electrical house wiring in hindi pdf
home wiring diagram in hindi
क्या आप home wiring kaise kare सीखना चाहते हैं लेकिन आपको कोई सही रास्ता नहीं मिल रहा जो बिलकुल सिंपल तरीके से आपको बता सकें की आखिर में home wiring kaise kiya jata hai तो आप घबराये नहीं मैं आपको एकदम सिंपल तरीका बताने वाला हूँ ।
मैं आपको इस आर्टिकल में house wiring से जुडी वो सारी जानकारी देनेवाला हूँ जो वायरिंग करने के दौरान आपके बहुत ही काम आ सकते हैं और साथ में SWITCH , इंडिकेटर , 2 way swtich , INVERTER CONNECTION आदि सभी के बारे में मैं आपको आज बताऊंगा ।
सबसे पहले हम वायरिंग में काम आनेवाले मुख्या पुर्जो के बारे में बात करेंगे जिससे आपका बेसिक मजबूत होने के साथ आपका इंस्टाल करते वक़्त भी सब कुछ पहले से पता रहे की कौन सा पुर्जा कहाँ लगेगा
उसका कनेक्शन क्या होगा और साथ में ELECTRIC BOARD में उसे कहाँ फिक्स करेंगे आदि तो चलिए house wiring kaise kare इसको जानने की कोसिस करते हैं ।
HOME WIRING दो तरह से किये जाते हैं पहला इंटरनल वायरिंग है जो दीवाल के अंदर से होता हैं जिसमे तार नजर नहीं आते हैं और दूसरा बिट वायरिंग होता है जो WALL के बाहर होता है जिसमे केवल एक बिट को दीवाल पर सेट करके उसके अंदर से तार दौड़ाया जाता हैं
इसमें मेहनत थोड़ा कम लगता हैं और यह काम आसानी से भी हो जाता हैं ।आज के समय में ज्यादा तर BIT WIRING ही काम आते हैं क्योंकि INTERNAL WIRING थोड़े कॉस्टली होने के वजह से और इसका ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण लोग इसे ज्यादा तबज्जो नहीं देते हैं
Table of Contents
होम वायरिंग इन हिंदी – home wiring in hindi
वायर – wire |
वायरिंग के लिए हम अधिकत्तर चार तरह के तार का प्रयोग करते हैं जिसमे लाल , काला , ब्लू और हरा हैं और इन चारों का उपयोग अलग – अलग कनेक्शन के लिए करते हैं जैसे की –
लाल तार – इस तार का प्रयोग हम फेज के लिए करते हैं जिसमे करंट बहती हैं और यदि इसमें आप इलेक्ट्रिक टेस्टर से टच करेंगे तो टेस्टर जलना चाहिए । घर के एक रूम में लोड जैसे 2 से 3 लाइट , एक पंखा , एक टीवी , आदि हो तो 1.5 से 2.5 mm वायर भी चुनते हैं तो वायरिंग करने के लिए काफी हैं ।
ब्लैक वायर – इस रंग के तार को न्यूट्रल की तरह उपयोग किया जाता हैं या कही पर इसे ठंडा तार के नाम से भी जाना जाता हैं और इस तार को बोर्ड में तभी कनेक्शन करेंगे जब हमे कोई 5 पिन सॉकेट को इनस्टॉल करना हों ।
मान लीजिये की हमे कोई पंखे का कनेक्शन करना हैं तो उसके न्यूट्रल को सीधे ब्लैक वायर से जोड़ेंगे और इसके दूसरे तार को बोर्ड में स्विच में जोड़ने के लिए भेजेंगे ।
ग्रीन तार – यह तार ग्राउंड या अर्थ के लिए दिया जाता हैं घरों में इस तार का प्रयोग कम ही होता हैं ।
ब्लू तार – यह तार इन्वर्टर के लिए होता हैं यदि आप वायरिंग करते समय इन्वर्टर का भी कनेक्शन साथ में कर रहे हैं तो इस रंग के तार को इन्वर्टर के लिए चुन सकते हैं और साथ में मैं आपको इस आर्टिकल में INVERTER CONNECTION और WITHOUT INVERTER CONNECTION दोनों का डायग्राम बताने वाला हूँ ।
स्विच – switch
इसके बारे में मैं आपको बताना चाहता हूँ की इसका कनेक्शन सीरीज की तरह किया जाता हैं यहाँ ध्यान देनेवाली बात यह हैं की कभी भी न्यूट्रल का कनेक्शन इसमें नहीं करे जब भी करे तो फेज को ही इसमें जोड़े और हम जानते हैं की स्विच में दो पॉइंट होते हैं एक में आप फेज को जोड़ सकते हैं और दूसरे में डिवाइस ( led bulb , fan , TV , FRIDGE , AC , )के वायर को जोड़ना होता हैं ।
वैसे तो स्विच का कनेक्शन नार्मल 6 AMPERE का होता हैं जिसमे पंखा लाइट टीवी आसानी से चलाया जा सकता हैं लेकिन यदि लोड ज्यादा हैं जैसे की कोई फ्रिज , वाटर हीटर , आयरन आदि को चलना है तो 16 एम्पेयर का स्विच इनस्टॉल करने की कोसिस करे क्योंकि 6 एम्पेयर के ज्यादा लोड पर नार्मल स्विच ज्यादा दिन काम नहीं करेगा ।
सॉकेट – 5 pin socket |
यह फाइव पिन का होता है जिसमे हम अपना मोबाइल चार्ज करते हैं और यह भी नार्मल में 6 एम्पेयर का होता है लेकिन यदि आप ज्यादा लोड वाला कोई डिवाइस चला रहें हैं तो , स्विच की तरह इसे भी 16 एम्पेयर में प्रयोग करे क्योंकि ज्यादा लोड मिलने से 5 पिन सॉकेट बहुत जल्दी खराब होते हैं ।
इसको कनेक्शन करते समय एक बात का ध्यान जरूर दे की कभी भी फेज को बाए तरफ नहीं जोड़े और न्यूट्रल को कभी भी दाए तरफ मत जोड़े हमेशा उसको सही दिशा में जोड़े और इसकी पहचान के लिए सभी तरह के सॉकेट में न्यूट्रल और फेज के निसान बने होते हैं जिसे आप देखकर भी न्यूट्रल और फेज को सही जगह पर जोड़ सकते हैं ।
टू वे स्विच – two way switch
इस स्विच का ज्यादातर इस्तेमाल रूम के लोड को इन्वर्टर या फिर लाइन में बदलने के लिए किया जाता हैं । यह देखने में बिलकुल स्विच की तरह होता हैं लेकिन इसके 3 पिन होते हैं जिसके ऊपर और निचे लाइन और इन्वर्टर को जोड़ते हैं और बिच में कॉमन होता हैं जिसमे घर के सारे लोड को जोड़ते हैं ।इसको लगाने के सबसे बड़ा फायदा यह हैं की लाइन के चले जाने के बाद आपको किसी डिवाइस को बाटना नहीं पड़ता हैं ।
( किस लाइट को INVERTER पर रखें किस लाइट को लाइन पे रखें ) . लेकिन एक बात का दिन जरूर रखना होता हैं की इन्वर्टर के क्षमता के हिसाब से ही हमे इसके कनेक्शन को बाटना पड़ता है जैसे किसी बोर्ड में आयरन का कनेक्शन करना है तो उसे हम कम पावर इन्वर्टर में नहीं चला सकते है इसलिए बोर्ड में अलग से फाइव पिन सॉकेट लगाकर उसको लाइन के साथ जोड़ना होता हैं ।
इंडिकेटर – indicator |
INDICATOR को लाइन है या नहीं है इसका पता लगाने के लिए हम बोर्ड में इसको लगाते हैं और इससे ज्यादा और कोई काम इसका नहीं होता है इसलिए इसे हम डायरेक्ट फेज और न्यूट्रल में जोड़ देते हैं । इसका कनेक्शन सबसे सिंपल होता हैं और किसी भी तरफ न्यूट्रल और फेज समझकर इसका कनेक्शन आप कर सकते हैं ।
आपकी जानकारी के लिए बता दू की एक इंडिक्टर सिर्फ एक घंटे में 1 से 5 वाट तक का बिजली खपत करता हैं यदि बोर्ड ज्यादा है तो कम से कम इंडिकेटर को लगाने का कोसिस करे नहीं तो आप जिसके घर में वायरिंग कर रहे वहां से कुछ दिनों में बिजली ज्यादा खपत होने के शिकायत आ सकती है ।
mcb(electrical house wiring in hindi pdf)
ग्रिड से आ रहे फेज और न्यूट्रल सबसे पहले हम mcb में ही जोड़ते हैं तब जाकर mcb के दूसरे छोर से घर में सप्लाई को भेजते हैं इससे हमारा घर में लगा सारा डिवाइस सुरक्षित हो जाता है और साथ में वायर भी शर्त होने से बच जाते हैं मान लीजिये की किसी भी कारण से कोई वायर में शर्टिंग आता हैं तो हमारा mcb गिर जायेगा ।
इसलिए यदि आपको भी कनेक्शन के समय कोई गड़बड़ी लग रही है तो mcb का इस्तेमाल करके सप्लाई दे इससे कहीं शार्ट भी होगा तो mcb गिर जायेगा और आपको गड़बड़ी को ठीक करने का मौका भी मिल जायेगा ।
जब भी आप मेन बोर्ड में mcb का प्रयोग करे तो न्यूट्रल और फेज दोनों के लिए mcb का प्रयोग करे जिससे यदि फ्यूचर में कभी भी न्यूट्रल या फिर फेज की तरफ कोई शॉर्टिंग होती हैं तो mcb गिर जायेगा यदि आप एक mcb का इस्तेमाल करेंगे तो mcb तभी वर्क करेगा जब उस तरफ में कोई शर्टिंग होगी अन्यथा mcb नहीं गिरगा ।
फ्यूज – fuse |
इसका इस्तेमाल बोर्ड में आनेवाले शॉर्टिंग से बचने के लिए करते हैं और इसका कनेक्शन सबसे पहले किया जाता हैं तभी किसी ELECTRIC DEVICE के वायर को हम इसमें जोड़ पाते हैं इसलिए इसमें हमेशा फेज को ही जोड़ने की कोसिस करे ताकि कभी कोई शॉर्टिंग हो तो बोर्ड से फेज का कनेक्शन कट हो जाए और किसी को करंट लगने का नौबत ना आने पाए ।
house wiring kaise kare hindi
इन्वर्टर कनेक्शन के साथ इलेक्ट्रिक बोर्ड का वायरिंग (electrical house wiring in hindi pdf)
इसमें हमे 2 वे स्विच की अवस्य्क्ता होती है जिससे हम लाइन और इन्वर्टर के कनेक्शन को अलग – अलग भागों में बाँट सकते हैं । मान लीजिये की जिस रूम में हमे इलेक्ट्रिक बोर्ड को इनस्टॉल करेंगे
वहां एक पंखा और एक लाइट का कनेक्शन है और MOBILE CHARGE करने के लिए एक सॉकेट को जोड़ना है । उस रूम में तीन तार को लाना जरुरी होगा जिसमे पहला फेज का , दूसरा न्यूट्रल और तीसरा इन्वर्टर का तार होगा ।
सभी स्विच के पहले छोर को एक में मिलाकर उसके कनेक्शन को TWO WAY SWITCH के बिच ( कॉमन ) में जोड़ देंगे । अब पहले स्विच के तार को led bulb के तार में जोड़ेंगे और दूसरे स्विच के तार को पंखे के साथ कनेक्ट कर देंगे और अंत में तीसरे स्विच को फाइव पिन सॉकेट में जोड़ देंगे
3 switch 2 socket connection diagram
अब इंडिकेटर को जोड़ने के लिए उसे डायरेक्ट फेज और न्यूट्रल से दो तार को लेकर कनेक्ट कर देंगे इसके बाद ग्रिड से आ रहे फेज को सबसे पहले फ्यूज में जोड़ेंगे फिर उसके बाद फ्यूज के दूसरे छोर को 2 वे के ऊपर की तरफ कनेक्ट कर देंगे और 2 वे के निचे वाले सिरे में इन्वर्टर को जोड़ेंगे
इस तरह हमारा सर्किट पूरा हो जायेगा जब हमे इन्वर्टर पर पुरे रूम का कनेक्शन करना होगा तो 2 वे स्विच को निचे की तरफ कर दे और लाइन में करने के लिए ऊपर कर दे
बोर्ड में फाइव पिन के n साइड में न्यूट्रल जोड़े और led एवं पंखे के दूसरे वायर को बाहर में ही न्यूट्रल में जोड़ दे
बिना इन्वर्टर के इलेक्ट्रिक बोर्ड वायरिंग कनेक्शन
अब मैं आपको बिना इन्वर्टर वाले कनेक्शन के बारे में बताता हूँ जिससे आपको वायरिंग के बारे में सबकुछ समझ आ जायेगा । सबसे पहले स्विच के सभी एक छोर को आपस में एक बिना इंसुलेटेड वाले तार से कनेक्ट कर ले फिर इस तार में फ्यूज के दूसरे छोर आ रहे फेज को जोड़ ले ।
अब ग्रिड से आ रहे न्यूट्रल और फेज को इंडिकेटर से कनेक्ट कर ले और इसके बाद फेज को फ्यूज में जोड़ ले , अभी हमे फाइव पिन सॉकेट में न्यूट्रल को जोड़ना है इसके लिए आप चाहे तो इंडिकेटर के न्यूट्रल से भी कनेक्शन दे सकते है या फिर अलग से न्यूट्रल वायर बनाकर भी फाइव पिन में जोड़ सकते है ।
अभी हमे led बल्ब और पंखा को न्यूट्रल कनेक्शन देना है जिसके लिए आपको ग्रिड के न्यूट्रल के पास उन दोनों के न्यूट्रल वायर को लाना होगा या फिर यदि न्यूट्रल वायर उसके पास से गुजर रहा है तो वही पर न्यूट्रल को छीलकर जोड़ दे इससे आपको ज्यादा तार भी लगगने की जरुरत नहीं होगी और कुनेक्शन भी हो जायेगा ।
इस तरह से without inverter electric board connection कम्पलीट हो जायेगा और जब भी कोई स्विच को ऑन करेंगे तो उससे जुड़ा डिवाइस चालू हो जायेगा ।
यदि बोर्ड में केवल स्विच है तो इसमें कभी भी न्यूट्रल तार को इनस्टॉल ना करे क्योंकि बोर्ड में जब कोई इंडिकेटर या फिर सॉकेट होगा तभी न्यूट्रल वायर आएगा अन्यथा नहीं आएगा इसलिए वायरिंग करते समय इस बात का ध्या जरूर रखे ।
वायरिंग के दौरान यदि हमे किसी गलियारे में या फिर बाथरूम जब वायरिंग करना होता है तो वहां हमे इंडिकेटर और फाइव की जरुरत नहीं पड़ती है सिर्फ लाइट का ही कनेक्शन करना होता है।
4 switch 1 socket connection diagram
bijli ka board banane ka tarika
light fitting karne ka tarika(electrical house wiring in hindi pdf)
- कभी भी न्यूट्रल का कनेक्शन फ्यूज में और स्विच में ना करे
- मान लीजिये की जहाँ आप वायरिंग कर रहें है वहां 3 से 4 रूम है तो इस स्थिति में जैसे – जैसे सभी रूम की वायरिंग पूरी होगी वैसे ही उसे चेक भी करते चले जाए जिससे आपको एक कन्फोर्मशन मिल जाए की जिस रूम को अपने चेक किया है उसमे किसी तरह का कोई गड़बड़ी नहीं है ।
- तार में ठंडा गरम का पता लगाने के लिए टेस्टर का प्रयोग जरूर करे ।
- स्विच को एक में कनेक्शन करते समय आप अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी पिन का चुनाव कर सकते है लेकिन वो तीनो में से होने चाहिए ।
- यदि आप इन्वर्टर वाला कोई इलेक्ट्रिक बोर्ड बनाना चाहते है तो 2 वे स्विच में लाइन और इन्वर्टर कनेक्शन के लिए बीचवाले पिन को छोड़कर कोई भी पिन चुन सकते हैं ।
- यदि आप एक और फाइव पिन कनेक्शन बढ़ाना चाहते है तो मेरे द्वारा बताये गए कनेक्शन के हिसाब से एक और फाइव पिन सॉकेट बना सकते हैं ।
FAQS-electrical house wiring in hindi pdf
हाउस वायरिंग टूल्स क्या है?
टेप , वायर कटर ,पेचकस , पिलास ,टेस्टर ,सीरीज बल्ब , मल्टीमीटर ,
दीवारों में तार कैसे चलाए जाते हैं?
दिवार के अंदर जो तार बिछाए जाते है उसके लिए दिवार में पहले पाइप के अकार में होल किये जाते हैं और उसके बाद उस पाइप को वहाँ फिट किया जाता हैं फिर उसके अंदर वायरिंग के तार को किसी मोटे लोहे के तार के मदद से अंदर फिट किया जाता हैं .
तार को कैसे पहचाने?
अमूमन सबसे अधिक लाल टार का उपयोग पॉजिटिव या गर्म के लिए किया जाता हैं और काले तार का उपयोग नेगेटिव या ठंडे के लिए किया जाता हैं . ब्लू इन्वर्टर के लिए , ग्रीन अर्थ के लिए
तार क्यों गर्म हो जाता है?
जब आप किसी पतले तार में उसके क्षमता के विपरीत कोई लोड चलाते है जिसका एम्पेयर बहुत जायदा होता है तो वह तार उसके लोड को सहन नहीं कर पाता हैं जिससे वह गर्म हो जाता हैं.
intraday trading book in hindi pdf
निष्कर्ष (electrical house wiring in hindi pdf)
आपको मेरा यह आर्टिकल ghar ki wiring kaise kare या house wiring pdf in hindi या घर की वायरिंग कैसे करें कैसा लगा हमे कमेंट के द्वारा जरूर बताएं जिससे हमे इस तरह के आर्टिकल को लिखने में काफी मदद मिलती हैं और इसी वजह से हम आपके सॅमने इतना हेल्पफुल आर्टिकल ला पाते हैं और अभी भी आपके मन में कोई सवाल है तो हमसे पूछ सकते है जिसका जवाब तुरंत देने की कोसिस की जाएगी धन्यवाद ।
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maine website ke sabse niche pdf link diya hun yadi nahi mila to apko maile ke dwara iska pdf bhej diya jayega
Please sir, send me this pdf
maine apke mail par pdf sent kar diya hai isliye is pdf ko prapt karne ke liye apna mail jaarur check kare
Pdf nahi mil raha hai
maine pdf ake gmailpar bheja hai apna gmail chek kare
अंकित जी इतने हेल्पफुल आर्टिकल के लिए आपका धन्यवाद।मेरा सवाल ये है की अगर किसी रूम में 3—4 न्यूट्रल जाते हो जैसे कि बल्ब, tv, fan, 5pin shoket के लिए तो इनके लिए न्यूट्रल की वायर अलग अलग वायर MCB board से लाना होगा या फिर सिर्फ 1 वायर में सभी के लिए न्यूट्रल जोड़ना होगा। और अगर सिर्फ 1 वायर लाकर उसको सभी के लिए न्यूट्रल देना होगा जिसकी वजह से वायर तो कम लगेगी लेकिन कोई खतरा तो नही होगा। Plz क्या सही होगा जरूर बताएं।
neutral ka sirrf ek connection hi sabhi ke liye kiya jata hain aur phase ka bhi ek hi wire se sabko joda jata hai
Thanks sir help full article
welcome
Please sir PDF send me [email protected]
pdf articak me diya ja chuka fir se chek kar le
Sir totali material ka pdf bhej dijiye plzzz🙏🙏🙏
artical ke ader pdf mil jayega
nice
thanks