battery in hindi

battery in hindi-बैटरी इन हिंदी

बैटरी एक आत्म निहित , रासायनिक ऊर्जा है जो कही पर भी एक सिमित मात्रा में energy  का उत्पादन कर सकती हैं आमतौर पर सामान्य बिजली जो हम घरों में इस्तेमाल करते है वो कॉपर के तारों से हमारे पुरे घरों में फैलाएं जाते हैं और उन तारों में जिस तरह बिजली बहती हैं ।

ठीक उसी प्रकार बैटरी के अंदर भी chemical reaction करा कर उसके अंदर मौजूद एनर्जी को electric  energy में बदल  दिए जाते हैं  और यह प्रक्रिया दिन , महीने  और सालों तक जारी रहता हैं ।

आज तक बिजली पैदा करने के जितने भी साधन उजागर हुए है वे सभी से बिजली बनाने में  काफी समय लग जाट हैं लेकिन battery ही एक ऐसा device है जो कनेक्शन करते ही कुछ ही सेकंड के अंदर बिजली हमे हमारे महत्वपूर्ण डिवाइस को चलाने के लिए मिल जाती हैं ।

आज के समय में  कोई भी मोबाइल फ़ोन , बच्चों के बैटरी से चलने वाले खिलोने , घडी , हियरिंग एड्स , इलेक्ट्रिक वाहन, आदि बैटरी पर ही निर्भर हैं और इन्हे चलने के लिए कोई दूसरा विकल्प भी हमारे पास मौजूद नहीं हैं ।

यह भी सच हैं की हम बिना बिजली के इस आधुनिक जीवन में जी नहीं सकते हैं इसलिए इस जरुरत को पूरा करने और बिजली को स्टोर कर पुनः प्रयोग करने के में बैटरी का हमारे जीवन में बहुत बड़ा रोल हैं ।

आपने अक्सर यह जरूर गौर किया होगा की आप मार्किट में जिस किसी भी काम के लिए जाते हों एक बार तो आपको बैटरी पर नजर पद ही जाता होगा क्योंकि बैटरी आज के समय में हर किसी के घर या दूकान में आसानी से मिल जाता हैं ।

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main parts of a battery in hindi

एक बैटरी के अंदर मौजूद बिजली इकाई को सेल कहा जाता हैं जिसमे तीन तरह के लेयर होते हैं दो इलेक्ट्रोड्स और एक इलेक्ट्रोलाइट नमक केमिकल होता है  जो इन दोनों के बिच में इनस्टॉल किया जाता हैं

और मानव शरीर को नुक्सान ना पहुंचे इसलिए इसके बाहर से मजबूत प्लास्टिक के खोल लगाए जाते हैं।  इसके बाहर के तरफ दो या किसी – किसी  बैटरी में दो से अधिक टर्मिनल निकले होते हैं जो positive और negative सिंबल द्वारा दर्शाया जाता हैं और यह अंदर के तरफ इलेक्ट्रोड से जुड़े होते हैं ।

बैटरी और सेल में सिर्फ यही अंतर है की बैटरी के अंदर एक या एक से अधिक सेल आपस में जुड़े हुए होते हैं जो बैटरी के सकती को बढ़ाने में मादा करते हैं । जब हम बैटरी के दो इलेक्ट्रोड को किसी डिवाइस से जोड़ते हैं तब इस स्थिति में बैटरी के अंदर मौजूद electrolyte में गतिविधि होने के साथ केमिकल अन्य पदार्थ में बदलने लगते हैं ।

battery-in-hindi-1

आयन इलेक्ट्रोड जो की एक मटेरियल से बने होते हैं वो भी इस रासायनिक परतक्रिया में भाग लेते हैं उसी समय electron बाहरी circuit यानी की उससे जुड़ा कोई भी electronic device के अंदर से प्रवाहित होने लगता हैं

एवं इससे जुड़े डिवाइस को चलने के लिए प्राप्त बिजली मिलने लगती हैं । यह प्रक्रिया तब तक चलता जब तक की इलेक्ट्रोलाइट पूरी  तरह से बदल नहीं जाता ।

battery amla kya hai

बैटरी एसिड एक प्रकार से किसी भी बैटरी में उपयोग की रासायनिक या बैटरी में इस्तेमाल की जाने वाली acid को संकेत करता है लेकिन मुख्या रूप से हमारे घरेलु उपयोग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लीड acid battery को यह सबसे ज्यादा चिन्हित करता हैं ।

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sale kitne prakar ke hote hain-बैटरी कितने तरह की होती हैं ?

वैसे तो बैटरी बहुत तरह के होती है जैसे , अलग – अलग अकार , volt , ampere आदि जरुरत के लिए इनके साइज भी अलग होते है , लेकिन हम इसे मुख्या रूप से दो भागों में बाँट सकते है ।

primary battery 

इस तरह के बैटरी को हम सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन कई मामलो में यह rechargeable battery से भी बढ़िया है क्योंकि इसमें ज्यादा मात्रा में एनर्जी स्टोर करने की क्षमता होती हैं

जिसके कारण ही यह ज्यादा समय  तक हमारे घडी या रिमोट में लगे रहने के बाद भी discharge नहीं होता । एक बार इस्तेमाल करने के बाद दुबारा इसे फेकने के अलावे आपके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं हो सकता हैं  इसलिए इसे primary  battery कहा जाता हैं ।

हम इसे अपने जरुरत के हिसाब से तीन भागों में बाँट सकते हैं – जिंक – कर्बोन  , एल्कलाइन और लिथियम बैटरी ।

primaryi-battery

zinc – carbon battery 

इस battery का अविष्कार फ़्रांसिसी वैज्ञानिक जार्ज लेकलेंची ने सं 1865  में किया गया था यह प्राइस में सबसे सस्ती होती हैं तभी हम इसे अपने लैंप या घडी में इस्तेमाल करते हैं ।

positive electrode को कार्बन और मैंगनीज ऑक्साइड से घिरे कार्बन रॉड से बनाया जाता है और नेगेटिव एक जस्ता मिश्र धातु है जो  इलेक्ट्रोलाइट अमोनियम क्लोराइड का एक पेस्ट से तैयार होता है।

alkaline battery 

यही भी एक जस्ता – कार्बन से बना बैटरी हैं लेकिन इसमें बहुत मात्रा में शक्ति इकठ्ठा  करने की क्षमता होती है इसलिए इसकी लाइफ सालों तक हो शक्ति हैं ।

bottom-battery

lithium battery 

इसका दूसरा नाम bottom batery  है जो मुख्य रूप से हाथ घडी और हियरिंग एड्स में इस्तेमाल किया जाता है । इसमें लिथियम और कार्बन एलेक्ट्रोल्य्तिस का उपयोग किया जाता हैं

difference between solar and inverter battery inverter wire connection in main line

secondary battery 

lead acid battery in hindi

19 वीं सदी एम् बहुत पर्कशन करने के बाद एक भरोसेमंद लीड एसिड बैटरी का निर्माण किया गया जो की कुल 6 प्लेट से मिलकर बने होते हैं जिसके एक प्लेट में 2 वोल्टेज होती हैं ।

इस तरह की बैटरी देखने में बहुत ही सिंपल होती है लेकिन इसके अंदर बहुत सारे कॉम्पोनेन्ट को मिलाकर बनाया जाता हैं और जिस component को इसमें इस्तेमाल किये जाते हैं उसी के बारे में मैं आपको बताने की कोसिस करूँगा ।

lead-acid-battery

plates

इसमें दो तरह की प्लेट होती है जिसमे क पॉजिटिव प्लेट है जो pb02 ( रेड लेड पर ऑक्साइड ) से मिलकर बनी होती हैं और दूसरा नेगेटिव है जो pbo2 ( लेड ऑक्साइड ) से बनती हैं  और इसमें नेगेटिव प्लेट की संख्या पॉजिटिव से ज्यादा होती है जिसमे अंतर सर एक का होता हैं ।

container

बैटरी के अंदर इलेक्ट्रोलाइट , सेपरेटर , आदि को रखने के लिए कंटेनर का इस्तेमाल किया जाता है जो एक प्लास्टिक का कवर होता हैं इसके निचे के तरफ का भाग थोड़ा ऊपर उठा हुआ रहता हैं

जिसमे प्लेट को फिक्स किया जाता हैं तथा इस भाग को rib कहते है और इसमें एक खाली स्थान रहता है जिसे mud कहा जाता हैं जहां प्लेट से निकलने वाली मलवे गिरते हैं जिससे हमारा बैटरी शार्ट सर्किट होने से बचा रहता हैं ।

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electrolyte

यह एक प्रकार से salphuric acid  और सुध पानी का मिश्रण होता हैं जो बैटरी के अंदर मौजूद इलेक्ट्रोड प्लेट को इस पानी में डूबा दिया जाता हैं जिससे प्रतिक्रिया होती हैं और electric का निर्माण हो पाता हैं ।

separator

ऊपर हमने अभी बताया है की दोनों प्लेट ( पॉजिटिव और नेगेटिव ) को इलेक्ट्रोलाइट में डूबा कर रखा जाता है लेकिन वे आपस में टच ना हो इसके लिए हम इसके बिच में सेपरेटर का इस्तेमाल करते है और यह कुचालक पदार्थ होता है जैसे की रबर , प्लास्टिक , लकड़ी आदि ।

cell cover

बैटरी के अंदर मौजूद सभी सेल को ढकने और सपरतोर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेल कवर का इस्तेमाल किया जाता हैं । यह किसी ठोस रबर से बना होता है एवं आपको जो बैटरी के ऊपर दो terminal दिखाई देते है उसके ठीक निचे सेल कवर लगाया जाता है ।

cell connector

एक नार्मल लीड एसिड बैटरी में सिर्फ 6 सेल ही होते हैं और एक सेल से 2 volt को प्राप्त किया जाता है और जिस चीज से हमे इसे जोड़ते हैं उसे cell connector कहते हैं जो सभी को जोड़ के 12 volt कर देता हैं ।

scaling compound(battery in hindi)

बैटरी को इस तरह से बनाया जाता है की यह कहीं से भी लीकेज न करे और इसके लिए कंपाउंड रब्बर को पिघलकर कंटेनर के साथ मिक्स करके सेल कवर को बंद कर दिया जता हैं । अतः इस प्रकार इन सभी कम्पननत से मिलकर हमारी बैटरी बनती हैं ।

inverter battery backup बढ़ाने का तरीका  solar inverter price

lithium ion battery in hindi

आज के समय में सभी के हाथ में मोबाइल है जो आपके कसी भी काम को मिनटों में कर सकता हैं हमे अपने मोनरोंजन के लिए camera का इस्तेमाल करते हैं लेकिन यह सभी बैटरी से चलने वाले डिवाइस तभी काम करंगे जब तक इसमें बैटरी चार्ज रहती हैं ।

लेकिन क्या आपको मालूम हैं की आखिर यह बैटरी बनते कैसे हैं कहलिये आज मैं आपको इसके बनाने की प्रक्रिया को बताता हूँ ।

लिथियम-बटेरी

लिथियम बटेरी का निर्माण सबसे पहले एम् एस विटिंघम द्वारा की गयी थी जिसका उन्होंने 1970 में अविष्कार किया था । उन्होंने ने बिजली पैदा करने या इस बैटरी को बनाने के टाइटेनियम सल्फाइड और lithium metal का उपयोग किया और  यह इस lithium battery का पहला पड़ाव था

अभी इसमें बहुत सारे बदलाव होने थे और इस कड़ी में 1980 को ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के दो वैज्ञानिक गूडेनफ और कोईची मिजुशीमा ने लिथियम बैटरी को सबके सामने लाया औरइसा कहा जाता हैं की इसके बाद लिथियम बैटरी का डिमांड बढ़ गया था

और 1997 को लिथियम के साथ अन्य रसायन का प्रयोग करके लिथियम पॉलीमर बैटरी को बाजार में उतारा गया जो मोबाइल में इस्तेमाल करने के लिए किया जाता हैं ।

लिथियम-बटेरी-1

लिथियम बैटरी सेकंडरी बैटरी की शृंखला में ही आता हैं जिसके अंदर तीन तत्व का सयोग होता हैं , नेगटिव इलेक्ट्रोड , पॉजिटिव इलेक्ट्रोड  और इलेक्ट्रोलाइट । इस बैटरी में कार्बन नेगेटिव इलेक्ट्रोड के लिए और पॉजिटिव इलेक्ट्रोड को ऑक्साइड के रूप में प्रयोग होता हैं

एवं लिथियम सल्ड इलेक्ट्रोलाइट के लिए किया जाता हैं । इस तरह के बैटरी को सिर्फ small device को चलाने के लिए होता हैं लेकिन हम इसे एम्पेयर में नहीं माप सकते है इसलिए इसे नापने के लिए मिली एम्पेयर का उपयोग करते हैं ।

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types of battery  charging 

इस तरह की बैटरी चार्जेबल होती हैं इसलिए इसके चार्ज करने के भी अपने नियम है ऐसा नहीं है की इसके बनाने के बाद तुरंत हीघा एम्पेयर के साथ चार्ज कर दिया जाए । इसके चार्ज करने के जो स्टेप हैं वी निचे दिए गए हैं

पहला चार्ज

जब बैटरी को बनाकर तैयार किया जाता हैं तो इसे बहुत ही कम एम्पेयर देकर चार्ज किया जाता हैं जिससे वह बैटरी बहुत धीरे चार्ज होती हैं जिससे बैटरी के चार्जिंग को टेस्ट किया जाता हैं

नार्मल चार्ज

जब नयी बैटरी पहले स्टेज को पूरा कर लेती है तब इन्हे नार्मल चार्ज की श्रृणी में रखा जाता है जिससे बैटरी को नार्मल एम्पेयर देकर चार्ज किया जाता हैं और हम भी बैटरी को चार्ज करने के लिए इसी स्टेप को अपनाते हैं

बूस्ट चार्जिंग

इसके नाम से ही समझ में आता हैं की बैटरी को जल्दी चार्ज करने के लिए ज्यादा एम्पेयर को प्रवाहित किया जाता हैं जिससे बैटरी जल्दी चार्ज हो सके और इसका इस्तेमाल उस जगह होता है जहाँ पर बिजली के कम रहने की शिकायत होती हैं ऐसे में वहां बूस्ट चार्जिंग को प्रयोग किया जाता हैं जिससे बैटरी कम समय में फुल चार्ज हो जाए

ट्रिकल चार्ज

यह बूस्ट चार्ज के ठीक विपरीत होती हैं अथार्त जहाँ बजिली दिन भर में बहुत कम कटती हो वहां इस स्टेप को अपनाया जाता हैं जिससे बैटरी बहुत धीरे चार्ज होती हैं जिससे हमारी बैटरी ओवरचार्जिंग से बसाही रहती हैं

और उसकी लाइफ भी बढ़ जाती हैं । जैसे की मान लेते हैं की हमारे सहर में बिजली एक दिन में सिर्फ 3 से 4 घंटो के लिए ही कटती है तो हमारे inverter में यह सुविधा होती हैं जिससे स्लो चार्ज होने लगता हैं

लुमिनोस इन्वर्टर रिपेयर  mobile battrery backup kaise badhaye
how to make a battery in hindi(battery in hindi)

क्या अपने कभी निम्बू की मदद से बैटरी को बनाया हैं यदि नहीं बनाया तो मैं आपको आज इसके बनाने के प्रक्रिया को बताऊंगा जिसे बनाना बहुत ही सिंपल हैं । हमे इस बैटरी को बनाने के लिए जो सामान चाहिए वो निचे दिए गए हैं ।(how to make battery in hindi)

  • निम्बू
  • जस्ता काटी
  • कॉपर कॉइन
  • led

how-to-make-a-battery-in-hindi

सबसे पहले हम एक निम्बू एक साइड में जस्ता काटी और और दूसरे तरफ कॉपर कॉइन को निम्बू के अंदर और आधे हिस्से को धंसा देंगे फिर इसके बाद led के एनोड को कॉपर साइड एवं कैथोड को जस्ते वाले साइड पर जोड़ देंगे

चाहे तो आप इसके लिए स्विच का भी इस्तेमाल कर सकते है जिससे आप led को अपने जरुरत के अनुसार जला या बुझा सकते हैं । इस तरह हमारा सर्किट कम्पलीट हो जायेगा और इस छोटे से बैटरी से लगा हुआ हमारा led जलने लगेगा ।

FAQS

Q- luminous electra 150ah battery backup kitna hona chahiye

A- मैं एक ट्रिक बताऊंगा जिससे आप किसी भी बैटरी का वैल्यू / बैकअप निकाल सकते हैं । 150 ampere x 12 volt = 1800 watt  । एक पंखा 70 वाट का होता हैं इसलिए इस बैटरी में 1800 / 70 = 25 घंटा तक चलेगा ।

Q- 12 वी 150ah बैटरी बैकअप समय

A- यदि एक पंखा ( 70 watt )और 3 led bulb ( 30 watt ) को चलने पर यह 15 घंटा तक बैकअप देगा

conclusion (battery in hindi)

आपको मेरा यह आर्टिकल battery kya hai  कैसा लगा हमे कमेंट के दवारा जरूर बताएं ताकि हमे भी इस तरह के हेल्पफुल आर्टिकल लाने में मदद मिल सकें और किसी दूसरे सवाल को भी हमसे साँझा करे ताकि उसे भी हम अपने नए आर्टिकल में शामिल कर सके धन्यवाद ।

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