pnp transistor in hindi / Best working( कार्यविधि )जाने / updated 2023

pnp transistor in hindi

यह उस टाइप के ट्रांजिस्टर होते है जिसके दो पॉजिटिव और एक नेगेटिव प्लेट होती है यानी कहने का मतलब यह है की इसकेअंदर के स्ट्रक्चर की बात करे तो इसके बिच में नेगेटिव परत और दोनों  साइड पॉजिटिव परत डोप की गयी होती हैं

तथा इस तरह के ट्रांजिस्टर को हम pnp transistor कहते हैं यह एक प्रकार से करंट कंट्रोलर डिवाइस के नाम से जाना जाता है ।

pnp transistor में बेस की छोटी मात्रा की करंट emitter और collector दोनों के करंट को कंट्रोल करने सक्षम होती है । असल में इसके अंदर दो क्रिस्टल डायोड back to back जुड़े हुए है ।

डायोड के बाईं तरफ को emitter-base डायोड के रूप में जानते है और डायोड के दाईं तरफ  को collector-base डायोड के रूप में जाना जाता है।

ट्रांजिस्टर के भीतर का प्रवाह , इसके hole की बदलती स्थिति के कारण और ट्रांजिस्टर की अगुवाई में इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के कारण होता है। pnp transistor  तब on होता है जब base  के माध्यम से एक छोटी current बहती है।

पीएनपी ट्रांजिस्टर में करंट की दिशा एमिटर से कलेक्टर की तरफ बहती है । अतः इसमें base के गेट को ओपन करने के लिए हमे कम से कम 0.7 volt की अवसायकता होती है ।

और यह pnp type transistor है तो इसमें हमे base पर नेगेटिव सप्लाई देना होगा तो यह कहना गलत नहीं होगा की इसकी base terminal , collector और  emitter terminal से बिलकुल अलग एवं नेगेटिव को स्वीकार करती है ।

pnp transistor में बेस से इलेक्ट्रान के  परवाह को लिया जाता है और जो करंट base  से होकर गुजरता है वही करंट collector के अंतिम छोर से amplify करके प्राप्त कर लिया जाता है ।

pnp transistor working in hindi

सिम्बोल – PNP transistor symbol (pnp transistor in hindi-pnp transistor kya hai)

जैसा की आप निचे इमेज में देखकर समझ सकते है की यह एक pnp ट्रांजिस्टर है और इसमें जो तीर के निसान बने है उससे साफ़ पता चलता है की इसमें करंट एमिटर से कलेक्टर की तरफ गुजरती है ।

pnp-transistor-working-in-hindi

construction of pnp transistor

निचे दी हुई इमेज को यदि ध्यान से देखने पर हम यह समझ सकते है की emitter-base जंक्शन forward bias के रूप में जुड़ा हुआ है और वही दूसरी तरफ collector-base एक reverse bias के रूप में जॉइंट है ।

emitter के forward bias में जुड़ने के कारण यह इलेक्ट्रान को बैटरी की ओर आकर्षित करता है इसलिए pnp transistor में करंट एमिटर से कलेक्टर की तरफ बहती है ।

construction-of-pnp-transistor

इस ट्रांजिस्टर में base हमेशा कलेक्टर के सम्बन्ध में positive रखा जाता है जिससे कॉलेक्टर के hole बेस में ना घुसने पाए औरbase- emitter को forward पर रखा जाता है क्योंकि hole बड़े आसानी से बेस में परवेस करते हुए collector की तरफ चला जाए ।

npn ट्रांजिस्टर क्या है ट्रांजिस्टर इन हिंदी 3904 डेटशीट 

PNP transistor working in hindi

अभी तक ये जान लिया है की emitter-base जंक्शन को forwrd bias कहते है इसलिए इसमें emitter holes को बेस की तरफ धकेल देता है और यही कारण है की ये hole emitter करंट का निर्माण करते है ।

जब ये इलेक्ट्रान n-type सेमीकंडक्टर मटेरियल या बेस की ओर चले जाते है तो वे इलेक्ट्रान के साथ जुड़ जाते है । इसमें base का डिज़ाइन बहुत पतला और हल्का डोप किया जाता है इसलिए कुछ ही hole ,electron के साथ जुड़ते है बाकी बचे सारे कलेक्टर लेयर के पास चले जाते है ।

PNP-transistor-working

reverse bias की बात करे तो इसमें collector द्वारा आकर्षित , नेगेटिव पोलेरिटी के कारण holes उस क्षेत्र में चारों तरफ फैल जाते है जिससे कलेक्टर करंट विकसित होती है ।

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P-N-P transistor ki karyavidhi-(pnp transistor in hindi-pnp transistor kya hai)

example : pnp transistor circuit 

एक छोटा सा प्रयोग करेंगे और यह समझने की कोशिस करेंगे की आखिर यह कैसे काम करता है जिससे हमारी समझने की प्रक्रिया और भी आसान बन जाएगी लेकिन इसको सिद्ध करने के लिए हमे कुछ इलेक्ट्रिक पार्ट्स की अवसायकता होगी जिसे आप निचे देख सकते है ।

P-N-P-transistor-ki-karyavidhi
  1. bc 557 transistor
  2. led
  3. 100 kilo ohms photoresistor
  4. 10 kilo और  500 ohms resistance
  5. 9 volts battery (pnp transistor in hindi-pnp transistor kya hai)

सबसे पहले यह सर्किट बनाने के लिए सारे पार्ट्स एक इकठ्ठा कर ले और इसमें ट्रांजिस्टर को मल्टीमीटर की मदद से अच्छा है की नहीं जरूर चेक करे नहीं तो हमारा मेहनत तो बेकार होगा ही और साथ में कुछ समझ में भी नहीं आएगा ।

9volts की बैटरी में हम pnp transistor के emitter और फोटो रेसिस्टर को जोड़ेंगे । ट्रांजिस्टर के बेस को हम photo resistor के दूसरे छोर से कनेक्ट करेंगे एवं इसमें हम एक और कनेक्शन 10k ohms resistance को भी जोड़ेंगे ।

अभी हमारा कुछ कनेक्शन बचा है जिसमे led के cathod  को 10k रेजिस्टेंस के दूसरे सिरे को कनेक्ट करेंगे और इसी पिन को बैटरी के नेगेटिव में कनेक्ट कर देंगे इसके बाद हम led के anod पॉइंट को 500 ohms resistance से कनेक्ट कर देंगे

अब एक अंतिम कनक्शन 500 ohms resistance का दूसरा सिरा है जिसको हम p-n-p transistor के collector से जोड़ देंगे ।

इस तरह हमारा एक छोटा सा pnp transistor circuit बनकर रेडी हो गया है अब इसको टेस्ट करने के लिए किसी अँधेरे स्थान में जायेंगे तब हमारा led on हो जायेगा और जब photo resistor पर किसी टोर्च की मदद से या रोशनी वाले जगह पर ले जायेंगे तो हमारा led जलना बंद कर देगा ।

bc5573904 ट्रांजिस्टर टाइप्स ऑफ़ ट्रांसफार्मर 

pnp transistor कैसे काम करता है  (pnp transistor in hindi-pnp transistor kya hai)

अतः इस प्रकार हम एक p-n-p transistor की मदद से एक बढ़िया छोटा सा सर्किट प्रोजेक्ट तैयार कर सकते है । जब हम इस सर्किट को किसी रोशनी वाले स्थान पर रखते हैं तो हमारा सर्किट में किसी भी तरह की हलचल नहीं होती है

क्योंकि इसे on करने के लिए हमे base में नेगेटिव को भेजना होगा लेकिन यहाँ पर photo resistor में रौशनी पड़ने के कारण इसका रेजिस्टेंस का मान कम हो जाता है जिससे पॉजिटिव धारा बहने लगती हैं।

जैसे ही हम इसे किसी अँधेरे स्थान पर ले जाते है तो photo resistor का मान काफी high हो जाता है जिसके वजह से बैटरी का पॉजिटिव वोल्टेज ब्लॉक हो जाता है और हमारा 10 k ohms रेजिस्टेंस से नेगेटिव धारा प्रवाहित होने लगती है

जो p-n-p transistor के base से होकर गुजरने लगती है एवं ट्रांजिस्टर का gate ओपन हो जाता है जिससे हुमा सर्किट कोपम्लेटे हो जाता है ।

FAQs

PNP ट्रांजिस्टर का कार्य क्या है?

एनालॉग स्विच, आपातकालीन पुश बटन आदि

PNP क्या है?

इस तरह के ट्रांजिस्टर में दो पॉजिटिव और एक नेगेटिव प्लेट होती है यानी की इसके बिच में नेगेटिव परत और दोनों  साइड पॉजिटिव परत डोप की गयी होती हैं

PNP ट्रांजिस्टर में कितने टर्मिनल होते हैं?

इस ट्रांजिस्टर में ३ टर्मिनल होते हैं

पीएनपी क्यों महत्वपूर्ण हैं?

1 – आकार में छोटा
२ – कम price में उपलब्ध , लंबे समय तक चलने वाला
३ – सहज क्रियाएं उपलब्ध हैं
4 -npn ट्रांजिस्टर की तुलना में कम शोर पैदा करते हैं।

conclusion

हमने ऊपर दिए pnp transistor in hindi से यह सिख लिया की , ट्रांजिस्टर को सर्किट में कैसे लगते हैं इसका प्रयोग इलेक्ट्रिक बोर्ड पर क्यों किया जाता हैं आदि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमे जरूर बताएं उम्मीद है

अपने बहुत ही सिंपल तरीके से और बिना किसी परेशानी के इसे समझ लिया होगा और भी इसी तरह के आर्टिकल किसी दूसरे टॉपिक पर आप पढ़ना चाहते , या सीखना चाहते है तो हमे जरूर बताएं ताकि हम आपके लिए जितना जल्दी हो सके आपका हेल्प कर सके धन्यवाद ।

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