bollinger band indicator in hindi
आज हम इंडिया में सबसे ज्यादा उसे होने वाला इंडिकेटर के बारे में चर्चा करने वाले हैं उम्मीद हैं की आपको पता लग गया होगा की हम किस इंडिकेटर की बात कर रहे हैं , क्या आपको नहीं मालूम चला की वो कोण सा इंडिकेटर है ।
चलिए हम बता देते है उसका नाम bollinger bands है । यह इंडिकेटर हमारे भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लिया जाता हैं और इसको समझना भी बहुत आसान है । आज हम इसी के बारे में चरचा करेंगे और इसपर एक demo के तौर पर offline ट्रेड के द्वारा समझेंगे की आखिर यह इतना फेमस क्यों है ।
आगे बढ़ने से पहले इसके थोड़ा इतिहास के बारे में जान लेते हैं की इसका अविष्कार किसने किया था । bollinger bands 1980 के दौरान जॉन बोलिंगर द्वारा बनाया गया एक सिंपल टेक्निकल चार्ट इंडिकेटर है जो किसी भी ट्रेड जैसे शेयर मार्किट , फोरेक्स मार्किट, mcx आदि में आसानी से अप्लाई कर इस्तेमाल किया जा सकता है ।
इसे बड़े आसानी से किसी भी टाइम पीरियड में इस्तेमाल बड़े आसानी से कर सकते हैं और भी कई तरह के दूसरे इंडिकेटर है जो सभी टाइम पीरियड पर ठीक से वर्क नहीं कर पाते है सायद यही कारण है की india में इसका का इस्तेमाल ज्यादा होता है ।
असल में bollinger bands , 20 days moving average का समावेश होता है जिसके ऊपर में भी एक बैंड और निचे भी एक बैंड होता है और कोई भी स्टॉक इसी तीनो बैंड के इर्द – गिर्द घूमती रहती हैं । बस हमे उस स्ट्रेटेजी को समझना है जिससे हम इसमें कोई ट्रेड ले सके । चलिए अब intrady में किसी स्टॉक कैसे buy करे उसको समझते हैं ।
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bollinger bands strategy for intraday
वैसे तो केवल bollinger bands से भी स्टॉक को खरीद और बेच सकते है लेकिन हम इसमें किसी दूसरे इंडिकेटर को लगा दे तो हमारी accuracy 70% तक पहुँच जाती हैं जिससे हमारा काम से कम 10 ट्रेड में 7 ट्रेड में आसानी से मुनाफा कमा सकते हैं ।
स्टॉक का चुनाव हम nifty50 या nifty bank से करेंगे ताकि हमारा ट्रेड लेते समय कहीं false signal ज्यादा न मिले और हमारी एक्यूरेसी भी ठीक रहे ।इस स्ट्रेटेजी को अप्लाई करने के लिए हमे जो इंडिकेटर चाहिए वो इस प्रकारहै ।
1 -macd :- सबसे पहले हम टेक्निकल चार्ट के ऊपर वाले सेक्शन में जाएंगे और इंडिकेटर वाले बॉक्स जाकर macd टाइप करेंगे । इसके सेटिंग में कोई बदलाव नहीं करेंगे ।
2 -bollinger bands :- इसको भी हम ऊपर इंडिकेटर वाले बॉक्स में जाकर bollinger bands टाइप करेंगे तो हमे बड़े आसानी से निचे के तरफ दिख जायेगा इसे भी सेलेक्ट करेंगे । इसका सेटिंग डिफॉल्ट्स पर ही रहने देंगे ।
3 -time :- जो की हमे इंट्राडे के लिए कोई ट्रेड लेना है तो हुमकोई छोटा टाइम पीरियड को ही चुनेंगे । इसलिए intraday ट्रेड लेने के लिए हमने 15 मिनट का टाइम पीरियड का चुनाव कर लिया ।
आप चाहे तो इससे swing trading भी कर सकते हैं इसके बारे में भी हम अपने अगले ब्लॉग में बताएँगे की इस के मदद से हुमकिसी स्टॉक में स्विंग ट्रेडिंग कैसे कर सकते हैं । स्विंग ट्रेडिंग में इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता हैं ।
buy position
इस टेक्निकल चार्ट पर किसी स्टॉक को खरीदते समय हमे कुछ विशेष टॉपिक पर ध्यान देना आवस्यक है तभी हम कोई बढ़िया रिजल्ट को प्राप्त कर सकते है ।


- macd के सिग्नल को इनक्रीस रहना बहुत जरुरी हैं और इसके क्रॉस ओवर भी ध्यान देना होगा जैसे ही क्रॉस करे हम केवल किसी स्टॉक को buy करने के रेडी होना है , उस समय buy नहीं करना हैं ।
- जैसा की आप ऊपर इमेज में देख सकते हैं की इसमें में जो middle वाली रेखा है उसपर कोई छोटा ग्रीन कैंडल क्लोजिंग दे तभी हम बुय करेंगे वो भी उसका जो अगला कैंडल बनेगा वो उस ग्रीन कैंडल के हाई को ब्रेक कर दे तब । इमेज में आप देख सकते है की जहाँ पर मैंने buy किया है वो रेड कैंडल हैं जो पिछले ग्रीन कैंडल के हाई को तोडा है ।
- सबसे नीचेवाले लाइन का मूवमेंट(bollinger bands) में यदि ऊपर रहे तो हमारे लिए ट्रेड लेना बहुत अच्छा रहता है ।
stop loss :- यदि हम stop loss की बात करे तो , जिस कैंडल पे हम कोई स्टॉक को खरीदेंगे उसी के low price पर हमारा stop लोस्स लगेगा ।
sell :- intraday में 1% प्रॉफिट मिल जाए तो वही बहुत हैं हमे इससे ज्यादा की उम्मीद भी नहीं रखना चाहिए । यदि आप थोड़ा रिस्क लेना चाहते है तो जब तक macd का दोबारा ऊपर से निचे के तरफ क्रॉस करे तब हम स्टॉक को sell कर देंगे ।
FAQs-bollinger band indicator in hindi
बोलिंगर बैंड कितने सटीक हैं?
यदि इसे किसी दुसरे इंडिकेटर के साथ इस्तेमाल किया जाए तो इसकी एक्यूरेसी बहुत बढ़ जाती हैं .
बोलिंगर बैंड के लिए कौन सी समय सीमा सबसे अच्छी है?
हालाँकि इसे intraday में भी इस्तेमाल किया जाता हैं जाहाँ ५ मिनट का समय इस्तेमाल किया जाता हैं लेकिन बड़े टाइम पीरियड , मतलब 1 घटे से उपर में यह सबसे अच्छा काम करता हैं .
आप बोलिंगर बैंड कैसे पढ़ते हैं?
बोलिंगेर बैंड में २० दिन के मूविंग एवरेज का इस्तेमाल किया जाता हैं यदि उसके उपर है तो शेयर अपट्रेंड में हैं और निचे है तो शेयर डाउन ट्रेंड में हैं .
बोलिंगर बैंड कसने पर इसका क्या मतलब है?
इसका मतलब यह ही की जब बोलिंगेर बैंड की तीनो लाइन एकदम करीब आ जाती है तो इस समय उस शेयर में एक उछाल आने की संभवना होती हैं जो की उपर भी जा सकती है या निचे भी .