ramayan kisne likha tha-ramayan ke rachyita-ramayan ke lekhak kaun hai

ramayan kisne likha tha-ramayan ke rachyita

दोस्तों आज मैं आपको भारत के सबसे पसंदीदा काव्य रामायण के बारे में बताने वाला हु की रामायण के लेखक कौन है  और  इससे सम्बंधित दूसरी जानकारी भी आपके साथ शेयर करने वाला हूँ जिससे हो सकता है की आप अनजान हो ।

इस आर्टिकल में मैं आपको रामायण से जुडी कुछ रोचक तथ्य , जिसने लिखा उनका जीवनी और रामायण लिखने के वजह क्या थे आदि के बारे में बताऊंगा इसलिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़े और शेयर भी जरूर करे ।

रामायण के रचयिता कौन है अथार्त ramayan kisne likha hai का जवाब जानना चाहते है तो महर्षि बाल्मीकि ने ramayanam को लिखा है  और भारत में यह बात अधिकतर लोगो को मालूम है क्योंकि इस काव्य को दुनिया के हर भासा में लिख जा चूका हैं ।

रामचरितमानस हिंदी अनुवाद-(ramayan kisne likha tha-ramayan ke rachyita)

ramayan के बारे में एक महत्वपूर्ण बात बता दू की इसे आज तक हिंदी में नहीं लिखा गए बल्कि इसे एक काव्य को हिंदी में लिखकर कन्वर्ट किया गया है । क्योंकि इसे सहज और सरल बनाने के लिए एक कहानी के रूप में बदल दिया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगो को रामायण के बारे में आसानी से समझ आ सके ।

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जब बाल्मीकि जी ने रामायण को लिखना चाहा तब वो इसे काव्य के रूप में लिखा था और इसके बाद इसको तुलसीदास ने भी रामचरितमानस को हिंदी में नहीं लिखा इसके अलावा इसे बौद्ध और नेपाल में भी लिखे गए लेकिन वो हिंदी नहीं थे । भारत के आज़ादी से पहले अंग्रेज को इस काव्य को समझने में ज्यादा रूचि दिखाई थी इसलिए इसे पहले अंग्रेजी में अनुवाद किया गया और उसके बाद हिंदी में लिखा गया था ।

महाभारत किसने लिखा

ramayan unkown facts in hindi (ramayan kisne likha tha-ramayan ke rachyita)

  • क्या आपको मालूम है की राम  14 कलाओं में पारंगत थे और इन्हे एक पूर्ण अवतार के रूप नहीं माना जाता हैं । चूँकि रावण को एक वरदान हासिल था की उसे कोई देवता नहीं मार सकते है केवन इंसान ही इसे मरने में सखशाम था इसलिए उसके अत्यचार से परेशान होकर रावण का वह करने के लिए भगवान् विष्णु को राम के रूप में आना पड़ा था
  • युद्ध के दौरान भगवान् राम के लिए देवता इंद्र ने अपने रथ भेजा था और उसी रथ में सवार होकर राम जी ने रावण का वध किया
  • ऐसा मान जाता है की जब राम लंका को पार करने के लिए समुन्द्र पर पल का निर्माण करवा रहेथे तब उस निर्माण में एक गिलहरी ने भी काफी मदद  किया था इससे भगवान् राम बहुत प्रसन्न हुएथे और अपनी इस खुसी का इजहार करने के लिए उन्होंने उस गिलहरी के ऊपर अपनी अंगुलिया फेर दी थी । तब से लेकर आज तक गिलहरी के शरीर के ऊपर लम्बी धारिया नजर आती रही
  • अनेको युद्ध के दौरान जब रावण विजय प्राप्त करते हुए यमराज से युद्ध करने के लिए यमपुरी पहुंचा तब रावण पर पर यमराज ने कालदण्ड के द्वारा प्रहार करना चाहा तभी उनको ब्रह्मा ने रोक दिया क्योंकि वरदान के वजह से उसे किसी देवता द्वारा मरना असंभव था
  • रावण एक मह्ज्ञानि वयक्तित्व वाला इंसान था जिसके मरने के बाद भगवान् राम ने उसे महाब्राह्मण कहा था । जब वह अपनी जीवन के अंतिम क्षण में था तब राम ने लक्ष्मण को उसके पास जाकर ज्ञान प्राप्त करने के लिए आदेश दिए थे
  • पाताल के राजा और दो भाई ( अहिरावण और महिरावण ) बहुत शक्तिशाली राक्षस थे और उसने राम और लक्ष्मण को बंदी बना लिया था जिसको छुड़ाने के लिए हनुमान को अपने पंचरूपी अवतार में आना पड़ा था

रामायण रोचक तथ्य 

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  • राम के भाई भारत को अपने पिता की मित्यु का आभास पहले ही हो चूका था क्योंकि उन्होंने एक सपने में अपने पिता को काले कपडे में लाल फूल की माला पहने हुए रथ पर सवार होकर भारत के दक्षिण दिशा की तरफ जाते देखा था और उनके ऊपर फूलों की बारिस की जा रही थी ।
  • बाल्मीकि जी के रामायण काव्य के अनुसार , रावण के पुष्पक विमान से जाने के दौरान उसकी नजर एक स्त्री पर पड़ी जिसका नाम वेदवती था और वह वहां भगवान् विष्णु से विवाह करने के लिए तप कर रही थी लेकिन उसी समय रावण उसे अपने साथ ले जाने के लिए जबरदस्ती करने लगा जिससे क्रोधित होकर वेदवती ने रावण को श्राप दिया की उसकी भी मित्यु का कारण एक स्त्री होगी ।
  • रावण जब युद्ध के द्वारा पुरे विश्व को जितने के लिए निकला तो उसका सामना अयोध्या के एक राजा अनरण्य से हुई जिसमे वो हार गए और मरते हुए उन्होंने रावण को श्राप दिया की उसकी भी मित्यु मेरे कुल के लोगों द्वारा होगी ।
  • वनवास के दौरान राम जी ने कंबध नामक राक्षस का वधि किया था और उसके कहने पर ही सुग्रीव की राम से मित्रता हुई थी ।
  • जब श्री राम वनवास के लिए रवाना हुए तब उनकी उम्र मात्र 27 साल की थी ।
  • राजा दसरथ राम को वनवास भेजने के पक्ष में बिलकुल नहीं थे इसलिए उन्होंने राम जी को एक सुझाव दिया था की वो उनको बंदी बनाकर जेल में डाल दे और खुद को राजा घोसित करे लेकिन राम जी ने ऐसा करने से इंकार कर दिया ।

ramayanam के  रहस्य (ramayan kisne likha tha-ramayan ke rachyita)

  • लक्ष्मण ने रावण के पुत्र मेघनाथ को मरने के साथ उसके दोनों पुत्र परहस्त आउट अतिकाय को भी मारा था ।
  • भगवान् शिव का रावण , परम भक्त था तथा भगवान् शिव की पूजा के दौरान उसने अपने हाथ काटकर भगवान् शिव को चढ़ा दिया था और बाद में उसने उस कटे हाथ से वध यंत्र बना दिए थे जिसको रावण हत्ता के नाम से जानते ही ।
  • जिस समय रावण ने सीता का हरण करके अशोक वाटिका ले गया था तब ब्रह्मा ने एक विशेष खीर भगवान् इंद्र के द्वारा सीता के पास पहुंचाया था और इस खीर को पहुचाते समय उसके द्वार में खड़े सभी राक्षस को इंद्र ने कुछ समय के लिए सुला दिया था । तब जाकर उस खीर को ग्रहण कर सीता ने यह प्रण लिया की जब तक रावण से छूटकर नहीं मिलता वह अन्न – जल ग्रहण नहीं करेंगी और इसी के चलते उस खीर के द्वारा उनके भूख को शांत किया गया ।
  • रावण जब अपने विजय अभियान के समय जब वह स्वर्ग पंहुचा तब उसे वहां एक रम्भा नाम की अप्सरा से मुलाकात हुई जिसपर वह मोहित हो गया था लेकिन जैसे ही वह उसे छूने की कोसिस करने लगा तभी रम्भा ने यह कहते हुए उसे रोका की , वह आपके भाई कुबेर के पुत्र नलकुबेर की धर्मपत्नी बनाने वाली हूँ । इसके बाद भी रावण नहीं माना , जब नलकुबेर को यह सब पता चला तो उसने रावण को श्राप दिया की जब भी कोई नारी के साथ अत्याचार करेगा तो उसके मस्तिष्क के सौ टुकड़े हो जायेंगे ।

रामचरितमानस के रोचक तथ्य 

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  • भगवान शिव के दर्शन के लिए जब रावण कैलाश पर्वत पर पहुंचा तो रस्ते में उसे नंदी से मुलाकात हुई जिसका उसने बंदर जैसे सकल वाला कहकर मजाक उड़ाया था जिसपर नंदी को बहुत बुरा लगा इसलिए उन्होंने रावण को श्राप दिया की उसके कुल का नाश बन्दरो द्वारा ही होगा ।
  • ऐसा माना जाता है की जिस शिव के धनुस को बड़े – बड़े सक्तिसाली राजा नहीं उठा सके उसे देवी सीता ने अपने बचपन के दिनों में खेल – खेल में उठा लेती थी ।
  • राम जी की एक बहन भी थी जिसका नाम सांता था और कौसल्या ने उसे अपनी बहन वार्ष्णि को गोद के रूप दे दिया था इसलिए रामायण में इसका कहीं प्रमाण नहीं मिलता है ।
  • आनंद रामायण के अनुसार रावण ने सीता के साथ कौसल्या का भी अपहरण किया था और ब्रह्मा ने रावण को पहले ही चेतावनी दे दी थी की राजा दशरथ और कौसल्या  का पुत्र उसका मौत का कारण बनेंगे और इसी से डरकर रावण , उस पाप से बचने के लिए कौसल्या को चारो ओर समुद्र से घिरे दिप में एक डब्बे में बनकर छोड़ दिया था ।
  • राम जी की माँ कौसल्या , एक कौशल देश की राजकुमारी थी और उनके सौकुशाल और अमृत प्रभा माता पिता थे ।
  • भगवान् विष्णु ने कौसल्या को पूर्व जन्म में ही बता दिया था की त्रेतायुग में वह उनके दवारा इस दुनिया में अवतरित होंगे जिसका साक्षात् भगवान् श्री राम उदाहरण के रूप में इस धरती में पैदा हुए ।
  • रामायण एक संस्कृत महाकाव्य है जिसे महर्षि बाल्मीकि जी ने लिखा है । इसमें कुल 24000 छंद है और 7 अध्याय है ।
  • यदि हम हर 1000 श्लोक के बाद पहला अक्षर चुने तो उसे जोड़ने के बाद गायत्री मन्त्र का निर्माण होता हैं ।

महर्षि बाल्मीकि द्वारा रामायण लिखने की वजह – जीवनी 

जैसा की हमने यह जान लिया है की ramayan ki rachna kisne ki पर आखिर रामायण लिखने का मुख्या कारण और इस काव्य को बाल्मीकि जी को ही क्यों दिया गया जब की उस समय और भी दूसरे महर्षि हुआ करते थे ।

महर्षि बाल्मीकि के माता का नाम आदिति और पिता का नाम महृषि कस्यप था एक पुरानी कथा है की महर्षि बनने से पहले वह रत्नाकर के नाम से जाने जाते थे जो अपने परिवार को पलने के लिए दूसरों को लुटा करते थे । एक बार रस्ते में उनकी मुलाकात नारद मुनि से हुई और उन्हें भी लूटने का प्रयास करने लगे । तभी नारद मुनि ने उनसे सवाल किया की तुम यह लूटने जैसा पाप वाला काम क्यों करते हो तो रत्नाकर ने जवाब दिया की अपने परिवार के पालन – पोषण करने के लिए ।

तब नारद मुनि ने उनसे यह पूछा की  इस पाप के लिए तुम्हारा परिवार भी भागीदार है वो इससे सहमत है तो रत्नाकर ने जवाब दिया हाँ है , और आप चाहे तो घर चलकर इसका प्रमाण भी ले सकते है । नारद जी चलने के लिए तैयार हो गए और घर जाकर जब इस सवाल को उनके परिवार के सामने दुहराया तो किसी ने भी कोई जवाब देने से मन कर दिया क्योंकि कोई भी पाप के साथ जीना नहीं चाहता है और यहीं से रत्नाकर को बहुत बुरा लगा और वो उस दिन से दुसरो को लूटना छोड़ दिए ।

इस तरह नारद मुनि ने बाल्मीकि जी को सत्य और ज्ञान के बारे में महसूस कराया और उन्हें राम नाम जपने का आदेश दिया जिसे वह बोलने में अश्मर्थ थे इसलिए नारद ने उन्हें उस वाक्य को उल्टा करके बोलने को कहा ( मरा ) तो वो इसे बड़े आसानी से बोलने लगे जिसका अर्थ भी राम होता है ।

सबसे पहले रामायण किसे सुनाया गया था (ramayan kisne likha tha-ramayan ke rachyita)

आपको जान कर यह आश्चर्य होगा की सबसे पहले रामायण की कहानी , भगवान् श्री राम को ही सुनाया गया था और उसको सुनाने वाले उनके पुत्र लव और कुश ही थे । कहानी सुनाने के बाद अपने पुत्र से राम ने इस कहानी की बहुत तारीफ भी की थी और उन बालक से उन्होंने इस कहानी के बारे में पूछा की यह कहानी किसकी है । तो लव और कुश ने जवाब दिया की यह आपकी कहानी है । श्री राम ने हँसते हुए जवाब दिया था की नहीं यह मेरी कहानी नहीं है और इसमें जो राम का वर्णन है वह बहुत महान वयक्ति है इसके इतना महान मैं नहीं हो सकता हूँ ।

निष्कर्ष (ramayan kisne likha tha-ramayan ke rachyita)

दोस्तों आपको मेरा यह लेख रामायण के रचयिता या ramayan kisne likhi thi और ramayan ke lekhak kaun hai उम्मीद करता हूँ बहुत पसंद आया होगा जिसमे मैंने ज्यादा से ज्यादा कुछ रोचक तथ्य आपके सामने पेश की है हो सकता है की इसमें से कुछ जानकारी आपको नहीं हो यदि ऐसा है तो अपनी प्रतिक्रिया जो की ramayan ke lekhak kaun hai के बारे में हो सकता है हमे कमेंट के माध्यम से जरूर बताये धन्यवाद ।

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