e mail ka avishkar kisne kiya-ई मेल का आविष्कार किसने किया
क्या आपको पता है की e mail का अविष्कार एक भारतीय वैज्ञानिक ने किया था और वो सिर्फ एक छोटे सी उम्र में और उस उम्र के लोग अपना फोकस सिर्फ पढाई में राखत है ।
इसलिए मैं आज आपको उनके और email का अविष्कार कब हुआ इसके बारे में पूरी डिटेल के साथ चर्चा करनेवाला हूँ जिससे आपको भी मेरे द्वारा सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकें । उम्मीद है किआपको ईमेल के बारे में जरूर पता होगा जिसमे हम अपनी सारी डिटेल जैसे ,नाम, पता , एड्रेस आदि को फील करते है तभी हमे ईमेल को सर्फिंग करने का मौका मिलता है बिना रजिस्टर्ड किया आप ईमेल का इस्तेमाल नहीं कर सकते है ।
email का आविष्कार किसने किया? इसका जवाब के रूप में एक भारतीय वैज्ञानिक है जिनका नाम वि ए शिवा अय्यादुराई है उन्होंने इसपर काम बहुत पहले ही सुरु किया था और 1978 में उनको पहली सफलता मिली थी लेकिन चूँकि वह अमेरिका में अपनी पूरी पढ़ाई कर रहे थे तो उनको अमेरिका सरकार द्वारा उनके द्वारा किये गए अविष्कार को मान्यता 1982 को मिली थी ।
1982 में अमेरिका में इन्होने अपने ईमेल का कॉपीराइट कराया था । एक रिपोर्ट के अनुसार उस समय कॉपीराइट को ही एकपटनेट के सामान ही मन जाता था क्योंकि किसी भी सॉफ्टवेयर की अविष्कार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं था । अय्यादुराई ने अपने इस काम के लिए 1981 में अपने स्कूल में सीनियर बैच के लिए वेस्टिंहाउस साइंस टैलेंट सर्च अवार्ड भी जीता था और यह अवार्ड अब अमेरिका के अब स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन नेशनल म्यूजियम ऑफ अमेरिकी हिस्ट्री पास सरंक्षित है ।
वि ए शिवा अय्यादुराई – इंटरव्यू ( बायोग्राफी )
अब मैं आपको एक इंटरव्यू के बारे में बताऊंगा जो कहीं पर मैंने पढ़ा था और और मुझे काफी पसंद भी आया इसलिए सोचा की की न इस इंटरव्यू को अपने सामने पेश किया जाए जो की उस समय में अविष्कार करना जब किसी तरह की कोई ख़ास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं थी फिर एक ईमेल जैसे बड़े टॉपिक को चुनकर उसपर काम करना जिसे बनाने के लिए बहुत बड़े इंटरफ़ेस की जरुरत और लोगो की सुविधा के अनुसार उसे डिज़ाइन करना एक चलेंगे से कम नहीं है ।
मैं भारत में किसानों के परिवार से सम्बन्ध रखता हूं और मेरी दादी भी एक किसान थीं। मेरी माँ भी एक ‘अछूत’ जाति के परिवार से आने के बाद भी खुद को शिक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत किया था । मेरे पिता भारत की आज़ादी के युद्ध में बड़े हुए और ग्यारह साल की उम्र तक पढ़ना या लिखना नहीं सीखा। जब मैं अपने परिवार के साथ 1970 में मात्र 7साल की उम्र में संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए तो मैं पढाई में कुछ अच्छा करने का इच्छुक था। जब भी मैं भारत गया, मुझे एहसास हुआ कि मुझे जो भी अवसर मिला है, वह मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है और तभी से मैं दुनिया को बदलने के लिए प्रेरित हुआ।
यदि आप 1978 की दुनिया की कल्पना करें की उस समय कोई पीसी, कोई स्मार्टफोन और कोई लैपटॉप नहीं था और एक सामान्य व्यक्ति के पास कंप्यूटर तक पहुंच नहीं थी। जिन लोगों को इसका उपयोग करने के लिए मिला, वे लोग बहुत आमिर थे या फिर वह सिस्टम विश्लेषक, प्रोग्रामर, आदि और उन्होंने इसका उपयोग केवल डेटा प्रोसेसिंग के लिए किया था।
ईमेल – idea kaha se mila (e mail ka avishkar kisne kiya)
स्टीव जॉब्स ने कंप्यूटर बनाने से पहले, लोगों को अपने – अपने कंप्यूटर बनाने थे। उन्हें हर भागों को अलग से खरीदना और इकट्ठा करना था। यही मैकिन्टोश क्रांतिकारी बन पाया था । यह लाखों लोगों के लिए सुलभ था और ईमेल ने कंप्यूटर को लाखों लोगों आपस में जोड़ा था और यही मैंने आविष्कार किया।
यह विचार साधारण रूप से सुर से लेकर अंत तक उपयोगकर्ता के लिए संचार को सुलभ बनाने के लिए था। यह सिर्फ टेक्स्ट मैसेजिंग को सुलभ नहीं बना रहा था और यही वे कर रहे थे। हमारी लगभग सौ अलग-अलग तरह की प्रमुख विशेषताएं थीं। उदाहरण के लिए एक वयक्ति ईमेल पर तब तक नहीं जाएगा जब तक कि उसमें वह सभी सुविधाएँ न हों जिसका वह उम्मीद रखता है जैसे की इनबॉक्स, आउटबॉक्स, एड्रेस बुक और एक रीसायकल फ़ोल्डर ।
दी जानेवाली इन सभी सुविधाओं को आपस में जोड़ने की जरूरत थी और ईमेल इंटरकनेक्टेड भागों की एक प्रणाली है। यह एक इंजन बनाने जैसा एक्सपीरियंस था।चौदह साल की उम्र में, मुझे उस तकनीक तक कोई पहुंच नहीं थी, उनके किसी भी हिस्से का मैंने अभी तक उपयोग नहीं कियाऔर इसी को सामने लाने की जरूरत है। ईमेल को लाने के लिए हमें उनके किसी खास सामान की आवश्यकता नहीं थी और साथ में हमें इंटरनेट की भी ज्यादा जरूरत नहीं थी।
email me login kaise kare
सबसे पहले आप या तो गूगल में जाकर email टाइप करके सर्च करे या फिर इस साइट https://www.mail.com/ के द्वारा भी ईमेल में अपना नया अकॉउंट बना सकते हैं । फिर आपको ऊपर दाहिने तरफ दो ऑप्शन नजर आएंगे जिसमे पहला create और दूसरा login का होगा यदि आप इसमें पहले से अपना अकॉउंट बना रखा है तो लॉगिन सेक्शन में जाकर भी user id और password डालकर इस सर्विस का आनंद उठा सकते हैं नहीं तो आपको कोई नया अकॉउंट ओपन करना है है तो create ऑप्शन का चुनाव करे ।
यदि कोई अपना नया email बनाना चाहते है तो उसे भी बना सकते हैं लेकिन मैं आपको यहाँ एक बात बताना चाहूंगा की ईमेल में पाना नया id बनाने से पहले सही यही होगा की आप gmail कोई नया ईद बनाये क्योंकि email का चलन गूगल के आने से पहले बहुत ज्यादा था लेकिन जैसे ही गूगल ने इंटरनेट की दुनिया में कदम रखा उसके बाद से gmail का प्रभाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है और इसके सबसे ज्यादा यूजर भी है और इसमें रजिस्टर्ड करना भी बहुत आसान है इसके लिए आपको केवल कुछ डिटेल भरने होंगे और कुछ मिनटों में आपका अकॉउंट ओपन हो जायेगा ।
निष्कर्ष
उम्मीद है की आपको मेरा छोटा सा इनफार्मेशन email ka avishkar kisne kiya खूब पसंद आया होगा जिसमे मैंने email के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी आपके सामने पेश करने की कोसिस की है यदि पसंद आये तो हमे कमेंट के जरिये जरूर बताएं धन्यवाद ।