difference between intraday and delivery in hindi
दोस्तों आज हम इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में के फर्क है उसके बारे में बात करेंगे और इन दोनों में कौन सा सबसे बढ़िया हैं और कौन सा बेहतर नहीं हैं इसके ऊपर चर्चा करेंगे ।
इन दोनों ट्रेडिंग में कौन से सबसे ज्यादा फायदेमंद है और किससे हमे ज्यादा नुक्सान होगा और साथ में किस्मे टैक्स ज्यादा कटता हैं और किस्मे कह इन सबकी साड़ी जानकारी आपको मैं इस आर्टिकल में देने वाला हूँ ।
- समय सिमा के मामले में
वैसे तो इंट्राडे का मतलब ही यह निकलता हैं की एक दिन के अंदर ही आपको सारे सौदे उसी दिन काटने होते हैं चाहे आप प्रॉफिट में हो या फिर नुक्सान कर बैठे हो इसकी भी समय सिमा तय की गयी होती हैं जो 9:15 से लेकर 3:20 तक होता हैं यदि आप इंट्राडे में अपना शेयर खरीदना चाहते हैं तो कोसिस करे की 3 बजे के अंदर ही अपने सारे सौदे सेल्ल कर दे ।
डेलिवरी ट्रेडिंग में ऐस बिलकुल नहीं हैं आप इस तरह के ट्रेडिंग में शेयर को खरीदने के बाद उस शेयर को कभी भी बेच सकते हैं और आपके द्वारा खरीदा गया शेयर demat अकाउंट में होल्ड रहता हैं
आप चाहे जितने दिन भी उस शेयर को रख सकते हैं इसमें आप का ही फायदा है क्योंकि शेयर जितने दिन भी आपके अकाउंट में रहेंगे उतने दिन कुछ ना कुछ आपको प्रॉफिट देकर जायेंगे ।
शेयर मार्किट टिप्स | शेयर मार्किट के नियम |
-
पूंजी में अंतर (difference between intraday and delivery in hindi)
intraday में बहुत ही कम पैसे लगाकर आप बहुत सारे शेयर खरीद सकते हैं जिसे हम लवरेज के नाम से जानते हैं पहले तो यह सुविधा बहुत फायदेमंद थी क्योंकि थोड़े पासी ही लगाकर ढेर सारे शेयर खरीदने का मौका मिलता था
पर आज के समय में sebi के द्वारा नियम में कुछ बदलाव कर दिया गया हैं जो की किसी भी शेयर को इंट्राडे के दौरान खरीदते समय 10% का भुगतान करना अनिवार्य हो गया हैं ।
मान लीजिये की अपने कोई शेयर ख़रीदा जिसका प्राइस 100 रुपये प्रति एक शेयर हैं तो उस एक शेयर को खरीदने के लिए आपके demat account में कम से कम 10 रूपए होना जरुरी हैं ।
delivery trading में किसी तरह का कोई सुविधा नहीं दी जाती हैं आपके अकाउंट में मौजूद पूंजी पर ही निर्भर रहना पड़ता हैं अथार्त इसमें लवरेज नाम की कोई चीज नहीं होती हैं
मान लीजिये की आपको कोई शेयर के 10 क्वांटिटी खरीदने हैं और उसका दाम 100 रुपये हैं तो वो शेयर खरीदने के बाद आपके अकाउंट से 1000 रुपये कटेंगें लेकिन कुछ दिनों के बाद जब आप उस शेयर को सेल्ल करेंगे चाहे आप प्रॉफिट में हो या फिर लोस्स कर रहे हो तो वो सारे पैसे आपके demat खाते में जुड़ जायेंगे ।
कौनसा स्टॉक चुने | सबसे सस्ता शेयर |
-
टैक्स और सर्विस चार्ज
इंट्राडे में जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो उसे उसी दिन बेचना पड़ता हैं और आज से कुछ समय पहले यह नियम था की अपने सौदे को क्लोज करने के लिए कालिंग की सुविधा दी जाती थी
जो आज भी किसी किसी प्लेटफॉर्म में चलती हैं जिसमे हमसे बहुत ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं और आप यदि मार्किट के बंद होने से पहले अपने सौदे को नहीं बेचते हैं तो आपको टैक्स के रूप में 20 से 100 रूपए तक वसूला जाता हैं इसलिए कोसिस करें की अपने सौदा 3 बजे से पहले क्लोज कर ले ।
मान लीजिये की आपने कोई शेयर का 10 क्वांटिटी ख़रीदा जिसका प्राइस 100 रूपए हैं और वही शेयर इंट्राडे के दौरान 10 रूपए ऊपर चला गया और अपने उस शेयर को 110 रूपए में सेल्ल कर दिया
लेकिन आपके demat account में कमाए हुए प्रॉफिट के सारे पैसे नहीं जायेंगे उसमे से आपको कुछ टैक्स भी देना होगा जो 86 पैसे का होगा जैसा की आप ऊपर इमेज में इसके प्रूव देख सकते हैं ।
डिलीवरी ट्रेडिंग में हमने अभी तक यह पढ़ लिया हैं की यह पूरी तरह से हमारे पूंजी पर निर्भर करता हैं इसलिए इसे आप चाहे जितने दिन के लिए भी रखें आपसे किसी भी तरह का कोई फाइन नहीं लगाया जाता हैं लेकिन जब आप शेयर को सेल्ल करेंगे तो आपको कुछ टैक्स जरूर देने होंगे ।
टाइप्स ऑफ़ ट्रेडिंग | स्विंग ट्रेडिंग क्या है |
-
डिलीवरी ट्रेडिंग चार्जेज और टिप्स (difference between intraday and delivery in hindi)
मान लीजिये की अपने अपने पूंजी से किसी शेयर की 10 क्वांटिटी को 100 रूपए में ख़रीदा और कुछ दिनों के बाद आपके द्वारा ख़रीदा गया उस शेयर का भाव 110 रूपए चले गए
आपने उस शेयर को 110 रूपए में सेल्ल कर दिया लेकिन यहाँ भी आपके खाते में प्रॉफिट के सारे पैसे नहीं आएंगे उनमे से कुछ टैक्स के रूप में काट लिया जायगा जो 2 रूपए 23 पैसे के आस पास होंगे
इसके अलावा आपसे डिलीवरी चार्जेज भी लिए जायेंगे जो हर प्लेटफॉर्म में अलग – अलग हो सकते हैं जैसे की उदाहरण के लिए ज़ेरोढा में यह चार्ज 15 से 20 रूपए हैं
आप ऊपर इमेज में देख सकते हैं की उस शेयर में 100 रूपए का फायदा हो रहा था उसके जगह पर हमे सारे टैक्स को काटकर 81.84 पैसे का ही प्रॉफिट दिया गया हैं
जिसमे डिलीवरी चार्ज 15.93 पैसे हैं । लेकिन इसमें आपका एक फायदा जरूर हैं की चाहे आप किसी शेयर का 1 क्वांटिटी खरीदें या फिर 1000 क्वांटिटी ले आपको डिलीवरी चार्ज उतने ही देने होंगे
अब आपके मन में यह सवाल आता होगा की मैंने किसी शेयर को 100 क्वांटिटी ख़रीदा हैं और उसे 20 क्वांटिटी के हिसाब से 5 बार में बेच दिया तो मुझे कितने डिलीवरी चार्ज देने होंगे इसका जवाब हैं आपको 15.93 x 5 = 79.65 रूपए देने होंगे
अब मैं आपको एक टिप्स देने वाला हूँ मान लीजिए की आपने लवरेज के द्वारा कोई स्टॉक को ख़रीदा हैं और लोस्स में जा रहे फिर भी लगता है की वही स्टॉक अगले दिन अच्छा मुनाफा देगा
तो उसे डिलीवरी में कन्वर्ट करा सकते हैं और अगले दिन मुनाफा आने पर सेल्ल करे एवं इसके लिए 15.93 रूपए नहीं लिए जायेंगे
शेयर मार्किट में सबसे कम राशि क्या हो | शेयर में पैसे कैसे लगाए |
-
रिस्क का अंतर (difference between intraday and delivery in hindi)
intraday में रिस्क बहुत ही ज्यादा होता है खासकर जो नए निवेशक होते हैं उनको कभी भी अपने ट्रेडिंग की सुरुवात इंट्राडे से नहीं करनी चाहिए क्योंकि कम अनुभव होने के कारण उन्हें यह पता नहीं चल पता की हमे किसी स्टॉक को कब खरीदना चाहिए
और कब इसे सेल्ल करे इसलिए मैं उनलोगो को यह सलाह दूंगा की प्रॉपर ट्रेनिंग के बाद या कुछ महीने पेपर ट्रेडिंग करने के बाद ही इंट्राडे में कोई सौदा खरीदें
उदहारण के लिए आपको यह बताना चाहता हूँ की जब हम इंट्राडे में में कोई सौदा खरीदते हैं है उस सौदे में दिन भर आंख गड़ाकर के रखना पड़ता हैं और जैसे ही लोस्स में जाने लगते हैं वैसे ही सौदा सेल्ल कर देते है
कुछ समय के बाद भी यदि हमारा ख़रीदा हुआ शेयर प्रॉफिट में नहीं आता हैं तो हम उन्हें नौने – पौने दाम में सेल्ल कर देते हैं और सेल्ल करते ही उसका भाव फिर से ऊपर चला जाता हैं एवं हमारे दिमाग को दुविधा में डाल देता हैं
delivery trading एक रिस्क फ्री सौदा होता हैं इसमें केवल आपको सिर्फ दो बातों का ध्यान देना होता हैं पहला की एक अच्छे स्टॉक का चुनाव करे और दूसरा उस स्टॉक का अच्छी तरह से अनलयइसिस करे
ये दोनों करने के बाद आप चाहे स्विंग ट्रेडिंग कर रहे हो या फिर लॉन्ग टर्म के लिए कोई स्टॉक ख़रीदा हो आप कुछ दिनों के बाद प्रॉफिट आते ही बड़े आराम से उस शेयर को सेल्ल कर सकते हैं
इंट्राडे की तरह आंख गड़ाकर लैपटॉप या मोबाइल के सामने दिनभर बैठना भी नहीं हैं और आज के समय में इतनी सुविधा है की अपने टारगेट प्राइस को सेट करके छोड़ दीजिये जब शेयर उस प्राइस पर आएगा आटोमेटिक आपका शेयर सेल्ल हो जायेगा
किस कंपनी का शेयर चुने | रेंको चार्ट क्या है |
-
शेयर के उतार चढ़ाव में अंतर
इंट्राडे में शेयर के भाव बहुत तेजी से निचे या ऊपर जाने की सम्भावन बानी रहती हैं जिसके कारण हमे अचानक से ज्यादा नुकसान होने के जोखिम उठाना पड़ता हैं और ऐसा इसलिए होता हैं
क्योंकि जो बड़े निवेशक होते है वो शेयर की बड़ी कॉन्टिटी को मार्किट के ट्रेंड के अनुसार लेकर सेल्ल या फिर buy करने के लिए बैठे होते और जैसे ही वो इंटर करते हैं तो उस शेयर में एक बड़ा उछाल या निचे की तरफ शेयर जाता दिखाई देता है
जिसका हमे कोई आईडिया नहीं होता हैं या फिर किसी भी शेयर में ट्रेडिंग समय के दौरान शेयर कंपनियों की निवास आती रहती हैं जो हमारे इंट्राडे में खरीदें हुए शेयर पर सीधे असर डालती हैं ।
डिलीवरी में ठीक इसके उलट होता हैं इंट्राडे का समय समाप्त होने के बाद हमे पता होता है की किस शेयर में क्या न्यूज़ आया है और किस स्टॉक में बड़े इन्वेस्टर ने अपने शेयर खरीद रखें हैं और इसीको अच्छे ढंग से एनालिसिस करे तो इंट्राडे से भी बढ़िया मुनाफा हम डिलीवरी ट्रेडिंग में कमा सकते हैं ।
rsi indicator क्या है | loss recover कैसे करे |
-
स्टॉप लॉस हिट की समस्या (difference between intraday and delivery in hindi)
आप चाहे जितना भी अपना स्टॉप लोस्स बढिये तरीके से लगाए इंट्राडे के दौरान आपका 10 में से 3 सौदा में आपका स्टॉप लोस्स हिट कर ही जाता हैं और इसको मैंने भी अपने ट्रेडिंग के समय महसूस किया हैं ।
जबकि मैं भी एक बढिये तरीके अनलयइसिस करने के बाद स्टॉप लोस्स लगता हूँ फिर भी हिट हो जाता हैं और उस समय ऐसा लगता है की जैसे मेरे स्टॉप लोस्स को हिट करने के लिए ही वो शेयर निचे की तरफ आया हैं और स्टॉप लोस्स हिट होने के बाद अचानक से उस शेयर का प्राइस ऊपर चला जाता हैं ।
डिलीवरी ट्रेडिंग में अपने कोई बढ़िया स्टॉक को खरीदा है उसका एनालिसिस ठीक से किया हैं तो आपको स्टॉप लोस्स लगाने की कोई जरुरत ही नहीं होती हैं और जो इन्वेस्टर लॉन्ग ट्रेड के लिए शेयर खरीदते है
वो कभी भी स्टॉप लोस्स का इस्तेमाल नहीं करते है क्योंकि उनका सौदा ही 1 साल के ऊपर का होता हैं और हम यह कह सकते हैं की स्टॉप लोस्स के मामले में भी डिलीवरी ट्रेडिंग एक अच्छा विकल्प है ।
शेयर बाजार से करोड़पति कैसे बने | supertrend और rsi strategy |
निष्कर्ष
आपको मेरा यह आर्टिकल difference between intraday and delivery trading in hindi कैसा लगा हमे कमेंट में जरूर बताएं और इसमें मैंने बड़े ही सिंपल तरीके से इन दौड़ने के बिच में अंतर के बारे में बताया हैं एवं यदि आपको अभी भी समझने में कोई दिक्कत हो रही है तो हमसे सवाल कर सकते हैं जिसे जल्द सॉल्व करने की कोसिस की जाएगी धन्यवाद ।