welding kitne prakar ki hoti hai

welding kitne prakar ki hoti hai

वेल्डिंग आज के समय में सभी जगह किया जाता है, चाहे वह एक छोटा सा उपकरण बनाना हो या बड़ा विमान वेल्डिंग करना हो जहां भी दो धातुएं या अधिक एक दूसरे या एक धातु के संयुक्त में जोड़ा जाता है, हमेशा वेल्डिंग में उपयोग किया जा रहा है अथार्त  वेल्डिंग की परिभाषा : –

what is welding in hindi

जिस प्रकार ज्यादा तापमान पर दो धातुओं के टुकड़े को गर्म एक दूसरे के साथ जोड़ा जाता है उसे वेल्डिंग कहा जाता है । लेकिन सभी धातुओं पर एक ही प्रकार के वेल्डिंग का उपयोग नहीं किया जा सकता है, इसलिए विभिन्न प्रकार के वेल्डिंग का उपयोग विभिन्न धातुओं और विभिन्न स्थानों पर उपयोग करने के लिए किया जाता है।

वेल्डिंग दो तरह की होती हैं 

  • आर्क वेल्डिंग
  • गैस वेल्डिंग

arc welding in hindi

इस प्रकार के वेल्डिंग में बिजली की मदद से, इलेक्ट्रिक आर्क्स इलेक्ट्रोड और बुनियादी सामग्रियों के बीच वेल्डिंग बिंदु पर पिघलाए जाते हैं और इलेक्ट्रिकआर्क    पिघल कर वेल्डिंग पॉइंट पर सट जाती हैं और उसके बाद पिघला हुआ धातु ठंडा होने के बाद मजबूत हो जाता है। वेल्डिंग शुरू करने के लिए आर्क पर चोट मारा  जाता हैं इस्पे सटाने  के दो तरीके हैं।

 

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welding marne ka tarika

पहला स्क्रैच के द्वारा दूसरा तरीका स्टार्ट टैप करना है जहां इलेक्ट्रोड वेल्डिंग पॉइंट से जुड़ा हुआ है। और जब तक इलेक्ट्रोड नीचे से सीधे नहीं होता है, तब तक टैप किया जाता है और इसके बाद वेल्डिंग शुरू होता है।

वेल्डिंग सुरु करने के लिए इलेक्ट्रिक ट्रांफॉर्मर की जरुरत होती हैं जो लौ वोलटेज और  लौ एम्पेयर  को हाई एम्पेयर  में कन्वर्ट कर देता हैं और हमे वेल्डिंग करने के लिए हाई एम्पेयर की अव्सय्कता पड़ती हैं और इसके लिए हमे ac सप्लाई की जरुरत होती हैं ।

gas welding in hindi

यह बहुत ही महत्वपूर्ण वेल्डिंग प्रक्रिया मानी जाती हैं और इसमें ऑक्सीजन की सहायता से आग में  तेजी लायी जाती है जिससे आग का टेम्प्रेचर इतना हाई हो जाता हैं की जो फिलर पदार्थ को पिघला देता हैं एवं इस प्रकार उस जोड़ को वेल्डिंग करके चिपका दिया जाता है ।

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इसके मुख्या उपकरण इस प्रकार हैं

  • oxygen  सिलेण्डर
  •  एसीटिलीन cylinder
  •   मैनीफोल्ड सिलेण्डर
  •  ह्य्द्रौलिक  back pressure valve
  • flash back arrester
  • gas शुद्धक
  • security वाल्व
  •  gas regulator
  • हौज pipe
  •  blow पाइप
  • लाइटर
  • cylinder ट्रॉली

ऑक्सीजन सिलिंडर

वैसे तो हम सभी जानते हैं की ऑक्सीजन गैस आग को तेज करने में मदद करती हैं और कम तीरवता वाले आग में वेल्डिंग करते समय हमे नहीं कर सकते हैं इसलिए ऑक्सीजन का उपयोग हम वेल्डिंग करने के लिए करते हैं ताकि आग की स्पीड को बढ़ाया जा सके ।

प्रेशर  रेगुलेटर

वेल्डिंग की मशीन में बहुत ज्यादा गैस और आग का दबाव होता है इसलिए इन दोनों सिलिंडर में हम एक प्रेशर रेगुलेटर का इस्तेमाल करते हैं जिससे वेल्डिंग करते वक़्त हमे जितनी भी प्रेशर की जरुरत होगी

वो इसके रेगुलेटर को कंट्रोल करके ले सकते हैं इसका एक सबसे बड़ा फयदा यह है की इसके कंट्रोल के द्वारा हम अपनी गैस और ऑक्सीजन की बचत भी कर सकते हैं । अमूमन हमे वेल्डिंग करते समय रेगुलेटर को oxygen cylinder के लिए 10से 105kn/m2 प्रेशर पर रखना होता हैं और गैस के लिए 60 से 140kn/m2 पर रखना पड़ता हैं ।

गैस  सिलिंडर

किसी भी मेटल को पिघलाकर जोड़ने के लिए हमे आग की जरुरत पड़ती हैं इसलिए हम गैस सिलिंडर में ज्यादातर नेचुरल गैस या हाइड्रोजन गैस का प्रयोग करते हैं । मेटल  के आधार पर भी हम गैस का चुनाव करते है जैसे की यदि मेटल  यदि हार्ड ऑक्सी एसिटिलीन गैस का सबसे ज्यादा प्रयोग करते हैं ।

वेल्डिंग गैस कैसे स्टार्ट करे (welding kitne prakar ki hoti hai)

सबसे पहले गैस सिलिंडर और ऑक्सीजन सिलिंडर को अच्छी तरह से चेक कर ले की कहीं से भी लीकेज तो नहीं हैं फिर इसके बाद प्रेशर रेगुलेटर को भी चेक करे और उसे अपनी जरुरत के हिसाब से सेट कर ले और यह प्रक्रिया दोनों में करे ।

फिर इसके बाद स्ट्राइकर से आग लगाए । अब सबसे आगे छोर से निकल रही फ्लेम को अपनी जरुरत या फिर उसमे दिए गए कंट्रोलर से नेचुरल फ्लेम , ऑक्सीडीजिंग फ्लेम या कार्बुरूजींग फ्लेम पर सेट करे और वेल्डिंग करना सुरु कर दे ।

सावधानिया ,

  • वेल्डिंग करते समय अपने आस पास कोई भी जलने वाली वस्तु को ना रखें जैसे पेट्रोल , माचिस , किरासन तेल आदि को ना रखें ।
  • सिलिंडर को खोलने के लिए हमेशा उसके चाबी का प्रयोग करे नहीं तो उसके लोक वाले सेक्शन में लीकेज की शिकायत आ सकती हैं ।

वेल्डिंग जॉइंट कितने तरह के होते हैं 

वेल्डिंग करते समय हमेशा एक सामान ज्वाइन नहीं हो सकते है इसलिए जहाँ जैसा जरुरत हो वैसा ही जॉइंट करके उस वस्तु को जोड़ा जाता हैं इसलिए इसके आधार पर हम जॉइंट को भी कई हिस्से में बाँट सकते हैं लेकिन सबसे ज्यादा जो जॉइंट का उपयोग होता हैं

उसी को हमने आपके सामने लाने की कोसिस की है इससे हमे एक सबसे बड़ा फायदा यह हैं की इसको जान लेने से और इसे अप्लाई करने पर समय की बचत होती हैं इसलिए आप भी इस नियम को जरूर अपनाये ।

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  • टी जॉइंट
  • एज जॉइंट
  • कार्नर जॉइंट
  • बट जॉइंट
  • लैप जॉइंट

निष्कर्ष 

उम्मीद है की मेरा यह छोटा सा हेल्पफुल इनफार्मेशन welder in hindi पको खूब पसन् आया होगा जिसमे मैंने वेल्डिंग कैसे की जाती है उसके बारे में बेसिक जानकारी आपको सरल भासा में बताने की कोसिस की है यदि पसंद आया तो हमे कमेंट जरूर करे धन्यवाद ।

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