npn transistor in hindi
ट्रांजिस्टर का अविष्कार दुनिया के लिए बहुत बड़ा और इलेक्ट्रिक जगत के लिए सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार माना जाता हैं यदि आज हम जितने भी छोटे से लेकर बड़े तक इलेक्टोरनिक्स डिवाइस देखते है
चाहे वो मोबाइल , टीवी , इलेक्ट्रिक फ्लेक्स बोर्ड , लैपटॉप आदि हो इन सभी में ic लगी हुई होती है जो किसी खास फंक्शन को कंट्रोल करती हैं और इन्ही ic के अंदर लाखों की संख्या में ट्रांजिस्टर फिट किये हुए रहते है जिसके कारण यह काम करता है हो सकता है उसमे npn transistor की भी मौजूदगी हो ।
npn full form- negative positive negative होता है । हालाँकि ट्रांजिस्टर की खोज 1902 में ही हो गयी थी लेकिन इसमें अभी काफी बदलाव करने बाकी थे सो समय के साथ इसमें बहुत सारे बदलाव भी हुए और 1960 के दसक में इसकी साइज को बदलाव करते हुए आज के समय में इसे सबसे छोटे अकार में बनाया जा चूका है और इसे कई भागों में भी बांटा गया है
जिसमे से यह npn transistor बाइपोलर ट्रांजिस्टर की श्रेणी में आता है जिसके दो भाग है पहले को pnp transistor एवं दूसरे को npn transistor के नाम से जाना जाता है । यह एक सेमीकंडक्टर और जर्मेनियम के मिश्रण से मिलकर बना होता है ।
npn transistor symbol (npn transistor in hindi)
इस ट्रांजिस्टर के मुख्यतः 3 टर्मिनल होता है जिसका नाम base , collector , और emitter है जिसे की आप ऊपर इमेज में देख सकते है की एमिटर वाले लाइन में एक तीर तीर को दर्शाया गया है जो निचे की तरफ जा रहा है
जिसका मतलब यह है की जब हम इसके बेस में पॉजिटिव की सप्लाई देंगे तो इसमें धारा collector से होकर emitter की ओर गुजरने लगेगी । अतः हम इसे npn transistor कहते है ।
bc550 | bc546 | bc148 |
N-P-N transistor ki karyavidhi
यदि आपको इसके पिन के बारे में थोड़ी सी भी जानकारी हुई है तो अच्छी बात है अब हम इसके कार्य को समझने की कोसिस करेंगे क्योंकि यह इसका सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक है
जिसमे हम दो अलग – अलग सर्किट को बनाना सीखेंगे वो भी पूरी डिटेल जानकारी को हासिल करते हुए जिससे हमे इसके बारे में अच्छे से समझ में आ जाये की इसका आखिर अविष्कार करने का कारण क्या था और क्यों यह npn transistor हमारे किसी भी डिवाइस के लिए इतना महत्वपूर्ण स्थान रखता है ।
simple single transistor audio amplifier circuit
इसे बनाने के लिए हमे मात्र 5 इलेक्ट्रिक कॉम्पोनेन्ट की जरूरत पड़ेगी यदि आप इंटरेस्टेड है इसे बनाने के लिए तो इन पांचो पुर्जों को एक जगह मांगा कर इकठ्ठा कर ले । सभी पांचो पार्ट्स निचे दिए गए है –
- 9 volt battery
- छोटा स्पीकर
- bc547 ट्रांजिस्टर
- 47uf कपैसिटर
- 2k ohms रेजिस्टेंस
connection
सबसे पहले कपैसिटर के नेगेटिव सिरे में रेजिस्टेंस और bc547 npn transistor के base पिन को जोड़ देंगे इसके बाद हम रेजिस्टेंस के दूसरे छोर को bc547 के कलेक्टर में जोड़ते हुए उसी कनेक्शन को स्पीकर के दो में से किसी एक तार में जोड़ देंगे
और स्पीकर के बचे एक तार को हम बैटरी के पॉजिटिव में जोड़ेंगे । ट्रांजिस्टर के एमिटर को बैटरी के नेगेटिव में कनेक्ट कर देंगे और इस तरह से हमारा सर्किट कम्पलीट हो जायेगा । अब हम मोबाइल में aux cable को कनेक्ट करेंगे
और उसके अंदर से निकले दो तार को , एक कपैसिटर के positive और दूसरे को ट्रांजिस्टर के emitter से जोड़ेंगे । जब हम मोबाइल के मदद से कोई भी सांग को प्ले करेंगे तो उसका आवाज़ amplify होकर हमे इस सर्किट में सुनाई पड़ेगा । इस तरह के ट्रांजिस्टर के बेस में हमेशा 0.7 वाल्ट ही सप्लाई दी जाती है
bd140 | bc558 | bc557 |
npn transistor working(npn transistor in hindi)
अब हम ऊपर दिए हुए सर्किट के कार्य को समझते है इसके समझते ही npn transistor के कार्य को भी समझ लेंगे दोनों का ही कार्यविधि एक ही हैं । जैसा की हमे यह पता है की bc547 एक सबसे अच्छा एम्पलीफायर सर्किट माना जाता है
जब किसी कमजोर सिग्नल को इस ट्रांजिस्टर के बेस में भेजते है तो यह उसी सिग्नल को 800 गुना amlify में कन्वर्ट कर देता है जिससे हमे आवाज़ बढ़ी हुई सुनाई देती है ऐसा इसलिए होता है
क्योंकि जब हम कमजोर ऑडियो सिग्नल को बेस से भेजते है तो वही सिग्नल forward bias के वजह से बूस्ट होकर npn transistor के कलेक्टर में एकत्रित होने लगते है जिसे हम एक स्पीकर के द्वारा प्राप्त कर लेते है ।
single transistor led flasher
इस सर्किट को बनाने के लिए हमे मुख्य 8 इलेक्ट्रिक कम्पोनेनेट की जरुरत पड़ेगी जो इस प्रकार है –
- 2 पीस led
- कपैसिटर 100uf
- 2n3904 ट्रांजिस्टर
- 3 पीस रेजिस्टेंस ( 4.7k, 10k, 1k)
- 6 वाल्ट बैटरी
इसके लिए सबसे पहले हम ट्रांजिस्टर के emitter पिन को ग्राउंड से जोड़ देंगे और उसी में 4.7k का रेजिस्टेंस का भी कनेक्शन कर देंगे एवं उसके दूसरे छोर में एक led के कैथोड और 10k रेजिस्टेंस को कनेक्ट करेंगे ।
बचे हुए 10k के दूसरे छोर को ट्रांजिस्टर के बेस में जोड़ देंगे । अब led जिसमे होने कनेक्शन किया था उसके एनोड को और दूसरे led के एनोड को एक साथ जोड़कर 6 volt पॉजिटिव में कनेक्ट कर देंगे ।
अब दूसरे led के बचे कैथोड सिरे को कपैसिटर के पॉजिटिव और 1k रेजिस्टेंस के साथ जोड़ेंगे एवं कपैसिटर के दूसरे छोर और रेजिस्टेंस के दूसरे खली पिन को एक साथ करते हुए ट्रांजिस्टर के कलेक्टर में कनेक्ट कर देंगे । इस तरह हमारा सर्किट कम्पलीट हो गया ।
2n2222 | 3904 | ट्रांजिस्टर क्या है |
working of npn transistor (npn transistor in hindi)
जब हम इस सर्किट में पावर सप्लाई देंगे तो हमारा एक led on होगा तो दूसरा led बंद रहेगा और जब दूसरा जलेगा तो पहला वाला बंद हो जायेगा इस सर्किट का मुख्या कार्य यही है । ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हमारा दूसरा led जा रहा होता है तब पहले led के पास जुड़कर लगे कपैसिटर डिस्चार्ज अवस्था में होता है
और इसका कनेक्शन सीधे led से है तो उसे कोई भी पावर सप्लाई नहीं मिल पता है इसलिए वो नहीं जलता है । जैसे ही सर्किट में लगा कपैसिटर धीरे – धीरे चरगा होने लगता है तो उस जगह का पोलेरिटी बदल जाती है
जिससे हमारा पहला led जल उठता है और दूसरा वाला बंद हो जाता है क्योंकि उस समय उसे कोई भी सप्लाई नहीं मिल पाती है अतः हम यह कह सकते है की इस एक सर्किट में एक ही समय पर दो तरह के काम को अंजाम दिया गया है ।
pnp transistor in hindi | ट्रांसफार्मर के प्रकार | simple battery charger circuit |
बुछोल्ज़ रिले वर्क | mobile sensor | टाच सेंसर सर्किट |
साइल मॉइस्चर सेंसर सर्किट | सिंपल 5volt एम्पलीफायर | wireless चार्जर सर्किट |
conclusion
उम्मीद है की आपको यह मेरा 2 npn transistor daigram वाला आर्टिकल बहुत पसंद आया होगा यदि आपको अच्छा लगा तो मुझे कमेंट में जरूर बताईयेगा
ताकि मेरा आर्टिकल लिखने के प्रति मनोबल बरकरार रहे एवं कोई दूसरे टॉपिक को जिसे आप जनन चाहते है वो भी मुझे बताएं ताकि उसपर भी मैं एक नया आर्टिकल को लिखकर आपके सामने पेश करू धन्यवाद ।
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