mosfet in hindi-mosfet working in hindi

mosfet in hindi-mosfet working in hindi

what is mosfet in hindi

mosfet full form in हिंदी  –  मेटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर फील्ड इफ़ेक्ट ट्रांजिस्टर 

इलेक्ट्रिक की दुनिया में मॉस्फेट का मुख्या काम स्विचन और किसी सिग्नल को एम्पलीफी के रूप में किया जाता है । इसके इतिहास की यदि हम बात करे तो

1960 के दसक में मोहम्मद एम् अटल्ला और दावों कहंग ने बेल्ल लैब्स में इसे पहली बार बनाकर पेश किया था और तब से लेकर आज तक दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला इलेक्ट्रिक पुर्जा है ।

यह तीन टर्मिनल वाला सबसे महत्वपूर्ण इलेक्ट्रिक पार्ट्स है जो आज के आधुनिक डिवाइस जैसे कम्प्यूटर , मोबाइल , मिक्रोकंट्रोलर आदि को कंट्रोल करने का काम करता है एवं इसकी ऐसी है की यह डिजिटल और एनालॉग दोनों ही तरह के सर्किट में इसका उपयोग आपको देखने को मिल सकता है

Construction of a MOSFET

mosfet का निर्माण fet से मेल करता है । इसके अंदर  ऑक्साइड परत सब्सट्रेट पर जमा होती हैं जिससे  gate terminal भी जुड़ा हुआ रहता है ।

इस ऑक्साइड परत का इंसुलेटर के रूप में काम करने के कारण इसको एक एक और नाम IGFET से पुकारा जाता है । इसके अंदर सब्सट्रेट एक हलके लेयर से ढाका रहता है और एक भरी डोप वाले क्षेत्र के साथ फैला रहता हैं । अमूमन  उपयोग के आधार पर mosfet को  p-type mosfet और n-type mosfet बांटा गया हैं ।

Construction of a MOSFET

इसके gate का मुख्या काम वोल्टेज के संचयन को कंट्रोल करना है और इस अवस्था में दोनों यानि positive और nagetive वोल्टेज इसके  गेट पर अप्लाई किया जा सकता है क्योंकि यह चैनल से अलग है । nagetive gate bias voltage एक mosfet depletion की तरह जबकि positiv gate bias voltage एक  enhancement mosfet की तरह काम करता है

depletion mode and enhancement mode of mosfet

depletion mode :- जब गेट पर कोई वोल्टेज नहीं होता है, तो चैनल अधिकतम चालकता दिखाता है। gate पर सकारात्मक(+) या नकारात्मक वोल्टेज(-) आने के  के तुरंत बाद, चैनल चलकता कम हो जाता है। इसका उपयोग डिवाइस को ऑफ करने के  लिए किया जाता है

enhancement mode :-  जब गेट पर कोई वोल्टेज नहीं होता है, तो मस्फ़ेट काम नहीं करता है, कोई प्रवाह बहता नहीं है। जैसे ही गेट पर वोल्टेज बढ़ता है, मस्फ़ेट चालकता बढ़ जाती है। यह किसी डिवाइस को on करने के लिए किया जाता है ।

not gate क्या है ??and gate क्या है ??

7N65 Transistor Equivalent Substitute

7n65k , 9n65 , 7n65z , 9n65 , 10n65 , 11n90 आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इनस्टॉल करने से पहले इसे चेक जरूर करे ।

mosfet का  कार्य / work -(mosfet in hindi-mosfet working in hindi)

यह प्रक्रिया कैपेसिटर एमओएस पर निर्भर करती है। एमओएस capacitor एमओएसएफईटी का मुख्य हिस्सा होता  है। ऑक्साइड परत के निचे की तरफ  , अर्धचालक सतह मौजूद  होती है  (drain  और source के बीच), तथा इस सतह को गेट टर्मिनल में (+ )और( -) वोल्टेज प्रदान करने पर पॉजिटिव से नेगेटिव में बदलाव  किया जा सकता है ।

जब हम गेट वोल्टेज (+ )देकर  चालू करते हैं तो ऑक्साइड परत के नीचे छेद को घृणित बल के कारण नीचे सब्सट्रेट में भेज दिया जाता है। depletion  क्षेत्र में (-) की  संख्या  बढ़ जाती है जिसके कारण यहाँ पर एक प्रचुर मात्रा में इलेक्ट्रॉन चैनल बन जाता है।

positive आवेस drain और n प्लस सोर्स से इलेक्ट्रान को अपनी ओर आकर्षित करते है । यदि सोर्स और ड्रेन के बिच में किसी वोल्टेज को भेजा जाये तो बिना किसी रुकावट के धरा प्रवाहित होने लगेगी और यहाँ पर gate इलेक्ट्रान को कंट्रोल करेगा ।

transistor क्या है ??

n and p channel mosfet tutorial-(mosfet in hindi-mosfet working in hindi)

P channel mosfet 

mosfet-in-hindi-mosfet-working-in-hindi-2

जब हम gate  पर नेगेटिव वोल्टेज को सप्लाई देते हैं तो ऑक्साइड की लेयर निचे पहले से स्थपित इलेक्ट्रान प्रतिकारक बल के वजह से निचे के तरफ substrate में धकेल दिया जाता है और वहां depletion क्षेत्र प्लस (+) आवेश से भर जाता है चूँकि यह डोनर एटम से जॉइंट रहता है । नेगेटिव gate वोल्टेज p+ सोर्स और drain से होल को अपनी ओर आकर्षित करता है जिससे धरा drain और source के बीच बहने लगती हैं ।

mosfet मात्र 50 रूपए में 

N channel mosfet 

N channel mosfet 

इसके अंदर drain एवं  source के बिच में n चैनल की क्षेत्र होती है और यह चार टर्मिनल का पुर्जा होता है । source और drain सबसे अधिक डोप किये हुए n+ टाइप के समूह होते हैं और बॉडी या सब्सट्रेट p टाइप की तरह होती हैं । यहाँ पर धारा की प्रवाह नेगेटिव से आवेशित इलेक्ट्रान के कारण ही होती हैं । जब हम गेट में पोस्टिव को जोड़ते है तब इस स्थिति में निचे मौजूद hole प्रतिकारक बल के वजह से निचे substrate में धकेल दिए जाते हैं ।

depletion वाला स्थान negative आवेस से भर जाता है जो acceptor atom के साथ जुड़े हुए होते हैं अतः पॉजिटिव वोल्टेज n+ टाइप के सोर्स एवं drain  से इलेक्ट्रान को चैनल से अपनी ओर आकर्षित होते हैं इसमें धारा ड्रेन और सोर्स के मध्य प्रवाहित होता है ।(mosfet in hindi-mosfet working in hindi)

npn transistor with simple examplepnp transistor with simple example

mosfet testing in hindi / how to check mosfet in hindi

N channel mosfet चेक कैसे करे :- मल्टीमीटर के द्वारा n-channel mosfet को चेक करने के लिए सबसे पहले हम मीटर के ब्लैक प्रोब को drain पर रखेंगे और रेड प्रोब को source पर कनेक्ट करेंगे , यदि मीटर में  वैल्यू दिखता है एवं वहीँ दूसरी तरफ हम रेड प्रोब को gate से कनेक्ट पर कोई वैल्यू नहीं दिखायेगा तो यह n-channel मॉस्फेट है ।

mosfet-in-hindi

P channel mosfet चेक कैसे करे :- इसे मल्टीमीटर से पता लगाने के लिए रेड प्रोब को drain से कनेक्ट करेंगे एवं ब्लैक प्रोब को source से जोड़ेंगे तो मीटर में कुछ वैल्यू जरूर दिखायेगा और ब्लैक प्रोब को गेट से कनेक्ट करने पर कोई वैल्यू शो नहीं होगा तो यह mosfet p-channel का है ।

mosfet-in-hindi

application of mosfet in hindi 

  • mosfet का प्रयोग electric divice में स्विचिंग के लिए किया जाता है ।
  • यह किसी भी इलेक्ट्रिक सिग्नल को amplify करने में भी सक्षम होता है ।
  • इसका प्रयोग एनालॉग और डिजिटल दोनों तरह के डिवाइस में किया जाता है ।
  • high frequency को amplify  करने के लिए भी mosfet का इस्तेमाल किया जाता हैं
  • इसको पैसिव एलिमेंट यानी की प्रतिरोधक के रूप में भी इस्तेमाल होता है ।
  • dc relay में mosfet का इस्तेमाल होता है ।

MOSFET working in hindi-(mosfet in hindi-mosfet working in hindi)

MOSFET-working-in-hindi

जैसा की आप ऊपर इमेज में देख सकते है यदि नहीं समझ आय तो मैं बताता हूँ , led के कैथोड को  हम एक रेजिस्टेंस को जोड़ेंगे जिसके दूसरे सिरे पर हम दो कनेक्शन यानी पहला में स्विच और दूसरा हम बैटरी के पॉजिटिव में जोड़ेंगे । अब हम स्विच के दूसरे छोर को mosfet के gate से कनेक्ट करते हुए एक रेजिस्टेंस की मदद से बैटरी के नेगेटिव में जोड़ देंगे । इसके सोर्स को हम डायरेक्ट बैटरी के नेगेटिव से जोड़ देंगे । एक अंतिम कनेक्शन करने के लिए led के एनोड सिरे को हम mosfet के ड्रेन से जोड़ देंगे ।

जैसे ही हम स्विच को दबाएंगे सर्किट में लगा हुआ हमारा led on और off होने लगेगा ऐसा इसलिए होगा क्योंकि इसके के बिच में में जो खली जगह है स्विच को on  करने पर गेट आगे की तरफ खिसक जाता और आगे जाते हुए source और drain में चिपक जाता है जिससे हमारा led जल जाता है और हमारा सर्किट भी कम्पलीट हो जाता हैं ।

FAQs

मोसफेट क्या है और इसका कार्य क्या है?

यह एक अर्धचालक इलेक्ट्रिक पुर्जा है जिसका मुख्य काम स्विचिंग और किसी सिग्नल को एम्पलीफी के रूप में किया जाता है ।

मोसफेट का उपयोग कहां किया जाता है?

mosfet का प्रयोग electric divice में स्विचिंग के लिए किया जाता है ।
1 -यह किसी भी इलेक्ट्रिक सिग्नल को amplify करने में भी सक्षम होता है ।
२ -इसका प्रयोग एनालॉग और डिजिटल दोनों तरह के डिवाइस में किया जाता है ।
३ -high frequency को amplify  करने के लिए भी mosfet का इस्तेमाल किया जाता हैं
4 -इसको पैसिव एलिमेंट यानी की प्रतिरोधक के रूप में भी इस्तेमाल होता है ।

मॉसफेट कितने प्रकार के होते हैं?

दो परकार के होते हैं – 1 – p-channel mosfet 2 – N-channel mosfet

एक mosfet में कितने टर्मिनल होते हैं?

4 terminal होते हैं टर्मिनल गेट, अपवाहिका, स्रोत और सब्सट्रेट आदि हैं .

यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे कँनेट में जरूर बताये जिससे मुझे और भी इसी तरह के आर्टिकल आपके सामने लाने में मदद मिलेंगे यदि आपको किसी इलेक्ट्रिक से जुडी जानकारी को प्राप्त करना चाहते है तो मुझे जरूर बताये जिसे आर्टिकल के माध्यम से बहुत जल्द आपके सामने पेश कर दी जाएगी । धन्यवाद

Leave a comment