full form of kyc in bank – फुल फॉर्म ऑफ़ kyc
आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे की kyc ka full form क्या है । kyc का प्रयोग कहा होता है और क्यों ? kyc कराने से हमे क्या लाभ और हानि है और यह किसके लिए जरुरी है ।
kyc full form बताने के साथ मैं आपको या जानकारी दे दूँ की kyc भारत के सभी लोगो के नाम , पता , बायोमेट्रिक पद्धति , मोबाइल नंबर आदि की वेरीफाई कराइ जाती है जिससे यह साबित हो की आप भारत के नागरिक है या नहीं ।
इसके अलावा rbi ( reserve bank of india ) के द्वारा यह नियम लाया गया है की यदि आप ऑनलाइन के माध्यम से किसी भी तरह के कोई शॉपिंग करते है तो आपको kyc वैरिफिकेशन करना बहुत जरुरी है और इसके साथ बैंक में भी नए या पुराने अकॉउंट के लिए यह नियम लागु है ।
बस आप यूँ समझिये की भारत में रहने के लिए और कोई भी वस्तु खरीदने हेतु या नागरिकता साबित करने के लिए kyc कराना आवश्यक है इसलिए तो आप कोई बड़ा काम जैसे कोर्ट – कचहरी या लोन निकलना हो तो भी आपको इसका प्रूव दिखाना ही होगा ।
- kyc ki full form – know you customer
- kyc full form in hindi – अपने कस्टमर को जानो
know your customer के वैरिफिकेशन के लिए एक फॉर्म फइलल करना होता है लेकिन आप किसी ऑनलाइन की मदद से जैसे flipkart , paytm , amazon आदि में रेजिस्टर्ड करना चाहते है तो भी करा सकते है इसके लिए आपको ekyc को भरना होता है जिसके बारे में आपको आगे बताने वाला हूँ ।
kyc meaning in hindi – केवाईसी क्या है ( full form of kyc in bank)
अभी तक अपने यह जान लिया है की किस का मतलब क्नोव योर कस्टमर होता है और इसके नाम से ही हमे इसके मायने क्या हो सकते है इसका मालूम पड़ जाता है ।
kyc एक ऐसी पद्धति है जिसमे किसी भी संस्थान या बैंक द्वारा सही पहचान को पुख्ता करने के लिए उनके पर्सनल डॉक्यूमेंट से मिलान किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है की वह इंसान डोक्युमेंट के नजरिये से सही है या नहीं ।
आपको मैं एक महत्वपूर्ण जानकारी बता दू की भारत में kyc की सुरुवात की घोषणा 2002 में ही कर दी गयी थी और 2004 आते – आते सभी बैंक में इसको , खाता धारक के लिए अनिवार्य कर दिया गया था । इसका मुख्या उद्देस्स्य था मनी लॉन्डरिंग को कम किया जाना , और किसी भी धोका धड़ी और गैर क़ानूनी काम पर अंकुश लगाना था जिसके लिए हर वयक्ति से उसकी पूरी जानकारी की पहचान की जाती है ।
कहीं भी यदि आप kyc वेरीफाई करा तरहे है तो एक बात का ध्यान रखें की यह वन टाइम प्रक्रिया है एवं किसी एक जगह में इसे बार – बार वेरीफाई नहीं किया जाता है यदि आप बैंक में किस करा रहे है तो हो सकता है आपको वह दुबारा kyc वेरीफाई के लिए बुलाये ।
kyc कराने के लिए महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट – दस्तावेज
जब भी आप kyc वारीफिकेशन करने के बारे में सोचते है तो आपके मन में एक सवाल जरूर आता होगा की आखिर kyc के लिए कौन से डॉक्यूमेंट को सबमिट करने होगा । ऑफलाइन हो या फिर ऑनलाइन हो आपको दोनों जगह पर डोक्युमेंट सबमिट करना होता है जिसकी सूचि निचे है –
- dl ( driving licence )
- passport
- pan card
- voter id
- aadhaar card
kyc क्यों कराया जाता है ( full form of kyc in bank)
ऊपर दिए सारे डॉक्यूमेंट में सिर्फ एक को ही जमा करना होता है यदि आपको अभी भी एड्रेस के लिए कोई दूसरा डॉक्यूमेंट मांगने की डिमांड की जा रही है तो उसके लिए आप bank statment , बिजली बिल , बैंक मैनेजर सिग्नेचर आदि का भी अड्रेस प्रोव के तौर पे जमा कर सकते है एक बात और बता दू की सिग्नेचर भी kyc के लिए बहुत जरुरी है ।
किसी भी बैंक , संस्थान , प्राइवेट कंपनी आदि को kyc की जरुरत क्यों पड़ती है , इसको कराने के बाद कस्टमर और संस्था को क्या फायदा होता है यहॉ सब सवाल बहुत सारे लोगो की होती है । किसी भी वयक्ति को जांचने के लिए बैंक या कोई संस्था kyc मांगती है क्योंकि उसे यह मालूम हो जाता है की जिस वयक्ति ने वेरीफाई कराया है वह सही है भी की नहीं ।
कई बार ऐसा भी हुआ की की पैसो की हेर – फेर के वजह से कई मामले केवल kyc के वजह से सलटा लिए जाते है इसलिए इस समस्या से निपटने के लिए kyc को अनिवार्य कर दिया गया ।
यदि अभी भी आप kyc से वंचित रह गए है तो तुरंत जाकर kyc में अपना नाम चढ़ाये नहीं तो इसके वजह से नाही आप कोई shrare market में पैसा लगा पाएंगे और नाही mutual fund का खाता खोलवा सकेंगे इसलिए बेहतर यही होगा की kyc का प्रक्रिया पूरा करे । आप अभी भी असमंजस में है की यह कहीं बार – बार आपसे ना कराया जाये तो इसके लिए निश्चित रहे यह केवल एक ही बार देना होता है ।
KYC FAQS IN HINDI – kyc से जुड़े सवाल
Q- मैंने अभी तक kyc नहीं कराया है लेकिन मैं म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना चाहता हूँ क्या यह संभव है
A- नहीं यह संभव नहीं है क्योंकि बिना KYC ( kyc full form in banking )के म्यूच्यूअल फण्ड आप अपना अकॉउंट नहीं खुला सकते हैं
Q- kyc full name वारीफिकेशन कम्पलीट होने में समय कितना लग सकता है
A- इसमें समय की बात करे तो ऑनलाइन में यह प्रक्रिया एक दिन के अंदर हो जाता है और ऑफलाइन में इसका समय 1 से सात दिन तक का रहता है
Q- शेयर मार्किट में निवेश करने से पहले मैंने एक बार KYC कराया था लेकिन अब मैं दुबारा निवेश करना चाहता हूँ तो क्या फिर से KYC (kyc full meaning) कराना होगा
A- नहीं यदि आप शेयर मार्किट में एक बार यह प्रक्रिया पूरी कर ली तो आपसे दुबारा किसी तरह का कोई KAY कराने की जरुरत नहीं है आप बेफिक्र होकर अपना पैसा श्र मार्केट में इन्वेस्ट कर सकते है
Q- क्या E KYC और KYC (kyc long form)दोनों एक ही है
A- नहीं KYC और EKYC दोनों एक नहीं है बल्कि अलग – अलग है और E KYC के बारे में पुरे विस्तार से निचे बताया गया है
Q- यह कितने दिनों बाद EXPIRE हो जाता है या फिर से इसे RENEW भी कराने की जरुरत है
A- इसका कोई EXPAIRY डेट नहीं है यदि पर्सनल डॉक्यूमेंट में कोई बदलाव किया है तो आपके वो डॉक्यूमेंट KYC के लिए फिर से सबमिट करने होंगे
Q- full form of kyc वारीफिकेशन के समय मोबाइल नंबर भी देना होता है या कौन सा मोबाइल नंबर दे
A- इसमें मोबाइल नंबर भी बेहद जरुरी है और आप वही मोबाइल नंबर दे जो बैंक और आधार से लिंक किये गए हो
e kyc meaning in hindi – E KYC क्या है , E KYC कैसे काम करता है और कहाँ प्रयोग होता है
कुछ साल पहले जब आप मोबाइल सिम लेने हो , लोन लेना हो , बैंक खाता ओपन कराना हो आदि के लिए फॉर्म को भरना पड़ता था फिर उसके बाद लाइन में खड़े होकर उस फॉर्म को जमा करना पड़ता था ।
इसी समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए E-KYC का ऑप्शन इंडिया में लाया गया यह पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर है अथार्त ऑनलाइन के मदद से आप वो सारे फाइनेंसियल काम कर सकते है जैसे बैंक खाता खुलवाना , म्यूच्यूअल फण्ड और शेयर मार्किट में रजिस्ट्रेशन , आदि यह इतनी सुविधा जनक है की आप घर बैठे ये सारे काम कर सकते है ।
- इ केवाईसी क्या – WHAT IS e – KYC
मैंने ऊपर में यह बताया है की kyc का पूरा नाम क्नोव योर कस्टमर होता है तथा इसके अंतर्गत आपको जहाँ जरुरत होती है वहां अड्रेस प्रूव , पहचान पत्र , जनतिथि आदि सारे कागज जमा करने पड़ते है तब जाकर आपका kyc चालू होता है लेकिन यही प्रक्रिया जब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होती है तो उसे e kyc कहते है जिसका पूरा नाम electronic-know your customer होता है
इसका इस्तेमाल इंटरनेट के अध्यात्म से ऑनलाइन ही किया जाता है और इस पुरे प्रक्रिया को e-kyc के नाम से जानते है । इसमें वो तमाम सर्विसेज आती है जो फिनानके और बैंक एवं इ – कोम्मेर्स कंपनी से जुडी हुई है । ekyc के मदद से आप बैंक बिना डॉक्यूमेंट दिए बैंक खता , शेयर मार्किट , म्यूच्यूअल फण्ड आदि में रजिस्टर्ड करा सकते है ।
केवाईसी या इ केवाईसी का उपयोग – uses of kyc or e kyc
वयक्ति के पहचान मिलाने के लिए
kyc या e kyc का सबसे ज्यादा इस्तेमाल भारत के नागरिक के पहचान करने के लिए होता है । व्यक्ति को वेरीफाई के रूप में जैसे मोबाइल सिम का ऑनलाइन आवेदन , रेल टिकट के ऑनलाइन काटने के बाद सफर के दौरान उसके kyc और व्यक्ति द्वारा दी ऑनलाइन जानकारी को मिलाना यह सभी kyc और e kyc के द्वारा ही संभव है ।
बैंक ट्रांसक्शन में ( full form of kyc in bank)
bank में अकॉउंट खुलने से लेकर पैसे की लेन – देन तक , शेयर मार्किट में इन्वेस्ट और अकॉउंट ओपन कराना , इन सभी मामलो में या तो आप मैन्युअल kyc का फॉर्म भर के आवेदन दे सकते है या फिर e-kyc का मदद ले सकते है जो एक प्रकार से कागज रहित प्रोसेस है जो घर बैठे भी किया जा सकता है ।
बैंक खाता बंद होने पर
यदि लेन – देन नहीं होने के वजह से आपका खाता बंद कर दिया गया है तो ऐसी स्थिति में आपको फिर से खाता चालू कराने के लिए kyc का सत्यापन कराना जरुरी है और यह आपके बैंक पर निर्भर करता है की वह आपको किस तरह का सुविधे देती है उसके पास e-kyc की सुविधा है तो आप बैंक जाने से बच सकते है ।
क़ानूनी विभाग में
इस प्रक्रिया के दौरान किसी के समापति तथा दूसरे किसी लाभ के लिए , पुस्टि करने की जरुरत होती है और इसको सही ठहरने के लिए e-kyc की मदद ली जा रही है । आपराधिक मामले में बायोमेट्रिक कराना , डीएनए मैचिंग , आदि यह सभी इ केवाईसी के ही अंश है ।
The ekyc Process in Hindi – इ – केवाईसी का स्टेप्स ( full form of kyc in bank)
- जो भी वयक्ति इस प्रक्रिया में पहली बात गुजरता है तो उसके डॉक्यूमेंट द्वारा होने वाली प्रक्रिया दोनों ( kyc और e – kyc )में सेम रहती है लेकिन एक चीज का अंतर होता है और वो है offline और online . जो प्रक्रिया ऑफलाइन होती है उसको kyc के द्वारा sampurn किया जाता है और जो ऑनलाइन होती है उसे e kyc द्वारा पूरा किया जाता है ।
- सेवा देने वाली कंपनी सबसे पहले उस वयक्ति से e-kyc द्वारा उसकी साड़ी डीटेल को फइलल करने का अनुरोध करती है । जिसमे नाम , पता , नंबर , उम्र , एजुकेशन आदि होता है ।
- इसके आपके इस सभी डिटेल को आधार संख्या से मिलाने के लिए वह uidai जिसका पूरा नाम unique identification authority of india है उसे भेजती है ताकि आपके द्वारा जारी किया गया विवरण को मिलाया जा सके ।
- सब कुछ ठीक रहा तो आपके मोबाइल में एक मैसेज भेजा जाता है जिसे otp के नाम से जानते है जिसका पूरा नाम one time password है । यह चार से 6 अंक का हो सकता है ।
- otp भरने के बाद कुछ समय के लिए आपका सारे डाटा को मिलकर कन्फर्म किया जाता है इसके बाद सब सही रहा तो आपकी पहचान को सही साबित कर दिया जाता है ।
- जैसे ही आपका id e-kyc के द्वारा अप्प्रोव होता है वैसे ही आप उस सेवा के लिए योग्य हो जाते है ।
e kyc के प्रकार – types of e-kyc
यह मुख्या रूप से दो तरह के होते है और ये दोनों इलेक्ट्रॉनिक से जुड़े है ।
- biometric – इसमें हमारे अंगूठे को एक डिवाइस के साथ जोड़ा जाता है जो आधार में दी गयी अंगूठे के निसान से मैच कराती है ।
- otp – यह मोबाइल में एक चार अंक का मसाज भेजकर मिलान किया जाता है ।
kyc और e kyc में अंतर – difference between in kyc and e kyc
- दस्तावेज
kyc पद्धति में अपने आप को साबित करने के लिए आपको कई तरह के दस्तवेज का जुगाड़ करना होता है और हस्ताक्षर करने होते है लेकिन e – kyc में ऐसा नहीं करना होता है बस नॉमिनल डॉक्यूमेंट को अपलोड करके आप e kyc वेरिफिकेशन आसानी से करा सकते है । इसके लिए आपको आधार और pan कार्ड बहुत जरुरी है ।
- समय का बचत ( full form of kyc in bank)
बहुत सारे डॉक्यूमेंट को कॉपी करना , फोटो की वयवस्था करना , हस्ताक्षर करना आदि में बहुत वक़्त लग जाता है इसलिए हमे kyc को पूरा करने में ज्यादा समय देना होता है लेकिन e kyc में ऐसा नहीं है यहाँ सब इलेक्ट्रॉनिक होने के वजह से आपके दवारा जमा किये गए सारे डॉक्यूमेंट वह ऑनलाइन के माध्यम से जूता लेता है ।
- खर्च के मामले में
बहुत सारे डॉक्यूमेंट को कॉपी करना और साथ में फोटो भी जमा करना होता है इन सबमे पैसे खर्च होते है लेकिन e kyc प्रोसेस जो की ऑनलाइन होता है इसलिए आपको केवल फिंगर प्रिंट या फिर otp से काम हो जाता है ।
- ऑटो फइलल की सुविधा
विभिन्न प्रकार की सुविधा को पाने के लिए जब आप kyc करते है तो आपके फिर से सारे इनफार्मेशन भरना होता है जबकि e – kyc में ऐसा नहीं है वह आपके डॉक्यूमेंट को ऑटोफिल फंक्शन के दवारा खुद ही भर लेता है ।
- गलती की गुंजाइस ( full form of kyc in bank)
kyc प्रक्रिया के मुक़ाबले e kyc में कोई गड़बड़ी होने की गुंजाइस नहीं होती है क्योंकि kyc में हमे मैन्युअल सारे डिटेल भरना होता है जबकि e kyc ऑटोमॅटिक है ।
धन्यवाद