे को क्लोज करना होगा चाहे आप प्रॉफिट में हो या लोस्स में हो ऐसा नहीं करने से आपको कुछ रकम के रूप में फाइन भरना पड़ता है और सौदा आटोमेटिक सेल्ल हो जाता है ।

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स्प्रेड ट्रेडिंग – (trading ke prakar)

कभी – कभी किसी शेयर के buy value और sell value में बड़ा अंतर हो जाता है और इसी अंतर का फायदा निवेशक उठाते है जिसे स्प्रेड ट्रेडिंग के नाम से जानते है ।

जैसे की मान लीजिये किसी शेयर के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की इस मंथ की प्राइस 100 रूपए है और नेक्स्ट मोंठ की प्राइस वैल्यू 102 रूपए है , इस सिचुएशन में इस महीने की 100 रूपए वाली 1000 शेयर निवेशक द्वारा खरीद लिया जाता है

नेक्स्ट मंथ में उसका वैल्यू 102 रूपए और उसी प्राइस में सेल्ल कर दिया जाता है । इसमें आपको एक शेयर में 2 रूपए का मुनाफा हो जाता है जो 1000 शेयर के लिए  2000 रूपए मुनाफा देगा ।

स्कल्पिंग ट्रेडिंग 

यह ट्रेडिंग एक प्रकार से कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक ही होता है अतः एक दिन में इस ट्रेड को कई बार भी किया जा सकता है लेकिन इसके लिए अनुभव का होना बहुत जरुरी है तभी आप मुनाफा कमा सकते है ।

मान लिये की किसी शेयर का दाम 100 रूपए है और अपने उस शेयर को 1,00,000 क्वांटिटी ख़रीदा है । 5 मिनट के अंदर ही उस शेयर का दाम 100.20 हो जाता है और आप उस शेयर को सेल कर देते है तो ऐसे में आपको एक शेयर पर 0.20 पैसे का मुनाफा होगा जिसे हम यदि एक लाख में लागु करे तो कुछ मिनट के अंदर आप 20, 000 रूपए कमा सकते है ।

पेपर ट्रेडिंग 

मैं अपनी तरफ से एक ट्रेडिंग विकल्प इसमें जोड़ा हु जो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है और ख़ास कर नए निवेशक को इसे जरूर अपनाना चाहिए क्योंकि यह सिखने के बेसिस पर निर्भर है इसमें कोई पैसा इन्वेस्ट नहीं करना बल्कि पैसा इन्वेस्ट करने के लिए प्रैक्टिस करना पड़ता है

मान लीजिये की अपने बहुत अच्छी तरीके से किसी शेयर पर एनालिसिस किया है और आप शेयर मार्किट में नए है तो ऐसे में इन्वेस्ट करने से थोड़ा असहज महसूस कर रहे है तो आप उसी शेयर के buy price को एक कॉपी में नोट करे और साथ में जिस प्राइस में उसे बेचना चाहते है उसे भी लिख ले

इस तरह आप कम से कम दस बार जरूर करे ऐसा करने में थोड़ा समय जरूर लगेगा लेकिन आपका कॉन्फिडेंस बढ़ जायेगा यदि 10 में 7 ट्रेड में आपको मुनाफा हुआ है तो पैसे इन्वेस्ट करना सुरु कर दीजिये

क्योंकि ऐसा करने से आपको शेयर मार्किट के प्रति अनुभव भी होगा और पैसे इन्वेस्ट करने में भी दर नहीं लगेगा । इसका सबसे बड़ा फायदा यह है की ऊपर बताये गए किसी भी ट्रेडिंग में आप पेपर ट्रेडिंग द्वारा प्रैक्टिस कर सकते है ।

तो दोस्तों इस तरह से आप इतने सारे ऊपर दिए गए तरिके की मदद से share trading में अपना पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं यदि आप नए है तो मेरे तरफ से एक सलाह यह है की कम – कम पैसे को इन्वेस्ट करके कोशिस करे। किसी एक कंपनी के शेयर में पैसा इन्वेस्ट करने से पहले उस पैसे को चार भाग में बाँट ले ताकि लोस्स होने पर बाकी के पैसे को जोड़ सकें जिससे आपका लोस्स आधा हो जायेगा

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शेयर बाजार के नियम क्या है  शेयर बाजार का गणित क्या है

share kitne prakar ke hote hain – शेयर कितने प्रकार के होते हैं

शेयर कितने प्रकार के होते हैं? यह जानने से पहले यह समझना जरुरी है की शेयर किसे कहते हैं और शेयर होल्डर क्या होता हैं ।इन सभी के बारे में जान जायेंगे तो शेयर के प्रकार  या types of share in hindi के बारे में समझना आसान होगा

व्हाट इस शेयर – share kya hota hai 

शेयर मुख्य रूप से किसी कंपनी का हिस्सेदार होने का प्रूफ होता हैं जो यह सिद्ध करता हैं की जिस भी कंपनी का पाने शेयर ख़रीदा हैं उस कमपनी के मिलकाना हक़ में आपका भी हिस्सा है पर आपने उस कंपनी का कितना quantity खरीदा हैं यह उसके पावर को दर्शाता हैं

शेयर होल्डर क्या है- share holder kya hai 

जो वयक्ति share meket में किसी कंपनी में अपने पैसे को इन्वेस्ट करके उसके शेयर को खरीदता हैं तो ऐसी स्थिति में उस कंपनी के लिए वह वयक्ति sahre holder के रूप में जाना जाता हैं यदि मान लीजिये की अपने कोई कंपनी का शेयर ख़रीदे है तो आप उस कंपनी के share holder कहलायेंगे चाहे उस कंपनी का एक ही शेयर क्यों न ख़रीदा हो

कोई कंपनी शेयर क्यों बेचती हैं ?

अब सवाल है की कोई कंपनी जो की अच्छा बिज़नेस कर रही या खराब फिर भी वह शेयर क्यों बेचती हैं इसका मुख्य वजह हैं कोई भी आज के समय में किसी बिज़नेस में अपने पुरे पैसे इन्वेस्ट नहीं करना चाहता हैं क्योंकि बिज़नेस को बढ़ाने के लिए पैसे की जरुरत हो तो बैंक पहला ऑप्शन है लेकिन ब्याज ज्यादा देना होता है

जिसको कंपनी चुकाने में सक्षम नहीं होती है ऐसे में वह आम जनता के समक्ष शेयर से पैसा जुटाने का काम करती हैं ताकि कम्पनी के पैसे की पूर्ति को पूरा किया जाए एवं फ्यूचर में मुनाफा होने पर शेयर होल्डर को भी इसका लाभ मिल सके

स्टॉक कितने प्रकार के होते हैं-stock kitne prakar ke hote hain

अब हम मुख्य मुद्दे के बारे में बात करेंगे लेकिन इससे पहले आपको बता दू की मार्केट कितने प्रकार के होते है जानने से बेहतर यही होगा की आप किस सेक्टर में अपना पैसा लगान चाहते हैं क्योंकि जितने भी शेयर मार्किट में सेक्टर है वे सभी रोज एक जैसा परफॉर्म नहीं करते हैं

जिसके बारे में आगे विस्तार से बात करेंगे और अक्सर नए लोग किसी एक सेक्टर में पैसा लगते रहते है उन्हें सेक्टर क्या होता है यान मालूम ही नहीं होता है यदि आपको यह मालूम चल जाए की कल के तारीख में कौन सा सेक्टर बढ़िया परफॉर्म करेगा तो आप बिना किसी एनालिसिस के बढ़िया पैसा कमा सकते है जिसके बारे में कोई बात भी नहीं करता हैं

share market kitne prakar ke hote hain

  • equity share 
  • preference share
  • d.v.r share

इक्विटी शेयर क्या है ?

जब कोई कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में अपना शेयर को जारी करती हैं तो उसे equity share कहते हैं और आपको बता दू की अन्य दो के मुक़ाबले इस शेयर को सबसे ज्यादा ख़रीदा एवं बेचा जाता हैं लेकिन लोग इसमें ज्यादा रूचि दिखाते है जिसके वजह से इसके शार्ट नाम “share ” कहकर ही बुलाते हैं

प्रेफ़ेन्स शेयर क्या है ?

इक्विटी और प्रेफ़ेन्स शेयर में ज्यादा अंतर नहीं हैं परन्तु जब कोई प्रेफ़ेन्स शेयर खरीदता है तब कुछ नियम भी उसके ऊपर लागू हो जाते है जिसका उसे पालन करना पड़ता हैं जैसे की उसे कमपनी के मीटिंग वोटिंग करने का अधिकार नहीं होता है । कम्पनी से मिलनेवाला मुनाफा preference share holder को पहले से तय कर दिया जाता हैं और साल के अंत में वह मुनाफा मिलता है

d . v . r क्या है 

dvr का फुल फॉर्म  Differential Voting Rights होता है जिसमे उसे इक्विटी शेयर की तरह लाभ तो मिल जाता है परन्तु वोटिंग राइट्स नहीं मिलता है

stock-market-sector-list-in-hindi 

शेयर में सेक्टर क्या होता हैं ?- what is sector in share market in hindi

अब हम अपने सबसे मुख्य टॉपिक के बारे में बात करेंगे जिसे नए इन्वेस्टर को एक बार जरूर जान लेना चाहिए क्योंकि यदि आप अपना पैसा सेक्टर के हिसाब से invest करेंगे तो आज नहीं तो कल आपको मुनाफा जरूर होगा

उद्दाहरण के लिए कोरोना से पहले लोग अपना पैसा सबसे ज्यादा रियल स्टेट या फिर टेक्नोलॉजीज सेक्टर में इन्वेस्ट करते थे तब मेडिकल सेक्टर में कोई ज्यादा ध्यान नहीं देता था । लेकिन 2020 में आये महामारी में पुरे शेयर मार्किट को बदल कर रख दिया

क्योंकि जिन लोगों ने इस सिचुएशन को समझा वह अपना सारा पैसा medical sector के अंतर्गत आनेवाले शेयर जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे उसमे इन्वेस्ट कर दिया और मात्र एक साल के अंदर उनका पैसा कई गुना बढ़ गया जो प्रॉफिट उन्हें 10 साल में होने वाला था वह मात्र 1 साल में हो गया

मेरे उदाहरण से आप समझ गए होंगे की शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करने से कुछ नहीं होता है बल्कि फ्यूचर में कौन सी setor की कंपनी बढ़िया perform करेगी यह एक तरह से लॉटरी की तरह काम करता है जिससे आज नहीं तो कल आप मालामाल हो सकते हैं

यदि मैं आज के समय में आपको एक उदाहरण के रूप में कुछ बताने का प्रयाश करूँ की आखिर आने वाले समय में कौन सी सेक्टर सबसे बढ़िया मुनाफा कमाकर दे सकती हैं । यदि आप टेक्नोलॉजीज सेक्टर में अपना पैसा इन्वेस्ट करेंगे और खासकर वे शेयर जो इलेक्ट्रिक गाड़ियां का निर्माण करती हैं तो आपको निश्चित ही 5 साल बाद बहुत अच्छा मुनाफा होनेवाला हैं

एक ख़ास बात बता दू की इलेक्ट्रिक गाडी में लगनेवाले पुर्जे वाली कोई कंपनी या कोई कंपनी है जो इलेक्ट्रिक गाडी के लिए सॉफ्टवेयर बनाती हो इन सभी में भी आप अपना पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं

शेयर मार्किट सेक्टर लिस्ट – stock market sector list in hindi 

शेयर बाजार में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है इसके बारे में आपको पता तो चल गया होगा लेकिन सभी शेयर को कितने सेक्टर में बांटा गया है या फिर आप जो कोई भी शेयर में अपना पैसा इन्वेस्ट करते है वे कोई ना कोई सेक्टर से जरूर जुड़ा हुआ रहता हैं ।

sectoral indices in hindi 

  • निफ़्टी ऑटो सेक्टर 

इस सेक्टर में उन तमाम शेयर को रखा गया है जो गाडी , मोटरसाइकिल , टायर , ऑटो – सहायक आदि का निर्माण करते हैं । इसके अंदर आने वाले सारे के सरे शेयर की लिस्ट आप nse  की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं ।

  • निफ़्टी बैंक सेक्टर 

इसमें केवल बैंक के शेयर को रखे गए है इसलिए आप इसमें पैसा कभी भी इन्वेस्ट कर सकते हैं क्योंकि यह सेक्टर हमेशा बढ़िया परफॉर्म करता हुआ मिल जाता हैं क्योंकि यह किसी चीज का बिज़नेस नहीं करता हैं ।

  • निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर 

यह निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर से सम्बन्ध रखता हैं जिसमे 15 शेयर अभी तक लिस्टेड हो चुके हैं ।

  • निफ़्टी फाइनेंसियल सेक्टर 

फिनांनस से जुड़े जितने भी कंपनी हैं वे सभी इस सेक्टर में शामिल किया गए हैं जिसमे बैंक , फाइनेंसियल संथा , housing finance , insurance company आदि को रखा गया हैं । जो समय – समय पर बढ़िया परफॉर्म भी करती हैं ।

  • निफ़्टी fmcg सेक्टर – (ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं)

सबसे पहले मैं इसका आपको फुल फॉर्म बता देता हूँ । fmcg का फुल फॉर्म Fast Moving Consumer Goods होता हैं जिसके अंतर्गत वे कंपनी आती हैं जो हमारे रोजमर्रा के जरुरत को पूरा करती हैं और ये भी सदाबहार शेयर होते हैं जैसे – nestle , hindustaan uniliver , आदि आपको नाम से पता चल गया होगा की यह किन प्रोडक्ट का निर्माण करती हैं जिसमे – बिस्किट , कॉफी , साबुन , तेल , क्रीम आदि मुख्य हैं ।

  • निफ़्टी it सेक्टर 

IT सेक्टर से मेरा मतलब है information technologies यानी की वह कंपनी जो इलेक्ट्रिक सामान का निर्माण करती हैं जैसे मोबाइल , टीवी , आईटी एजुकेशन , सॉफ्टवेयर , आदि का निराम करती हैं और आप चाहे तो कोई बढ़िया कमपनी का चुनाव कर उसमे अपना पैसा कुछ साल के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं

  • निफ़्टी मेटल सेक्टर 

यह उस तरह की कंपनी का लिस्ट होता हैं जिसमे मेटल यानी ताम्बा , एल्युमीनियम , लोहा , आदि का या तो कोई वस्तु को बनती हैं या फिर कोई सरकारी खदान होता हैं

  • निफ़्टी फ़रमा सेक्टर 

यह वह सेक्टर है जो 20 से 21 में सबसे बढ़िया मुनाफा दिया हैं और आगे भी जारी हैं इसलिए आप चाहे तो इसमें भी पैसा invest कर सकते हैं जो दवा निर्माण करने वाली कम्पनी को रखा गया है

  • निफ़्टी आयल एंड गैस सेक्टर 

इस सेक्टर में आयल और गैस वाले शेयर कंपनी को रखा गया हैं ।

निष्कर्ष (ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं)

दोस्तों आपको मेरा यह लेख Types Of Share Trading कैसा लगा हमे अपनी राय कमेंट के द्वारा जरुरु बताये जिससे हमे और भी इस तरह के लेख लिखने में हिम्मत मिलती है साथ में अपने सवाल को भी कमेंट में पूछ सकते है जिसका जवाब तुरंत देने की कोशिस की जाएगी धन्यवाद ।

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